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'''सरकारी ई-बाज़ार (GeM)''' (अंग्रेजी - Government e-Marketplace) [[भारत सरकार]] द्वारा सचिवों के समूह की सिफारिशों के आधार पर, सरकारी ई-बाज़ार का गठन किया है जहाँ से विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा आवश्यक सामान्य उपयोग के सामानों और सेवाओं की ऑनलाइन खरीद की जा सके<ref>[https://gem.gov.in]</ref>।
'''सरकारी ई-बाज़ार (GeM)''' (अंग्रेजी - Government e-Marketplace) [[भारत सरकार]] द्वारा सचिवों के समूह की सिफारिशों के आधार पर, सरकारी ई-बाज़ार का गठन किया है जहाँ से विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा आवश्यक सामान्य उपयोग के सामानों और सेवाओं की ऑनलाइन खरीद की जा सके<ref>{{Cite web |url=https://gem.gov.in/ |title=संग्रहीत प्रति |access-date=25 फ़रवरी 2018 |archive-url=https://web.archive.org/web/20180225211520/https://gem.gov.in/ |archive-date=25 फ़रवरी 2018 |url-status=dead }}</ref>।


==गठन तथा उद्देश्य==
==गठन तथा उद्देश्य==


सरकारी ई-बाज़ार (GeM) के गठन का लक्ष्य [[सार्वजनिक]] खरीद में पारदर्शिता, दक्षता और गति को बढ़ाना है। यह सरकारी उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए ई-बोली प्रक्रिया, रिवर्स ई-नीलामी और मांग एकत्रीकरण के उपकरण प्रदान करता है और सरकारी खर्च के लिए सर्वोत्तम मूल्य प्राप्त करता है। भारत सरकार (व्यापार का आवंटन) नियम-१९६१ में सुधार करते हुए दिनांक ८ दिसंबर २०१७ की अधिसूचना के तहत राष्ट्रीय सार्वजनिक खरीद पोर्टल-सरकार ई-बाज़ार का विकास, संचालन और रखरखाव को सम्मिलित किया है। सरकारी उपयोगकर्ताओं को सरकारी ई-बाज़ार (GeM) के माध्यम से खरीदारियों के लिए अधिकृत किया गया है और वित्त मंत्रालय द्वारा सामान्य वित्तीय नियम-२०१७ में एक नया नियम संख्या १४९ जोड़कर '''अनिवार्य''' बना दिया गया है<ref>[https://gem.gov.in/aboutus]</ref>।
सरकारी ई-बाज़ार (GeM) के गठन का लक्ष्य [[सार्वजनिक]] खरीद में पारदर्शिता, दक्षता और गति को बढ़ाना है। यह सरकारी उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए ई-बोली प्रक्रिया, रिवर्स ई-नीलामी और मांग एकत्रीकरण के उपकरण प्रदान करता है और सरकारी खर्च के लिए सर्वोत्तम मूल्य प्राप्त करता है। भारत सरकार (व्यापार का आवंटन) नियम-१९६१ में सुधार करते हुए दिनांक ८ दिसंबर २०१७ की अधिसूचना के तहत राष्ट्रीय सार्वजनिक खरीद पोर्टल-सरकार ई-बाज़ार का विकास, संचालन और रखरखाव को सम्मिलित किया है। सरकारी उपयोगकर्ताओं को सरकारी ई-बाज़ार (GeM) के माध्यम से खरीदारियों के लिए अधिकृत किया गया है और वित्त मंत्रालय द्वारा सामान्य वित्तीय नियम-२०१७ में एक नया नियम संख्या १४९ जोड़कर '''अनिवार्य''' बना दिया गया है<ref>{{Cite web |url=https://gem.gov.in/aboutus |title=संग्रहीत प्रति |access-date=25 फ़रवरी 2018 |archive-url=https://web.archive.org/web/20180226034309/https://gem.gov.in/aboutus |archive-date=26 फ़रवरी 2018 |url-status=dead }}</ref>।


=='''सन्दर्भ'''==
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=='''बाहरी कड़ियाँ'''==
=='''बाहरी कड़ियाँ'''==
* [https://gem.gov.in '''सरकारी ई-बाज़ार (GeM)''' का अंग्रेजी जालस्थल]
* [https://web.archive.org/web/20180225211520/https://gem.gov.in/ '''सरकारी ई-बाज़ार (GeM)''' का अंग्रेजी जालस्थल]


[[श्रेणी:भारत में सरकारी योजनाएँ]]
[[श्रेणी:भारत में सरकारी योजनाएँ]]

18:30, 15 जून 2020 का अवतरण

सरकारी ई-बाज़ार (GeM)
नियंत्रक
देश भारत
मंत्रालयवाणिज्य मंत्रालय, भारत सरकार
निदेशक मंडल
सचिव वाणिज्य विभाग और अध्यक्ष GeMडॉ. अनूप वधावन[1]
सचिव इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालयश्री अजय पी साहनी
मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO)श्री तल्लीन कुमार
संयुक्त सचिव, वाणिज्य विभागश्री अनंत स्वरूप
संयुक्त सचिव व्यय विभागश्री संजय प्रसाद
आधिकारिक जालस्थलजालस्थल (अंग्रेजी)
उद्देश्य
सरकारी विभागों द्वारा ऑनलाइन खरीद, पारदर्शिता व डिजिटल भारत को प्रोत्साहन

सरकारी ई-बाज़ार (GeM) (अंग्रेजी - Government e-Marketplace) भारत सरकार द्वारा सचिवों के समूह की सिफारिशों के आधार पर, सरकारी ई-बाज़ार का गठन किया है जहाँ से विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा आवश्यक सामान्य उपयोग के सामानों और सेवाओं की ऑनलाइन खरीद की जा सके[2]

गठन तथा उद्देश्य

सरकारी ई-बाज़ार (GeM) के गठन का लक्ष्य सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता, दक्षता और गति को बढ़ाना है। यह सरकारी उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए ई-बोली प्रक्रिया, रिवर्स ई-नीलामी और मांग एकत्रीकरण के उपकरण प्रदान करता है और सरकारी खर्च के लिए सर्वोत्तम मूल्य प्राप्त करता है। भारत सरकार (व्यापार का आवंटन) नियम-१९६१ में सुधार करते हुए दिनांक ८ दिसंबर २०१७ की अधिसूचना के तहत राष्ट्रीय सार्वजनिक खरीद पोर्टल-सरकार ई-बाज़ार का विकास, संचालन और रखरखाव को सम्मिलित किया है। सरकारी उपयोगकर्ताओं को सरकारी ई-बाज़ार (GeM) के माध्यम से खरीदारियों के लिए अधिकृत किया गया है और वित्त मंत्रालय द्वारा सामान्य वित्तीय नियम-२०१७ में एक नया नियम संख्या १४९ जोड़कर अनिवार्य बना दिया गया है[3]

सन्दर्भ

  1. https://gem.gov.in/aboutus
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 25 फ़रवरी 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 फ़रवरी 2018.
  3. "संग्रहीत प्रति". मूल से 26 फ़रवरी 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 फ़रवरी 2018.

बाहरी कड़ियाँ