"राजमाता रानी एलिज़ाबेथ": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
No edit summary
टैग {{स्रोतहीन}} लेख में जोड़ा जा रहा (ट्विंकल)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{स्रोतहीन|date=नवम्बर 2020}}
[[File:Queen Elizabeth the Queen Mother portrait.jpg|thumb|right|200px|राजमाता रानी एलिज़ाबेथ]]
[[File:Queen Elizabeth the Queen Mother portrait.jpg|thumb|right|200px|राजमाता रानी एलिज़ाबेथ]]
'''एलिजाबेथ एंजेला मॉर्गरीट बोवेस-ल्यों''' (4 अगस्त 1900-30 मार्च 2002), राजा [[जॉर्ज षष्ठम्]] की पत्नी और महारानी [[एलिज़ाबेथ द्वितीय|एलिजाबेथ द्वितीय]] और राजकुमारी मार्गरेट की माँ थी। वे 1936 में अपने पति के परिग्रहण से 1952 में अपनी मृत्यु तक यूनाइटेड किंगडम की क्वीन कनसोर्ट रही, जिसके बाद  उन्हे '''रानी माँ महारानी एलिजाबेथ''' के रूप में जाना जाता था। वे भारत की आखिरी क्वीन कनसोर्ट (महाराजा की पत्नी) थी।
'''एलिजाबेथ एंजेला मॉर्गरीट बोवेस-ल्यों''' (4 अगस्त 1900-30 मार्च 2002), राजा [[जॉर्ज षष्ठम्]] की पत्नी और महारानी [[एलिज़ाबेथ द्वितीय|एलिजाबेथ द्वितीय]] और राजकुमारी मार्गरेट की माँ थी। वे 1936 में अपने पति के परिग्रहण से 1952 में अपनी मृत्यु तक यूनाइटेड किंगडम की क्वीन कनसोर्ट रही, जिसके बाद  उन्हे '''रानी माँ महारानी एलिजाबेथ''' के रूप में जाना जाता था। वे भारत की आखिरी क्वीन कनसोर्ट (महाराजा की पत्नी) थी।

02:36, 19 नवम्बर 2020 का अवतरण

राजमाता रानी एलिज़ाबेथ

एलिजाबेथ एंजेला मॉर्गरीट बोवेस-ल्यों (4 अगस्त 1900-30 मार्च 2002), राजा जॉर्ज षष्ठम् की पत्नी और महारानी एलिजाबेथ द्वितीय और राजकुमारी मार्गरेट की माँ थी। वे 1936 में अपने पति के परिग्रहण से 1952 में अपनी मृत्यु तक यूनाइटेड किंगडम की क्वीन कनसोर्ट रही, जिसके बाद  उन्हे रानी माँ महारानी एलिजाबेथ के रूप में जाना जाता था। वे भारत की आखिरी क्वीन कनसोर्ट (महाराजा की पत्नी) थी।

जीवनी

ब्रिटेन के एक कुलीन परिवार में जन्मी माननीया एलिजाबेथ बोवेस-ल्यों, 1904 मे उनके पिता को स्कॉटिश अर्लडम विरासत में मिलने के बाद, लेडी एलिजाबेथ बोवेस-ल्यों के नााम से जानी गयी।1923 में राजा जॉर्ज पंचम और क्वीन मैरी के दूसरे पुत्र, अल्बर्ट, ड्यूक ऑफ यॉर्क  से विवाह के बााद उन्हे शोहरत मिली। उनकी सार्वजनिक अभिव्यक्ति के अनुरूप उन्हे "मुस्कुराती हुई रानी" कहा गया।

1936 में एडवर्ड अष्टम ने एक अमेरिकी तलाकशुदा, वालिस सिम्पसन, से विवाह करने के लिए राजगद्दी का त्याग कर दिया, जिस कारण उनके भाई और एलिजाबेथ के पति अप्रत्याशित रूप से राजा बन गए। इसके साथ एलिजाबेथ महारानी बन गयी। द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत से पहले, वे उनके पति के साथ फ्रांस और उत्तरी अमेरिका की राजनयिक यात्रा के लिए गयी। युद्ध के दौरान, उनकी अदम्य भावना से  ब्रिटिश जनता को नैतिक समर्थन मिला। ब्रिटिश हितों के लिए उनकी भूमिका के कारण, एडॉल्फ हिटलर ने उन्हे " यूरोप की सबसे खतरनाक सत्री " के रूप में वर्णित किया। युद्ध के बाद, उनके पति का स्वास्थ्य बिगड गया और वे 51 साल की उम्र में विधवा हो गयी।उनकी 25 वर्षीया पुत्री नयी महारानी बनी।

निधन

101 वर्ष की आयु में उनके निधन तक वे सार्वजनिक जीवन मे सक्रिय रही। उनकी छोटी बेटी, राजकुमारी मार्गरेट की मृत्यु के सात सप्ताह बाद ही उनका देहान्त हो गया।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ