"गजनाई": अवतरणों में अंतर
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== अवस्थिति == |
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सोजत]] तहसील क्षेत्र में है। |
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[[चित्र:Afghanistan-Ghazni.png|thumb|220px|[[अफ़ग़ानिस्तान|अफ़्ग़ानिस्तान]] का ग़ज़नी प्रान्त (लाल रंग में)]] |
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== जनसंख्या == |
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'''ग़ज़नी''' (<small>[[पश्तो भाषा|पश्तो]]: {{Nastaliq|ur|غزني}}, [[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेजी]]: Ghazni</small>) [[अफ़ग़ानिस्तान|अफ़्ग़ानिस्तान]] का एक प्रांत है जो उस देश के दक्षिण-पूर्वी भाग में स्थित है। इस प्रान्त का क्षेत्रफल २२,९१५ वर्ग किमी है और इसकी आबादी सन् २००२ में लगभग ९.३ लाख अनुमानित की गई थी। इस प्रान्त की राजधानी [[ग़ज़नी]] शहर है। ग़ज़नी प्रान्त [[काबुल]] से [[कांधार|कंदहार]] जाने वाले राजमार्ग पर आता है और इतिहास में उन दोनों के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र रहा है। इस प्रान्त में लगभग आधे लोग [[पठान|पश्तून]] हैं लेकिन यहाँ [[हज़ारा लोग]]ों और [[ताजिक लोग]]ों के भी बड़े समुदाय रहते हैं। |
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गजनाई गाँव सन् २०११ की जनगणना के अनुसार ९९४ जनसंख्या एवं २०२ घर है। यह [[पाली जिला|पाली]] से ७६ कि.मी. और [[सोजत]] से ३४ कि.मी. पर स्थित है। गजनाई गाँव - खोड़िया, [[लाखाखेत]], सांडमगरा, पोकरिया नाड़ी, सालरमाला, दादी, इत्यादि गाँव रावत-राजपूत बाहुल्य क्षेत्र के बीच में बसा हुआ है। गजनाई गाँव गुडा बींजा ग्राम पंचायत के अंतर्गत है। |
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== इन्हें भी देखें == |
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== इतिहास == |
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* [[अफ़ग़ानिस्तान|अफ़्ग़ानिस्तान]] |
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गजनाई गाँव बहुत ही प्राचीन गाँव है । गजनाई गाँव [[अरावली पर्वतमाला]] की पहाडियों में बसा हुआ है, जिसने कहीं राजाओं, राव, ठाकुरों और सामंतों को बाहरी आक्रमण के समय शरणस्थली के रूप में जगह दी है। इनका नामकरण -गजनी, गजनाका,गजनगढ, गजनआई , गजनई होतें होतें गजनाई गाँव पुकारा जाने लगा। |
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गजनाई गाँव प्राकृतिक आपदा (प्रलय) बाहरी शक्तियों से कहीं बार बसा और ऊजड़ा (नष्ट) हुआ। यहाँ हुण (हूल), चौहान, सिंघल एवं राठौड़ शासकों का शासन रहा है। गजनाई गाँव में चमत्कारी योगी तपस्वी श्री कंवल नाथ (कंवर नाथ) कंवल पहाडी पर तपस्या किया करते थे। कहते हैं कि इन पहाडी के चारों ओर घनी आबादी रहती थी। प्राकृतिक आपदा/श्रापित से ऊजड़ (नष्ट) हो गई। अब भी इन पहाडी के इर्द-गिर्द रेतीलें टीब्बों में जानवरों एवं मिट्टी के बर्तनों के अवशेष देखनें को मिल जातें हैं। |
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“[[गिरी-सुमेल का युद्ध|गिरी-सुमेल युद्ध]]<nowiki/>” के योद्धा जैता-कूंपा के साथ [[नरा चौहान|नराजी चौहान राजपूत]] जो कि [[जोधपुर रियासत|जोधपुर]] के शासक [[राव मालदेव]] राठौड़ की ओर से शेरशाह के विरुद्ध अपने ३ हजार राजपूत सैनिकों के नेतृत्व में युद्ध किया, इस युद्ध में [[जोधपुर रियासत|जोधपुर]] महाराजा राव मालदेव राठौड़ ने [[नरा चौहान|नराजी चौहान]] के अदम्य साहस, पराक्रम एवं शौर्य से प्रभावित होकर “रावत” का खिताब प्रदान किया। उन्हीं के ५ पुत्रों में तेजाजी एवं नेताजी (दादी) ने गजनाई को अपना ठिकाना बनाया। |
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[[नरा चौहान|नराजी चौहान]] की छत्री बर तालाब पर शिलालेख संवत १६६८ (निर्माण तिथि) अंकित है और माकडवाली में वीर योद्धा [[नरा चौहान|नराजी चौहान राजपूत]] के पुत्र सूराजी (सूरावत मोरेचा चौहान साख) की छतरी बनी हुई है। |
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गजनाई गाँव में गजनगढ़ का किला भी बना हुआ है जो कि कालांतर में थाना (पुलिस निरीक्षण के रूप में) विकसित हुआ। यहाँ कभी डाकुओं के आतंक से जनता तृस्त थी। यह किला/थाना अब [[गजनाई बांध]] में डुब चुका है। बांध के खाली होने पर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। |
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गजनाई गाँव में राज्य सरकार ने शिक्षण संस्था हेतु सन् १९५८ ई. में इन क्षेत्रवासियों हेतु विद्यालय की स्थापना की। सन् १९८४ ई. में गजनाई बांध से क्षेत्र वासियों को विस्थापित होना पड़ा। सन् १९८४ में मूसलाधार बारिश से गजनाई बांध बह (फूट) गया। |
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कालांतर में क्षेत्र वासी पुन: गाँव में बस गयें। परन्तु गजनाई बांध के पुनः निर्माण से फिर विस्थापित होना पड़ा। गजनाई बांध के बन जाने विद्यालय को भी विस्थापित होना पड़ा जो कि अब राजकीय माध्यमिक विद्यालय - गजनाई के रूप में विद्यमान है। |
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गजनाई बांध के जल की भराव क्षमता १० मीटर (३३ फीट) है जहाँ से सिंचाई एवं पेयजल के रूप में लाखों लोगों की आपूर्ति हो रही है। यह बांध सुकडी नदी जो कि [[लाखाखेत]] की पहाडियों एवं सहायक नदियों का पानी यहाँ पहुंचता है। बांध का जल ओवर फ्लों होने पर सोजत रोड के ३२ पुलियों से होता हुआ सरदार सरोवर बांध में मिल जाता है। गजनाई बांध पर्यटक के रूप में यहाँ हजारों लोगों पिकनिक के रूप में बारिश के मौसम में देखें जा सकते है। गजनाई बांध बनने से यहाँ के मूल निवासियों को अब भी मूलभूत सुविधाओं के अभाव का सामना कर रहें। यहाँ कभी गजनाई मिर्ची के बम्पर पैदावार के रूप मशहूर रहा है। |
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{{अफ़ग़ानिस्तान के प्रांत}} |
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05:52, 25 जुलाई 2020 का अवतरण
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ग़ज़नी (पश्तो: غزني, अंग्रेजी: Ghazni) अफ़्ग़ानिस्तान का एक प्रांत है जो उस देश के दक्षिण-पूर्वी भाग में स्थित है। इस प्रान्त का क्षेत्रफल २२,९१५ वर्ग किमी है और इसकी आबादी सन् २००२ में लगभग ९.३ लाख अनुमानित की गई थी। इस प्रान्त की राजधानी ग़ज़नी शहर है। ग़ज़नी प्रान्त काबुल से कंदहार जाने वाले राजमार्ग पर आता है और इतिहास में उन दोनों के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र रहा है। इस प्रान्त में लगभग आधे लोग पश्तून हैं लेकिन यहाँ हज़ारा लोगों और ताजिक लोगों के भी बड़े समुदाय रहते हैं।