"शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी": अवतरणों में अंतर
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'''शम्सुर्रहमान फारुकी''' [[सरस्वती सम्मान]] से सम्मानित [[साहित्यकार]] और उर्दू ज़बान व अदब के नामवर [[आलोचना|आलोचक]] थे। उनको उर्दू आलोचना के टी. एस. एलियट के रूप में माना जाता है और उन्होंने साहित्यिक समीक्षा के नए मॉडल तैयार किए हैं।<ref name="columbia">{{cite web|url=http://www.columbia.edu/itc/mealac/pritchett/00fwp/srf/txt_kazimi.html|title=Shamsur Rehman Faruqi - The master critic|publisher=Columbia.Edu (source=[[Dawn (newspaper)|Daily Dawn]]-11 July 2004)|accessdate=2012-08-25|archive-url=https://web.archive.org/web/20150919025410/http://www.columbia.edu/itc/mealac/pritchett/00fwp/srf/txt_kazimi.html|archive-date=19 सितंबर 2015|url-status=dead}}</ref> इनके द्वारा रचित एक [[आलोचना|समालोचना]] ''[[तनक़ीदी अफ़कार]]'' के लिये उन्हें सन् 1986 में [[साहित्य अकादमी पुरस्कार]] ([[साहित्य अकादमी पुरस्कार उर्दू|उर्दू]]) से सम्मानित किया गया।<ref name="sahitya">{{cite web | url=http://sahitya-akademi.gov.in/sahitya-akademi/awards/akademi%20samman_suchi_h.jsp | title=अकादमी पुरस्कार | publisher=साहित्य अकादमी | accessdate=11 सितंबर 2016 | archive-url=https://web.archive.org/web/20160915135020/http://sahitya-akademi.gov.in/sahitya-akademi/awards/akademi%20samman_suchi_h.jsp | archive-date=15 सितंबर 2016 | url-status=dead }}</ref>निधन 25 दिसंबर 2020।<ref>[https://www.bbc.com/hindi/india-55447769 शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी : अदब का चाँद अब आसमां का हो गया], राना सफ़वी, इतिहासकार, बीबीसी हिंदी के लिए, 26 दिसंबर 2020</ref> |
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== प्रारंभिक जीवन == |
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शम्सुर्रहमान का जन्म |
शम्सुर्रहमान का जन्म 30 सितंबर 1935 को भारत में हुआ था। उन्होंने अंग्रेजी में (एमए) की डिग्री 1955 में [[इलाहाबाद विश्वविद्यालय]] से प्राप्त की। उनके माता-पिता अलग अलग पृष्ठभूमि के थे - पिता देवबंदी मुसलमान थे जबकि मां का घर काफी उदार था। उनकी परवरिश उदार वातावरण में हुई, वह मुहर्रम और शबे बारात के साथ होली भी मना लिया करता था।<ref>{{Cite web |url=http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2015/03/150323_shamsur_rehman_farooki_interview_pm |title=संग्रहीत प्रति |access-date=27 मार्च 2015 |archive-url=https://web.archive.org/web/20150603075615/http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2015/03/150323_shamsur_rehman_farooki_interview_pm |archive-date=3 जून 2015 |url-status=live }}</ref> |
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== सन्दर्भ == |
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03:25, 28 दिसम्बर 2020 का अवतरण
शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी شمس الرحمٰن فاروقی | |
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जन्म | शम्सुर्रहमान फारुकी 30 सितंबर 1935 आज़मगढ़, उत्तर प्रदेश |
मौत | 25 दिसम्बर 2020 इलाहाबाद | (उम्र 85)
पेशा | कवि, आलोचक |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
शम्सुर्रहमान फारुकी सरस्वती सम्मान से सम्मानित साहित्यकार और उर्दू ज़बान व अदब के नामवर आलोचक थे। उनको उर्दू आलोचना के टी. एस. एलियट के रूप में माना जाता है और उन्होंने साहित्यिक समीक्षा के नए मॉडल तैयार किए हैं।[1] इनके द्वारा रचित एक समालोचना तनक़ीदी अफ़कार के लिये उन्हें सन् 1986 में साहित्य अकादमी पुरस्कार (उर्दू) से सम्मानित किया गया।[2]निधन 25 दिसंबर 2020।[3]
प्रारंभिक जीवन
शम्सुर्रहमान का जन्म 30 सितंबर 1935 को भारत में हुआ था। उन्होंने अंग्रेजी में (एमए) की डिग्री 1955 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से प्राप्त की। उनके माता-पिता अलग अलग पृष्ठभूमि के थे - पिता देवबंदी मुसलमान थे जबकि मां का घर काफी उदार था। उनकी परवरिश उदार वातावरण में हुई, वह मुहर्रम और शबे बारात के साथ होली भी मना लिया करता था।[4]
सन्दर्भ
- ↑ "Shamsur Rehman Faruqi - The master critic". Columbia.Edu (source=Daily Dawn-11 July 2004). मूल से 19 सितंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2012-08-25.
- ↑ "अकादमी पुरस्कार". साहित्य अकादमी. मूल से 15 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 सितंबर 2016.
- ↑ शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी : अदब का चाँद अब आसमां का हो गया, राना सफ़वी, इतिहासकार, बीबीसी हिंदी के लिए, 26 दिसंबर 2020
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 3 जून 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 मार्च 2015.
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