"अवकलज": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Graph of sliding derivative line.gif|right|thumb|400px|एक वक्र के विभिन्न बिन्दुओं पर प्रवणता (स्लोप) वास्तव में उस बिन्दु पर '''x''' के सापेक्ष '''y''' का मान बढ़ने की दर के बराबर होता है।]]
[[चित्र:Graph of sliding derivative line.gif|right|thumb|400px|एक वक्र के विभिन्न बिन्दुओं पर प्रवणता (स्लोप) वास्तव में उस बिन्दु पर '''x''' के सापेक्ष '''y''' का मान बढ़ने की दर के बराबर होता है।]]


[[File:What is derivative (animation).gif|thumb|एनीमेशन जो व्युत्पन्न का एक सहज ज्ञान युक्त विचार देता है, क्योंकि फ़ंक्शन बदलते समय "स्विंग" बदल जाता है, जब तर्क बदलता है]]
[[File:What is derivative (animation).gif|thumb|एनीमेशन जो व्युत्पन्न का एक सहज ज्ञान युक्त विचार देता है, क्योंकि फ़ंक्शन बदलते समय "स्विंग" बदल जाता है, जब तर्क बदलता है]]


किसी चर राशि के किसी अन्य चर राशि के सम्बन्ध में तात्कालिक बदलाव की दर की गणना को '''अवकलन''' (Differentiation) कहते हैं तथा इस क्रिया द्वारा प्राप्त दर को '''अवकलज''' (Derivative) कहते हैं।
किसी चर राशि के किसी अन्य चर राशि के सम्बन्ध में तात्कालिक बदलाव की दर की गणना को '''अवकलन''' (Differentiation) कहते हैं तथा इस क्रिया द्वारा प्राप्त दर को '''अवकलज''' (Derivative) कहते हैं।

02:00, 23 नवम्बर 2020 का अवतरण

एक वक्र के विभिन्न बिन्दुओं पर प्रवणता (स्लोप) वास्तव में उस बिन्दु पर x के सापेक्ष y का मान बढ़ने की दर के बराबर होता है।
एनीमेशन जो व्युत्पन्न का एक सहज ज्ञान युक्त विचार देता है, क्योंकि फ़ंक्शन बदलते समय "स्विंग" बदल जाता है, जब तर्क बदलता है

किसी चर राशि के किसी अन्य चर राशि के सम्बन्ध में तात्कालिक बदलाव की दर की गणना को अवकलन (Differentiation) कहते हैं तथा इस क्रिया द्वारा प्राप्त दर को अवकलज (Derivative) कहते हैं।

यह किसी फलन को किसी चर राशि के साथ बढ़ने की दर को मापता है। जैसे यदि कोई फलन y किसी चर राशि x पर निर्भर है और x का मान x1 से x2 करने पर y का मान y1 से y2 हो जाता है तो (y2-y1)/(x2-x1) को y का x के सन्दर्भ में अवकलज कहते हैं। इसे dy/dx से निरूपित किया जाता है। ध्यान रहे कि परिवर्तन (x2 - x1) सूक्ष्म से सूक्ष्मतम (tend to zero) होना चाहिये। इसीलिये सीमा (limit) का अवकलन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। किसी वक्र (curve) का किसी बिन्दु पर प्रवणता (slope) जानने के लिये उस बिन्दु पर अवकलज की गणना करनी पड़ती है।

परिभाषा

फलन ƒ का बिन्दु a पर अवकलज निम्नलिखित सीमा के बराबर होता है (बशर्ते सीमा का अस्तित्व हो) -

यदि सीमा का अस्तित्व है तो ƒ बिन्दु a पर अवकलनीय कहलाता है।

उदाहरण

d/dx (ज्या(x)) = कोज(x)

d/dx (कोज (x)) = - ज्या (x)

समाकलन और अवकलन एक दूसरे के व्युत्क्रम क्रियायें (inverse operations) हैं।

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ