"प्रत्यक्ष बिक्री": अवतरणों में अंतर

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प्रत्यक्ष बिक्री - DIRECT SELLING
आधुनिक '''डायरेक्ट सेलिंग''' (प्रत्यक्ष बिक्री) के अंतर्गत ऐसी बिक्रियाँ आतीं हैं जो पार्टी योजना, एक एक करके प्रदर्शन और अन्य व्यक्तिगत संपर्क व्यवस्था या [[अंतर्जाल]] के द्वारा की जातीं हैं।<ref>Merrilees, Bill; Miller, Dale (1999). "Direct Selling in the West and East: The Relative Roles of Product and Relationship (Guanxi) Drivers". Journal of Business Research 45 (3): 267–273. {{doi|10.1016/S0148-2963(97)00238-5}}.</ref>
कुछ सूत्रों से ज्ञात होता है कि डायरेक्ट सेलिंग या प्रत्यक्ष बिक्री सीधा व्यक्तिगत प्रदर्शन, प्रस्तुति, उत्पादों या सेवाओं अथवा दोनों की बिक्री अपने घर परिवार के तथा परिचितों से करना है।<ref>Michael A. Belch George E. Belch ''Advertising and Promotion: An Integrated Marketing Communications Perspective'', 7/e., McGraw-Hill/Irwin, 2006</ref><ref name="Xardel">{{cite book |last= Xardel |first= Dominique |authorlink= Dominique Xardel|title= The Direct Selling Revolution. Understanding the Growth of the Amway Corporation |publisher= [[Blackwell Publishing]] |year= 1993 |isbn= 978-0-631-19229-9|pages=3–4 }}</ref>
एफटीसी के अनुसार प्रत्यक्ष बिक्री एक ऐसी विधि है जो व्यक्ति से व्यक्ति बिक्री पर निर्धारित है। यह रीटेल से अलग सोशल मीडिया के द्वारा या विक्रयकर्ता के द्वारा की जाती है।<ref>{{cite web|title=Business Guidance Concerning Multi-Level Marketing|url=https://www.ftc.gov/tips-advice/business-center/guidance/business-guidance-concerning-multi-level-marketing|website=FTC.gove|publisher=Federal Trade Commission|accessdate=8 January 2018|archive-url=https://web.archive.org/web/20180107070424/https://www.ftc.gov/tips-advice/business-center/guidance/business-guidance-concerning-multi-level-marketing|archive-date=7 जनवरी 2018|url-status=live}}</ref>
प्रत्यक्ष बिक्री दो प्रकार के व्यावसायिक प्रारूपों में कार्य करत है: सिंगल लेवल मार्केटिंग जहाँ एक डायरेक्ट सेलर कंपनी का सामान क्रय या विक्रय करके पैसे कमा सकता है या मल्टी लेवल मार्केटिंग (नेटवर्क मार्केटिंग या व्यक्ति दर व्यक्ति मार्केटिंग) जिसमें वह सामान क्रय विक्रय तथा नए डायरेक्ट सेलर्स को लाकर और उनके क्रय विक्रय पर भी पैसा कमा सकता है।<ref name="Bridge, Rachel; Edwards, Paul; Edwards, Sarah A.; Economy, Peter">{{cite book|last1=Bridge|first1=Rachel|last2=Edwards|first2=Paul|last3=Edwards|first3=Sarah A.|last4=Economy|first4=Peter|title=Starting a Home Business for Dummies|date=2014|publisher=Wiley|isbn=978-1-118-73757-6|page=36|url=https://books.google.com/books?id=ngMeCgAAQBAJ&pg=PA36|accessdate=31 December 2015|archive-url=https://web.archive.org/web/20160522064545/https://books.google.com/books?id=ngMeCgAAQBAJ&pg=PA36|archive-date=22 मई 2016|url-status=live}}</ref>{{unreliable source?|date=December 2016}}
डायरेक्ट सेलिंग व्यवसाय में भारत में अपार संभावनाएं हैं। पूरे दुनियाभर में भारत प्रत्यक्ष बिक्री के मामले में ११वें पायदान पर तथा इससे प्राप्त राजस्व के मामले में २३ वें स्थान पर है। २००८-०९ के सर्वे के अनुसार यह व्यवसाय ३३३०० मिलियन का था। व्यवसाय को पारदर्शी बनाने हेतु इण्डियन डायरेक्ट सेलिंग असोसिएशन का भी निर्माण हुआ जिसमें कुछ कम्पनियां सम्मिलित हैं। साथ ही सितंबर २०१६ में भारतीय राजपत्र में प्रत्यक्ष बिक्री के नियमों का लेखन भी हुआ।<ref>http://m.hindi.webdunia.com/career-planning/डायरेक्ट-सेलिंग-में-अपार-संभावनाएँ-109112600057_1.htm</ref>


'''Direct Selling or Multilevel Marketing क्या है'''
== संदर्भ ==
Direct Selling जिसे Multilevel Marketing या नेटवर्क मार्केटिंग के नाम से जाना जाता है| बहुचर्चित होने के बाद भी आज तक इसके बारे में कई शंकाएं हैं, मिथक हैं और गलत अवधारणाएं हैं। यदि कोई व्यक्ति इस क्षेत्र में अपना भविष्य तलाशना चाहता है तो लोगों से ज्यादातर भ्रामक जानकारियां ही मिलती है।
{{reflist|30em}}
इन्टरनेट पर भी Direct Selling or Multilevel Marketing या नेटवर्क मार्केटिंग के विषय पुराने अग्रेजी लेखों का हिन्दी कापी-पेस्ट वर्जन या आधी-अधुरी जानकारी ही मिलती है ।
किसी उत्पाद या सेवा को उत्पादक से ग्राहक तक पहुंचने का माध्यम प्रत्यक्ष बिक्री, Direct Selling or Multilevel Marketing या नेटवर्क मार्केटिंग कहलाता है। वर्तमान समय में इस चैनल के माध्यम से शीर्ष वैश्विक उत्पाद (Global Brand) और छोटी कंपनिया अपने उत्पादों और सेवाओं (Product & Service) को अधिक से अधिक ग्राहकों तक पहुंचते हैं।
Direct Selling or Multilevel Marketing के माध्यम से आज के समय में कंपनियां सभी प्रकार की वस्तुओं और सेवाओं को ग्राहकों तक पहुँचती है, जिनमें घरेलू उपयोग की वस्तुएं, गहने, स्वास्थ्य व पोषण, सौंदर्य प्रसाधन, गृहणियां, ऊर्जा, बीमा, कपड़े, मोबाईल और कम्प्यूटर सहित बहुत से उत्पाद शामिल हैं। कुछ कम्पनियां रियल स्टेट, टूर पैकेज, एज्यूकेशन पैकेज आदि में भी व्यवसाय करती है।

'''Direct Selling or Multilevel Marketing का इतिहास'''
वैसे तो Direct Selling or Multilevel Marketing का इतिहास बहुत पुराना है। पूर्व समय में कई व्यापारी अपने देश से दूसरे देशों के बाजारों में जाकर व्यापार किया करते ही थे। भारत में प्राचीन काल से ही मसालों और औषधियों का वाणिज्य विनिमय (Trade Exchange) होता रहा है, तो यह कहा जाना गलत होगा कि पूर्व समय में परम्परागत बिक्री ही एकमात्र माध्यम थी।
हां लेकिन… हम यह मान सकते हैं कि आधुनिक Direct Selling or Multilevel Marketing की नींव सन् 1886 में पड़ी, जब पेन्सलवेनिया (अमेरिका) की Persis Foster Eames Albee (पी.एफ.ई. एल्बी) नामक महिला ने सबसे पहले घर-घर जाकर अपनी कम्पनी एवोन (Avon) के परफ्यूम व कोस्मेटिक बेचकर डोर-टू-डोर बिक्री माॅडल की शुरुआत की। परम्परागत रिटेल की तुलना में यह माॅडल लोगों को अधिक सुविधाजनक और अच्छा लगा।
सन् 1910 में डायरेक्ट सेलरों के अधिकारों की रक्षा के लिए पहले समूह या ऐसोसिएशन बनाने का श्रेय यूनाईटेट स्टेट को जाता है, जिसका नाम रखा गया था ‘एजेन्ट क्रेडिट ऐसोसिएशन’ जिसमें डोर-टू-डोर सेल्स को बढ़ावा दिया, जो कि Direct Selling का सिंगल लेवल मार्केटिंग माॅडल था। परन्तु एमरजेन्सी के दौरान 1930 में लोगों ने पार्टी के बहाने से घर पर ग्रुप प्रजेन्टेशन करने शुरु किये, जिसे ’पार्टी प्लान’ का नाम दिया गया, जो कि ग्रुप लेवल मार्केटिंग माॅडल था।
यरेक्ट सेलिंग (Direct Selling) के इतिहास में डाॅ. कार्ल रेनबर्ग का नाम बड़े ही सम्मान के साथ लिया जाता है। 1917 में डाॅ.रेनबर्ग ने अपने चीन प्रवास के दौरान वहां से हर्बल हैल्थ सप्लीमेन्टस् का आइडिया लिया और 1929 में अमेरिका आकर ‘केलोफोर्निया विटामिन्स’ नामक कम्पनी की नींव रखी। आगे चलकर इसी केलोफोर्निया विटामिन्स का नाम बदलकर ‘न्यूर्टिलाइट’ रखा गया।
अमेरिका में आधुनिक मल्टीलेवल मार्केटिंग (Multilevel Marketing) का विधिवत शुभारंभ 1945 तक हो चुका था। इस बिजनेस की गति इसी बात से मापी जा सकती है कि सन् 1996 में अमेरिका में परम्परागत मार्केटिंग कम्पनियों की एवरेज ग्रोथ रेट 33% रही वहीं डायरेक्ट सेलिंग कम्पनियों की ग्रोथ रेट 64% से अधिक रही।
वहीं 1998 आते-आते अकेले अमेरिका में 20 से अधिक डायरेक्ट सेलिंग (Direct Selling) कम्पनियां ‘प्राइवेट लिमिटेड’ होकर न्यूयोर्क एक्चेंज का बड़ा हिस्सा कवर कर चुकी थी। अमेरिका को एक आर्थिक महाशक्ति बनाने में डायरेक्ट सेलिंग कम्पनियों का भी अच्छा खासा सहयोग रहा।
वैसे तो भारत की पहली डायरेक्ट सेलिंग कम्पनी के विषय में अलग-अलग लोगों के अलग-अलग मत हैं पर यह शास्वत सत्य है कि भारत में डायरेक्ट सेलिंग की नींव रखने का श्रेय यूरेका फाॅब्स कम्पनी को जाता है, जिसने 1980 में अपने वैक्यूम क्लीनर्स को घर-घर पहुँचाने के लिए डोर-टू-डोर डायरेक्ट सेलर नियुक्त किये थे, जो कि सिंगल लेवल मार्केटिंग का प्रारुप था।
वर्ष 1998 आते-आते भारत में मल्टीलेवल माॅडल पर डायरेक्ट सेलिंग का काम शुरु हो चुका था, जो वर्ष 2010-11 पर अपने चरम पर था। यही कारण रहा कि कई फर्जी कम्पनियों ने आकर लोगों को लूटना शुरु कर दिया और उस समय तक सरकार की ओर से कोई गाईड लाईन न होने के कारण भारतीय डायरेक्ट सेलिंग इतिहास में एक बहुत बड़ा ब्रेकडाउन आया। जिसका खमियाजा कई अच्छी और नियमित कम्पनियों को भी भुगतना पड़ा।
इस ब्रेकडाउन ने जहां सभी कंपनियों को पुनः 1998 वाली स्थिति में पहुंचा दिया वहीं लोगों के दिलों में इस व्यवसाय के प्रति नकारात्मक विचारों का भी बीजारोपरण किया, जिसका प्रभाव आज भी देखने को मिलता है। लेकिन नवम्बर 2016 में भारत सरकार द्वारा इस बिजनेस की गाईडलाईन तैयार कर इसे श्रम मंत्रालय से अनुबंधित किया, जिससे स्थितियां फिर सकारात्मकता की ओर बढ़ रही है।
Direct Selling चैनल कैसे काम करता है, डायरेक्ट सेलिंग इतना लोकप्रिय क्यों है, भारत में डायरेक्ट सेलिंग की वर्तमान स्थिति, Direct Selling की गाइडलाइन तथा Direct Selling or Multilevel Marketing का भारत में भविष्य आदि के विषय में इंटरनेट पर पुरानी इंग्लिश पोस्ट को ट्रांसलेट करके परोसा जा रहा है जिससे भारत में इस विषय पर सही जानकारी का आभाव है | ==बाहरी कड़ियाँ== https://lifebookindia.blogspot.com/2020/07/DirectSellingMultilevelMarketing.html

13:32, 2 जुलाई 2020 का अवतरण

प्रत्यक्ष बिक्री - DIRECT SELLING

Direct Selling or Multilevel Marketing क्या है Direct Selling जिसे Multilevel Marketing या नेटवर्क मार्केटिंग के नाम से जाना जाता है| बहुचर्चित होने के बाद भी आज तक इसके बारे में कई शंकाएं हैं, मिथक हैं और गलत अवधारणाएं हैं। यदि कोई व्यक्ति इस क्षेत्र में अपना भविष्य तलाशना चाहता है तो लोगों से ज्यादातर भ्रामक जानकारियां ही मिलती है। इन्टरनेट पर भी Direct Selling or Multilevel Marketing या नेटवर्क मार्केटिंग के विषय पुराने अग्रेजी लेखों का हिन्दी कापी-पेस्ट वर्जन या आधी-अधुरी जानकारी ही मिलती है । किसी उत्पाद या सेवा को उत्पादक से ग्राहक तक पहुंचने का माध्यम प्रत्यक्ष बिक्री, Direct Selling or Multilevel Marketing या नेटवर्क मार्केटिंग कहलाता है। वर्तमान समय में इस चैनल के माध्यम से शीर्ष वैश्विक उत्पाद (Global Brand) और छोटी कंपनिया अपने उत्पादों और सेवाओं (Product & Service) को अधिक से अधिक ग्राहकों तक पहुंचते हैं। Direct Selling or Multilevel Marketing के माध्यम से आज के समय में कंपनियां सभी प्रकार की वस्तुओं और सेवाओं को ग्राहकों तक पहुँचती है, जिनमें घरेलू उपयोग की वस्तुएं, गहने, स्वास्थ्य व पोषण, सौंदर्य प्रसाधन, गृहणियां, ऊर्जा, बीमा, कपड़े, मोबाईल और कम्प्यूटर सहित बहुत से उत्पाद शामिल हैं। कुछ कम्पनियां रियल स्टेट, टूर पैकेज, एज्यूकेशन पैकेज आदि में भी व्यवसाय करती है।

Direct Selling or Multilevel Marketing का इतिहास वैसे तो Direct Selling or Multilevel Marketing का इतिहास बहुत पुराना है। पूर्व समय में कई व्यापारी अपने देश से दूसरे देशों के बाजारों में जाकर व्यापार किया करते ही थे। भारत में प्राचीन काल से ही मसालों और औषधियों का वाणिज्य विनिमय (Trade Exchange) होता रहा है, तो यह कहा जाना गलत होगा कि पूर्व समय में परम्परागत बिक्री ही एकमात्र माध्यम थी। हां लेकिन… हम यह मान सकते हैं कि आधुनिक Direct Selling or Multilevel Marketing की नींव सन् 1886 में पड़ी, जब पेन्सलवेनिया (अमेरिका) की Persis Foster Eames Albee (पी.एफ.ई. एल्बी) नामक महिला ने सबसे पहले घर-घर जाकर अपनी कम्पनी एवोन (Avon) के परफ्यूम व कोस्मेटिक बेचकर डोर-टू-डोर बिक्री माॅडल की शुरुआत की। परम्परागत रिटेल की तुलना में यह माॅडल लोगों को अधिक सुविधाजनक और अच्छा लगा। सन् 1910 में डायरेक्ट सेलरों के अधिकारों की रक्षा के लिए पहले समूह या ऐसोसिएशन बनाने का श्रेय यूनाईटेट स्टेट को जाता है, जिसका नाम रखा गया था ‘एजेन्ट क्रेडिट ऐसोसिएशन’ जिसमें डोर-टू-डोर सेल्स को बढ़ावा दिया, जो कि Direct Selling का सिंगल लेवल मार्केटिंग माॅडल था। परन्तु एमरजेन्सी के दौरान 1930 में लोगों ने पार्टी के बहाने से घर पर ग्रुप प्रजेन्टेशन करने शुरु किये, जिसे ’पार्टी प्लान’ का नाम दिया गया, जो कि ग्रुप लेवल मार्केटिंग माॅडल था। यरेक्ट सेलिंग (Direct Selling) के इतिहास में डाॅ. कार्ल रेनबर्ग का नाम बड़े ही सम्मान के साथ लिया जाता है। 1917 में डाॅ.रेनबर्ग ने अपने चीन प्रवास के दौरान वहां से हर्बल हैल्थ सप्लीमेन्टस् का आइडिया लिया और 1929 में अमेरिका आकर ‘केलोफोर्निया विटामिन्स’ नामक कम्पनी की नींव रखी। आगे चलकर इसी केलोफोर्निया विटामिन्स का नाम बदलकर ‘न्यूर्टिलाइट’ रखा गया। अमेरिका में आधुनिक मल्टीलेवल मार्केटिंग (Multilevel Marketing) का विधिवत शुभारंभ 1945 तक हो चुका था। इस बिजनेस की गति इसी बात से मापी जा सकती है कि सन् 1996 में अमेरिका में परम्परागत मार्केटिंग कम्पनियों की एवरेज ग्रोथ रेट 33% रही वहीं डायरेक्ट सेलिंग कम्पनियों की ग्रोथ रेट 64% से अधिक रही। वहीं 1998 आते-आते अकेले अमेरिका में 20 से अधिक डायरेक्ट सेलिंग (Direct Selling) कम्पनियां ‘प्राइवेट लिमिटेड’ होकर न्यूयोर्क एक्चेंज का बड़ा हिस्सा कवर कर चुकी थी। अमेरिका को एक आर्थिक महाशक्ति बनाने में डायरेक्ट सेलिंग कम्पनियों का भी अच्छा खासा सहयोग रहा। वैसे तो भारत की पहली डायरेक्ट सेलिंग कम्पनी के विषय में अलग-अलग लोगों के अलग-अलग मत हैं पर यह शास्वत सत्य है कि भारत में डायरेक्ट सेलिंग की नींव रखने का श्रेय यूरेका फाॅब्स कम्पनी को जाता है, जिसने 1980 में अपने वैक्यूम क्लीनर्स को घर-घर पहुँचाने के लिए डोर-टू-डोर डायरेक्ट सेलर नियुक्त किये थे, जो कि सिंगल लेवल मार्केटिंग का प्रारुप था। वर्ष 1998 आते-आते भारत में मल्टीलेवल माॅडल पर डायरेक्ट सेलिंग का काम शुरु हो चुका था, जो वर्ष 2010-11 पर अपने चरम पर था। यही कारण रहा कि कई फर्जी कम्पनियों ने आकर लोगों को लूटना शुरु कर दिया और उस समय तक सरकार की ओर से कोई गाईड लाईन न होने के कारण भारतीय डायरेक्ट सेलिंग इतिहास में एक बहुत बड़ा ब्रेकडाउन आया। जिसका खमियाजा कई अच्छी और नियमित कम्पनियों को भी भुगतना पड़ा। इस ब्रेकडाउन ने जहां सभी कंपनियों को पुनः 1998 वाली स्थिति में पहुंचा दिया वहीं लोगों के दिलों में इस व्यवसाय के प्रति नकारात्मक विचारों का भी बीजारोपरण किया, जिसका प्रभाव आज भी देखने को मिलता है। लेकिन नवम्बर 2016 में भारत सरकार द्वारा इस बिजनेस की गाईडलाईन तैयार कर इसे श्रम मंत्रालय से अनुबंधित किया, जिससे स्थितियां फिर सकारात्मकता की ओर बढ़ रही है। Direct Selling चैनल कैसे काम करता है, डायरेक्ट सेलिंग इतना लोकप्रिय क्यों है, भारत में डायरेक्ट सेलिंग की वर्तमान स्थिति, Direct Selling की गाइडलाइन तथा Direct Selling or Multilevel Marketing का भारत में भविष्य आदि के विषय में इंटरनेट पर पुरानी इंग्लिश पोस्ट को ट्रांसलेट करके परोसा जा रहा है जिससे भारत में इस विषय पर सही जानकारी का आभाव है | ==बाहरी कड़ियाँ== https://lifebookindia.blogspot.com/2020/07/DirectSellingMultilevelMarketing.html