"सत्यभामा": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
No edit summary टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
रोहित साव27 (वार्ता | योगदान) छो 2409:4051:4E8E:2207:BC4C:DF74:A57B:58C7 (वार्ता) के 1 संपादन वापस करके अनुनाद सिंहके अंतिम अवतरण को स्थापित किया (ट्विंकल) टैग: किए हुए कार्य को पूर्ववत करना |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
[[चित्र:Satya4.jpg|thumb|The Wedding of Satyabhama and Krishna from Bhagavata Purana]] |
[[चित्र:Satya4.jpg|thumb|The Wedding of Satyabhama and Krishna from Bhagavata Purana]] |
||
'''सत्यभामा''' सत्राजित की कन्या और कृष्ण की चार मुख्य स्त्रियों में से एक। इनसे कृष्ण को दस पुत्र हुए जिनके नाम भानु, सुभानु, स्वरभानु आदि थे। [[सूर्य]] ने जो [[स्यमंतक मणि]] सत्यभामा के पिता को दी थी उसे शतधन्वन ने सत्राजित की हत्या करके छीन लिया। अंत में यह मणि अक्रूर के पास निकली और उसके अधिकारियों में से सत्यभामा भी एक थीं। परंतु निर्णय हुआ कि अक्रूर ही इस मणि को अपने पास रखें। भगवान [[कृष्ण]] ने सत्यभामा की सहायता से ही [[नरकासुर]] नामक राक्षस का संहार किया था। |
'''सत्यभामा''' सत्राजित की कन्या और कृष्ण की चार मुख्य स्त्रियों में से एक। इनसे कृष्ण को दस पुत्र हुए जिनके नाम भानु, सुभानु, स्वरभानु आदि थे। [[सूर्य]] ने जो [[स्यमंतक मणि]] सत्यभामा के पिता को दी थी उसे शतधन्वन ने सत्राजित की हत्या करके छीन लिया। अंत में यह मणि अक्रूर के पास निकली और उसके अधिकारियों में से सत्यभामा भी एक थीं। परंतु निर्णय हुआ कि अक्रूर ही इस मणि को अपने पास रखें। भगवान [[कृष्ण]] ने सत्यभामा की सहायता से ही [[नरकासुर]] नामक राक्षस का संहार किया था। |
||
==इन्हें भी देखें== |
==इन्हें भी देखें== |
18:39, 4 अगस्त 2020 का अवतरण
सत्यभामा सत्राजित की कन्या और कृष्ण की चार मुख्य स्त्रियों में से एक। इनसे कृष्ण को दस पुत्र हुए जिनके नाम भानु, सुभानु, स्वरभानु आदि थे। सूर्य ने जो स्यमंतक मणि सत्यभामा के पिता को दी थी उसे शतधन्वन ने सत्राजित की हत्या करके छीन लिया। अंत में यह मणि अक्रूर के पास निकली और उसके अधिकारियों में से सत्यभामा भी एक थीं। परंतु निर्णय हुआ कि अक्रूर ही इस मणि को अपने पास रखें। भगवान कृष्ण ने सत्यभामा की सहायता से ही नरकासुर नामक राक्षस का संहार किया था।