"भीतरकनिका राष्ट्रीय उद्यान": अवतरणों में अंतर

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'''भीतरकनिका राष्ट्रीय उद्यान''' (Bhitarkanika National Park) भारत के [[ओड़िशा]] राज्य के [[केन्द्रापड़ा ज़िले]] में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। यह 145 वर्ग किमी (56 वर्ग मील) पर फैला हुआ है। इसे 16 सितम्बर 1998 को सन् 1975 में निर्धारित एक केन्द्रीय क्षेत्र को लेकर नामांकित करा गया और 19 अगस्त 2002 को इसे [[रामसर सम्मेलन|रामसर स्थल]] का दर्जा मिल गया। ओड़िशा में [[चिल्का झील]] के बाद यह दूसरा रामसर स्थल है। यह राष्ट्रीय उद्यान '''भीतरकनिका वन्य अभयारणय''' (Bhitarkanika Wildlife Sanctuary) से घिरा हुआ है जो स्वयं एक 672 वर्ग किमी (259 वर्ग मील) के क्षेत्रफल पर विस्तारित है। पूर्व में [[गहीरमथा बालूतट]] और समुद्री अभयारण्य है, जो इसके [[दलदल]] और [[मैन्ग्रोव]] से ढके क्षेत्र को [[बंगाल की खाड़ी]] से अलग करता है। [[ब्राह्मणी नदी|ब्राह्मणी]], [[बैतरणी नदी|बैतरणी]], [[धामरा नदी|धामरा]] और पाठशाला नदियाँ राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य को जल पहुँचाती हैं। यहाँ कई मैन्ग्रोव जातियाँ हैं और यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा मैन्ग्रोव [[पारिस्थितिकी|पारिस्थितिक क्षेत्र]] है। राष्ट्रीय उद्यान में [[खारे पानी के मगरमच्छ]], भारतीय [[अजगर]], [[नागराज (सांप)|नाग]], [[काला बाज़ा]] (आइबिस पक्षी), [[डार्टर]] (पनकौआ) और कई अन्य प्राणी व वनस्पति जातियाँ पाई जाती हैं।<ref>{{Cite news |url=http://www.savingwetlands.com/wetlands-around-the-world/bhitarkanika-national-park-wetlands/|title=Bhitarkanika Wetlands of Odisha, India{{!}} Saving Wetlands |date=2017 |newspaper=Saving Wetlands |access-date=2017-09-13}}</ref>
'''भीतरकनिका राष्ट्रीय उद्यान''' (Bhitarkanika National Park) भारत के [[ओड़िशा]] राज्य के [[केन्द्रापड़ा ज़िले]] में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। इस उद्यान में भितरकनिका सदाबहार का 672 वर्ग किमी का क्षेत्र शामिल है,<ref>{{Cite web |url=http://bhitarkanika.in/ |title=संग्रहीत प्रति |access-date=25 अप्रैल 2011 |archive-url=https://web.archive.org/web/20110424203203/http://www.bhitarkanika.in/ |archive-date=24 अप्रैल 2011 |url-status=dead }}</ref> यह एक [[मैन्ग्रोव|सदाबहार दलदल]] है जो कि ब्राह्मणी, बैतरनी और धामरा [[डेल्टा|नदियों के मुहाने]] पर स्थित है। यह राष्ट्रीय पार्क, भितरकनिका वन्यजीव अभयारण्य से घिरा हुआ है। इसके पूर्व में गाहिरमथा बीच स्थित है और [[बंगाल की खाड़ी]] से वनस्पतियों को अलग करती है।


== वनस्पति और प्राणी ==
पार्क में खारे पानी के मगरमच्छों (''क्रोकोडिलस पोरोसस),'') सफेद मगरमच्छ, भारतीय अजगर, एक प्रकार के कालेपक्षी और बानकरों की अधिकता है। गाहिरमथा और पास के अन्य समुद्र तटों के घोंसलो पर ओलिव रिडले समुद्री कछुए (''लेपिडोचेलिस ओलिवासिया'') हैं।
=== वनस्पति ===
कच्छ वनस्पति, सुंदरी, थेस्पिया, कासुअरिना जैसे वृक्ष और नील झाड़ी और कई अन्य घास हैं।


=== प्राणी ===
राष्ट्रीय उद्यान को सितम्बर 1998 में भितरकनिका वन्यजीव अभयारण्य के कोर क्षेत्र से बनाया गया, जिसका निर्माण 1975 में किया गया था।
खारे पानी के मगरमच्छ, सफेद मगरमच्छ, भारतीय अजगर, एक प्रकार के काले पक्षी, जंगली सूअर, रीसस बंदरों, चीतल, बानकर, कोबरा, पानी में रहने वाली छिपकली आदि इस उद्यान की शोभा हैं। गाहिरमथा और अन्य पास के समुद्र तटों के घोंसले पर ओलिव रिडले समुद्री-कछुए रहते है। भारत में सबसे बड़े खतरे में रहे समुद्री मगरमच्छ की आबादी भितरकनिका में उपलब्ध है और 10 प्रतिशत वयस्क कछुओं की लंबाई 6 मीटर की है जो कि दुनिया भर में अनूठा है। लगभग 700 समुद्री मगरमच्छ नदियों और खाड़ियों में रहते हैं<ref>{{Cite web |url=http://www.wwfindia.org/about_wwf/what_we_do/freshwater_wetlands/our_work/ramsar_sites/bhitarkanika_mangroves_.cfm |title=भितरकनिका में मगरमच्छ |access-date=25 अप्रैल 2011 |archive-url=https://web.archive.org/web/20100224092448/http://www.wwfindia.org/about_wwf/what_we_do/freshwater_wetlands/our_work/ramsar_sites/bhitarkanika_mangroves_.cfm |archive-date=24 फ़रवरी 2010 |url-status=dead }}</ref>


==== पक्षी ====
== वनस्पति और जीव-जंतु ==
किंगफिशर की आठ किस्मों सहित पक्षिवृन्द की 215 प्रजातियां यहां पाए जाते हैं। एशियाई ओपन बिल, जलकौवा, बानकर, एक प्रकार के काले पक्षी, एग्रेट्स, जैसे पक्षियों को अक्सर उद्यान में देखा जाता है।

'''वनस्पति''' : कच्छ वनस्पति, सुंदरी, थेस्पिया, कासुअरिना जैसे वृक्ष और नील झाड़ी और कई अन्य घास हैं।

'''जीव''' : खारे पानी के मगरमच्छ, सफेद मगरमच्छ, भारतीय अजगर, एक प्रकार के काले पक्षी, जंगली सूअर, रीसस बंदरों, चीतल, बानकर, कोबरा, पानी में रहने वाली छिपकली आदि इस उद्यान की शोभा हैं। गाहिरमथा और अन्य पास के समुद्र तटों के घोंसले पर ओलिव रिडले समुद्री-कछुए रहते है। भारत में सबसे बड़े खतरे में रहे समुद्री मगरमच्छ की आबादी भितरकनिका में उपलब्ध है और 10 प्रतिशत वयस्क कछुओं की लंबाई 6 मीटर की है जो कि दुनिया भर में अनूठा है। लगभग 700 समुद्री मगरमच्छ नदियों और खाड़ियों में रहते हैं<ref>{{Cite web |url=http://www.wwfindia.org/about_wwf/what_we_do/freshwater_wetlands/our_work/ramsar_sites/bhitarkanika_mangroves_.cfm |title=भितरकनिका में मगरमच्छ |access-date=25 अप्रैल 2011 |archive-url=https://web.archive.org/web/20100224092448/http://www.wwfindia.org/about_wwf/what_we_do/freshwater_wetlands/our_work/ramsar_sites/bhitarkanika_mangroves_.cfm |archive-date=24 फ़रवरी 2010 |url-status=dead }}</ref>

'''एवियन-पशुवर्ग''' : किंगफिशर की आठ किस्मों सहित पक्षिवृन्द की 215 प्रजातियां यहां पाए जाते हैं। एशियाई ओपन बिल, जलकौवा, बानकर, एक प्रकार के काले पक्षी, एग्रेट्स, जैसे पक्षियों को अक्सर उद्यान में देखा जाता है।


== मैन्ग्रोव और वन्य जीवन ==
== मैन्ग्रोव और वन्य जीवन ==

मैन्ग्रोव, नमक सहिष्णु, जटिल और गतिशील पारिस्थितिकी तंत्र है जो कि उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय और अंतर - ज्वारीय क्षेत्र हैं। ओड़िसा के केंद्रापाड़ा जिल के उत्तर-पूर्वी कोने में ब्राहम्णी-बैतरनी नदी के मुहाने में स्थित भितरकनिका एक उपयुक्त, हरे भरे जीवंत पर्यावरण में स्थित है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी के साथ खाड़ियों के एक नेटवर्क के द्वारा यह क्षेत्र प्रतिच्छेद है। घुमावदार खाड़ियों और नदियों के बीच गली, भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यवहार्य मैन्ग्रोव पारिस्थितिकी तंत्र है। यह सदाबहार वन और आर्द्रभूमि की 672 किमी ². में फैली हुई है और यह सेंट्रल एशिया और यूरोप से सर्दियों के प्रवासियों सहित पक्षियों की लगभग 215 से भी अधिक प्रजातियों के लिए घर प्रदान करता है। विशाल नमक पानी मगरमच्छ और अन्य वन्य जीवन की विविधता इस पारिस्थितिकी तंत्र में रहते हैं जो कि एशिया में सबसे शानदार वन्य जीव क्षेत्र होने का गौरव प्रदान करता है।
मैन्ग्रोव, नमक सहिष्णु, जटिल और गतिशील पारिस्थितिकी तंत्र है जो कि उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय और अंतर - ज्वारीय क्षेत्र हैं। ओड़िसा के केंद्रापाड़ा जिल के उत्तर-पूर्वी कोने में ब्राहम्णी-बैतरनी नदी के मुहाने में स्थित भितरकनिका एक उपयुक्त, हरे भरे जीवंत पर्यावरण में स्थित है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी के साथ खाड़ियों के एक नेटवर्क के द्वारा यह क्षेत्र प्रतिच्छेद है। घुमावदार खाड़ियों और नदियों के बीच गली, भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यवहार्य मैन्ग्रोव पारिस्थितिकी तंत्र है। यह सदाबहार वन और आर्द्रभूमि की 672 किमी ². में फैली हुई है और यह सेंट्रल एशिया और यूरोप से सर्दियों के प्रवासियों सहित पक्षियों की लगभग 215 से भी अधिक प्रजातियों के लिए घर प्रदान करता है। विशाल नमक पानी मगरमच्छ और अन्य वन्य जीवन की विविधता इस पारिस्थितिकी तंत्र में रहते हैं जो कि एशिया में सबसे शानदार वन्य जीव क्षेत्र होने का गौरव प्रदान करता है।


145 किमी ² के एक क्षेत्र को भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान व्यापक अधिसूचना No.19686 / एफ और ई और दिनांक 16.9.1998 वन एवं पर्यावरण विभाग, ओड़िसा सरकार के रूप में अधिसूचित किया है। पारिस्थितिकी, जीवोमोर्फीलॉजिकल और जैविक पृष्ठभूमि जो सदाबहार जंगलों, नदियों, खाड़ियों, ज्वारनदमुख, वापसी पानी, सहवर्धित भूमि और कीचड़ फ्लैट भी शामिल है, के संबंध में यह काफी महत्वपूर्ण है। भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान भितरकनिका अभयारण्य का केन्द्रीय क्षेत्र है।
145 किमी² के एक क्षेत्र को भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान व्यापक अधिसूचना No.19686 / एफ और ई और दिनांक 16.9.1998 वन एवं पर्यावरण विभाग, ओड़िसा सरकार के रूप में अधिसूचित किया है। पारिस्थितिकी, जीवोमोर्फीलॉजिकल और जैविक पृष्ठभूमि जो सदाबहार जंगलों, नदियों, खाड़ियों, ज्वारनदमुख, वापसी पानी, सहवर्धित भूमि और कीचड़ फ्लैट भी शामिल है, के संबंध में यह काफी महत्वपूर्ण है। भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान भितरकनिका अभयारण्य का केन्द्रीय क्षेत्र है।


भितरकनिका वन्यजीव अभयारण्य की व्यापक अधिसूचना को घोषित किया गया जिसका नम्बर है No.6958/FF AH Dtd . 22.04.1975 और यह 672 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला है। अभयारण्य में सदाबहार वन घुमावदार नदियां, असंख्य क्रिस-पार ज्वारीय बाढ़ खाड़ी शामिल हैं जो कि पहले ही खतरे में रहे नमक पानी मगरमच्छ (क्रोकोडाइल पोरोसस) के लिए शरण प्रदान करते हैं। नदी के मुहाने के मगरमच्छ के अलावा, अभयारण्य पक्षिवृन्द, स्तनधारी और सांप आबादी में समृद्ध है। ये सदाबहार वन किंग कोबरा, भारतीय पाइथन और जल में रहने वाली छिपकली के लिए अच्छा निवास स्थान है। जल पक्षियों की एक बड़ी संख्या बगागाहन बगलाओं के घोंसला में घुमते हैं जो कि जून से अक्टूबर महिने में सुआजोरे खाड़ी के करीब भीतरकनिका वन क्षेत्र के भीतर लगभग 4 हेक्टेयर का एक क्षेत्र है। ज्यादातर पक्षी एशियाई ओपन बिल हैं। एग्रेट (सफ़ेद बगुला) एक प्रकार के काले पक्षी, जलकौवा, बानकर और अन्य.
भितरकनिका वन्यजीव अभयारण्य की व्यापक अधिसूचना को घोषित किया गया जिसका नम्बर है No.6958/FF AH Dtd . 22.04.1975 और यह 672 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला है। अभयारण्य में सदाबहार वन घुमावदार नदियां, असंख्य क्रिस-पार ज्वारीय बाढ़ खाड़ी शामिल हैं जो कि पहले ही खतरे में रहे नमक पानी मगरमच्छ (क्रोकोडाइल पोरोसस) के लिए शरण प्रदान करते हैं। नदी के मुहाने के मगरमच्छ के अलावा, अभयारण्य पक्षिवृन्द, स्तनधारी और सांप आबादी में समृद्ध है। ये सदाबहार वन किंग कोबरा, भारतीय पाइथन और जल में रहने वाली छिपकली के लिए अच्छा निवास स्थान है। जल पक्षियों की एक बड़ी संख्या बगागाहन बगलाओं के घोंसला में घुमते हैं जो कि जून से अक्टूबर महिने में सुआजोरे खाड़ी के करीब भीतरकनिका वन क्षेत्र के भीतर लगभग 4 हेक्टेयर का एक क्षेत्र है। ज्यादातर पक्षी एशियाई ओपन बिल हैं। एग्रेट (सफ़ेद बगुला) एक प्रकार के काले पक्षी, जलकौवा, बानकर और अन्य.
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भितरकनिका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से काफी समृद्ध है। इस जगह में आने वाले पर्यटक कणिका महल, भगवान जगन्नाथ मंदिर और कई अन्य मंदिरों पर जाकर वास्तविक संस्कृति का अनुभव कर सकते हैं।
भितरकनिका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से काफी समृद्ध है। इस जगह में आने वाले पर्यटक कणिका महल, भगवान जगन्नाथ मंदिर और कई अन्य मंदिरों पर जाकर वास्तविक संस्कृति का अनुभव कर सकते हैं।


== इन्हें भी देखें ==
== सन्दर्भ ==
* [[केन्द्रापड़ा ज़िला]]
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==बाहरी कड़ियाँ==
==बाहरी कड़ियाँ==
*[https://web.archive.org/web/20150924081040/http://www.prabhasakshi.com/ShowArticle.aspx?ArticleId=150813-163759-100000 भितरकनिका को विश्व धरोहर स्थल की सूची में मिल सकती है जगह] (प्रभासाक्षी)
*[https://web.archive.org/web/20150924081040/http://www.prabhasakshi.com/ShowArticle.aspx?ArticleId=150813-163759-100000 भितरकनिका को विश्व धरोहर स्थल की सूची में मिल सकती है जगह] (प्रभासाक्षी)


== सन्दर्भ ==
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{{भारत के राष्ट्रीय उद्यान}}


[[श्रेणी:उड़ीसा के राष्ट्रीय उद्यान]]
[[श्रेणी:उड़ीसा के राष्ट्रीय उद्यान]]
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[[श्रेणी:भारत के वन्य अभयारण्य]]
[[श्रेणी:भारत के वन्य अभयारण्य]]
[[श्रेणी:भारत के राष्ट्रीय उद्यान]]
[[श्रेणी:भारत के राष्ट्रीय उद्यान]]
[[श्रेणी:केन्द्रापड़ा ज़िला]]
{{भारत के राष्ट्रीय उद्यान}}

02:42, 20 जनवरी 2021 का अवतरण

भीतरकनिका राष्ट्रीय उद्यान
Bhitarkanika National Park
ଭିତରକନିକା ଜାତୀୟ ଉଦ୍ୟାନ
आईयूसीएन श्रेणी द्वितीय (II) (राष्ट्रीय उद्यान)
भीतरकनिका राष्ट्रीय उद्यान में सूर्योदय
भीतरकनिका राष्ट्रीय उद्यान की अवस्थिति दिखाता मानचित्र
भीतरकनिका राष्ट्रीय उद्यान की अवस्थिति दिखाता मानचित्र
अवस्थितिकेन्द्रापड़ा ज़िला, ओड़िशा, भारत
निकटतम शहरचाँदबाली
निर्देशांक20°45′N 87°0′E / 20.750°N 87.000°E / 20.750; 87.000निर्देशांक: 20°45′N 87°0′E / 20.750°N 87.000°E / 20.750; 87.000
क्षेत्रफल145 कि॰मी2 (56 वर्ग मील)
स्थापित16 सितम्बर 1998
शासी निकायवन एवं पर्यावरण मंत्रालय, भारत सरकार
www.bhitarkanikanationalpark.com

भीतरकनिका राष्ट्रीय उद्यान (Bhitarkanika National Park) भारत के ओड़िशा राज्य के केन्द्रापड़ा ज़िले में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। यह 145 वर्ग किमी (56 वर्ग मील) पर फैला हुआ है। इसे 16 सितम्बर 1998 को सन् 1975 में निर्धारित एक केन्द्रीय क्षेत्र को लेकर नामांकित करा गया और 19 अगस्त 2002 को इसे रामसर स्थल का दर्जा मिल गया। ओड़िशा में चिल्का झील के बाद यह दूसरा रामसर स्थल है। यह राष्ट्रीय उद्यान भीतरकनिका वन्य अभयारणय (Bhitarkanika Wildlife Sanctuary) से घिरा हुआ है जो स्वयं एक 672 वर्ग किमी (259 वर्ग मील) के क्षेत्रफल पर विस्तारित है। पूर्व में गहीरमथा बालूतट और समुद्री अभयारण्य है, जो इसके दलदल और मैन्ग्रोव से ढके क्षेत्र को बंगाल की खाड़ी से अलग करता है। ब्राह्मणी, बैतरणी, धामरा और पाठशाला नदियाँ राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य को जल पहुँचाती हैं। यहाँ कई मैन्ग्रोव जातियाँ हैं और यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा मैन्ग्रोव पारिस्थितिक क्षेत्र है। राष्ट्रीय उद्यान में खारे पानी के मगरमच्छ, भारतीय अजगर, नाग, काला बाज़ा (आइबिस पक्षी), डार्टर (पनकौआ) और कई अन्य प्राणी व वनस्पति जातियाँ पाई जाती हैं।[1]

वनस्पति और प्राणी

वनस्पति

कच्छ वनस्पति, सुंदरी, थेस्पिया, कासुअरिना जैसे वृक्ष और नील झाड़ी और कई अन्य घास हैं।

प्राणी

खारे पानी के मगरमच्छ, सफेद मगरमच्छ, भारतीय अजगर, एक प्रकार के काले पक्षी, जंगली सूअर, रीसस बंदरों, चीतल, बानकर, कोबरा, पानी में रहने वाली छिपकली आदि इस उद्यान की शोभा हैं। गाहिरमथा और अन्य पास के समुद्र तटों के घोंसले पर ओलिव रिडले समुद्री-कछुए रहते है। भारत में सबसे बड़े खतरे में रहे समुद्री मगरमच्छ की आबादी भितरकनिका में उपलब्ध है और 10 प्रतिशत वयस्क कछुओं की लंबाई 6 मीटर की है जो कि दुनिया भर में अनूठा है। लगभग 700 समुद्री मगरमच्छ नदियों और खाड़ियों में रहते हैं[2]

पक्षी

किंगफिशर की आठ किस्मों सहित पक्षिवृन्द की 215 प्रजातियां यहां पाए जाते हैं। एशियाई ओपन बिल, जलकौवा, बानकर, एक प्रकार के काले पक्षी, एग्रेट्स, जैसे पक्षियों को अक्सर उद्यान में देखा जाता है।

मैन्ग्रोव और वन्य जीवन

मैन्ग्रोव, नमक सहिष्णु, जटिल और गतिशील पारिस्थितिकी तंत्र है जो कि उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय और अंतर - ज्वारीय क्षेत्र हैं। ओड़िसा के केंद्रापाड़ा जिल के उत्तर-पूर्वी कोने में ब्राहम्णी-बैतरनी नदी के मुहाने में स्थित भितरकनिका एक उपयुक्त, हरे भरे जीवंत पर्यावरण में स्थित है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी के साथ खाड़ियों के एक नेटवर्क के द्वारा यह क्षेत्र प्रतिच्छेद है। घुमावदार खाड़ियों और नदियों के बीच गली, भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यवहार्य मैन्ग्रोव पारिस्थितिकी तंत्र है। यह सदाबहार वन और आर्द्रभूमि की 672 किमी ². में फैली हुई है और यह सेंट्रल एशिया और यूरोप से सर्दियों के प्रवासियों सहित पक्षियों की लगभग 215 से भी अधिक प्रजातियों के लिए घर प्रदान करता है। विशाल नमक पानी मगरमच्छ और अन्य वन्य जीवन की विविधता इस पारिस्थितिकी तंत्र में रहते हैं जो कि एशिया में सबसे शानदार वन्य जीव क्षेत्र होने का गौरव प्रदान करता है।

145 किमी² के एक क्षेत्र को भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान व्यापक अधिसूचना No.19686 / एफ और ई और दिनांक 16.9.1998 वन एवं पर्यावरण विभाग, ओड़िसा सरकार के रूप में अधिसूचित किया है। पारिस्थितिकी, जीवोमोर्फीलॉजिकल और जैविक पृष्ठभूमि जो सदाबहार जंगलों, नदियों, खाड़ियों, ज्वारनदमुख, वापसी पानी, सहवर्धित भूमि और कीचड़ फ्लैट भी शामिल है, के संबंध में यह काफी महत्वपूर्ण है। भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान भितरकनिका अभयारण्य का केन्द्रीय क्षेत्र है।

भितरकनिका वन्यजीव अभयारण्य की व्यापक अधिसूचना को घोषित किया गया जिसका नम्बर है No.6958/FF AH Dtd . 22.04.1975 और यह 672 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला है। अभयारण्य में सदाबहार वन घुमावदार नदियां, असंख्य क्रिस-पार ज्वारीय बाढ़ खाड़ी शामिल हैं जो कि पहले ही खतरे में रहे नमक पानी मगरमच्छ (क्रोकोडाइल पोरोसस) के लिए शरण प्रदान करते हैं। नदी के मुहाने के मगरमच्छ के अलावा, अभयारण्य पक्षिवृन्द, स्तनधारी और सांप आबादी में समृद्ध है। ये सदाबहार वन किंग कोबरा, भारतीय पाइथन और जल में रहने वाली छिपकली के लिए अच्छा निवास स्थान है। जल पक्षियों की एक बड़ी संख्या बगागाहन बगलाओं के घोंसला में घुमते हैं जो कि जून से अक्टूबर महिने में सुआजोरे खाड़ी के करीब भीतरकनिका वन क्षेत्र के भीतर लगभग 4 हेक्टेयर का एक क्षेत्र है। ज्यादातर पक्षी एशियाई ओपन बिल हैं। एग्रेट (सफ़ेद बगुला) एक प्रकार के काले पक्षी, जलकौवा, बानकर और अन्य.

आकर्षण

भितरकनिका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से काफी समृद्ध है। इस जगह में आने वाले पर्यटक कणिका महल, भगवान जगन्नाथ मंदिर और कई अन्य मंदिरों पर जाकर वास्तविक संस्कृति का अनुभव कर सकते हैं।

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

सन्दर्भ

  1. "Bhitarkanika Wetlands of Odisha, India| Saving Wetlands". Saving Wetlands. 2017. अभिगमन तिथि 2017-09-13.
  2. "भितरकनिका में मगरमच्छ". मूल से 24 फ़रवरी 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 अप्रैल 2011.