"सबलगढ़ किला": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
छो HotCat द्वारा श्रेणी:क़िले हटाई; श्रेणी:दुर्ग जोड़ी |
सबल सिंह चौहान की जगह सबल सिंह गुर्जर लिखा है टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
||
पंक्ति 11: | पंक्ति 11: | ||
|coordinates = {{coord|26|14|28.8|N|77|24|20.2|E|type:landmark|display=inline}} |
|coordinates = {{coord|26|14|28.8|N|77|24|20.2|E|type:landmark|display=inline}} |
||
|built = १७-१८वीं सदी |
|built = १७-१८वीं सदी |
||
|builder = सबल सिंह |
|builder = सबल सिंह गुर्जर,बाद में(गोपाल सिंह) |
||
|materials = पत्थर, बलुआ पत्थर |
|materials = पत्थर, बलुआ पत्थर |
||
|height = |
|height = |
||
पंक्ति 29: | पंक्ति 29: | ||
|caption2 = |
|caption2 = |
||
}} |
}} |
||
'''सबलगढ़ किला''' [[सबलगढ़]] नगर में [[मुरैना]] से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर है। मध्यकाल में बना यह किला एक पहाड़ी के शिखर बना हुआ है। इस किले की नींव सबल सिंह |
'''सबलगढ़ किला''' [[सबलगढ़]] नगर में [[मुरैना]] से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर है। मध्यकाल में बना यह किला एक पहाड़ी के शिखर बना हुआ है। इस किले की नींव सबल सिंह गुर्जर ने डाली थी जबकि करौली के महाराजा गोपाल सिंह ने 18वीं शताब्दी में इसे पूरा करवाया था। कुछ समय बाद सिंकदर लोदी ने इस किले को अपने नियंत्रण में ले लिया था लेकिन बाद में करौली के राजा ने मराठों की मदद से इस पर पुन: अधिकार कर लिया। किले के पीछे सिंधिया काल में बना एक बांध है, जहां की सुंदरता देखते ही बनती है। सबलगढ़ का किला अत्यंत सुन्दर एवं मनमोहक है। |
||
{{भारत के दुर्ग}} |
{{भारत के दुर्ग}} |
18:00, 1 नवम्बर 2020 का अवतरण
सबलगढ़ दुर्ग | |
---|---|
बाद में (करौली राजवंश) का भाग | |
सबलगढ़, मध्य प्रदेश | |
निर्देशांक | 26°14′28.8″N 77°24′20.2″E / 26.241333°N 77.405611°E |
प्रकार | रक्षा किला |
स्थल जानकारी | |
नियंत्रक | मध्य प्रदेश सरकार |
जनप्रवेश | हां |
दशा | स्मारक |
स्थल इतिहास | |
निर्मित | १७-१८वीं सदी |
निर्माता | सबल सिंह गुर्जर,बाद में(गोपाल सिंह) |
प्रयोगाधीन | नहीं |
सामग्री | पत्थर, बलुआ पत्थर |
सबलगढ़ किला सबलगढ़ नगर में मुरैना से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर है। मध्यकाल में बना यह किला एक पहाड़ी के शिखर बना हुआ है। इस किले की नींव सबल सिंह गुर्जर ने डाली थी जबकि करौली के महाराजा गोपाल सिंह ने 18वीं शताब्दी में इसे पूरा करवाया था। कुछ समय बाद सिंकदर लोदी ने इस किले को अपने नियंत्रण में ले लिया था लेकिन बाद में करौली के राजा ने मराठों की मदद से इस पर पुन: अधिकार कर लिया। किले के पीछे सिंधिया काल में बना एक बांध है, जहां की सुंदरता देखते ही बनती है। सबलगढ़ का किला अत्यंत सुन्दर एवं मनमोहक है।
यह लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। |