"उत्तरायण सूर्य": अवतरणों में अंतर
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'''उत्तरायण सूर्य''', सूर्य की एक दशा है।'उत्तरायण' (= उत्तर + अयन) का शाब्दिक अर्थ है - 'उत्तर में गमन'। दिन के समय सूर्य के उच्चतम बिंदु को यदि दैनिक तौर पर देखा जाये तो उत्तरायण के दौरान वह बिंदु हर दिन उत्तर की और बढ़ता हुआ दिखेगा। |
'''उत्तरायण सूर्य''', सूर्य की एक दशा है।'उत्तरायण' (= उत्तर + अयन) का शाब्दिक अर्थ है - 'उत्तर में गमन'। दिन के समय सूर्य के उच्चतम बिंदु को यदि दैनिक तौर पर देखा जाये तो उत्तरायण के दौरान वह बिंदु हर दिन उत्तर की और बढ़ता हुआ दिखेगा। |
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उत्तरायण की दशा में पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में दिन लम्बे होते जाते हैं और रातें छोटी। उत्तरायण का आरंभ |
उत्तरायण की दशा में पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में दिन लम्बे होते जाते हैं और रातें छोटी। उत्तरायण का आरंभ 25 दिसंबर को होता है। यह दशा २१ जून तक रहती है। उसके बाद दक्षिणायन प्रारंभ होता है जिसमें दिन छोटे और रात लम्बी होती जाती है। |
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[[मकर संक्रान्ति|मकर संक्रांति]] उत्तरायण से भिन्न है। मकर संक्रांति वर्तमान शताब्दी में १४ जनवरी को होती है। |
[[मकर संक्रान्ति|मकर संक्रांति]] उत्तरायण से भिन्न है। मकर संक्रांति वर्तमान शताब्दी में १४ जनवरी को होती है। |
03:21, 14 जनवरी 2021 का अवतरण
उत्तरायण सूर्य, सूर्य की एक दशा है।'उत्तरायण' (= उत्तर + अयन) का शाब्दिक अर्थ है - 'उत्तर में गमन'। दिन के समय सूर्य के उच्चतम बिंदु को यदि दैनिक तौर पर देखा जाये तो उत्तरायण के दौरान वह बिंदु हर दिन उत्तर की और बढ़ता हुआ दिखेगा।
उत्तरायण की दशा में पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में दिन लम्बे होते जाते हैं और रातें छोटी। उत्तरायण का आरंभ 25 दिसंबर को होता है। यह दशा २१ जून तक रहती है। उसके बाद दक्षिणायन प्रारंभ होता है जिसमें दिन छोटे और रात लम्बी होती जाती है।
मकर संक्रांति उत्तरायण से भिन्न है। मकर संक्रांति वर्तमान शताब्दी में १४ जनवरी को होती है।