"बराबर गुफाएँ": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
→‎इन्हें भी देखें: व्यवस्थित किया
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
Rescuing 18 sources and tagging 1 as dead.) #IABot (v2.0.1
पंक्ति 13: पंक्ति 13:
'''बराबर गुफाएं''' भारत के [[बिहार]] राज्य के जहानाबाद जिले में [[गया]] से 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गुफाएँ हैं और चट्टानों को काटकर बनायी गयी सबसे पुरानी गुफाएं हैं।<ref name="flo"/> इनमें से अधिकांश गुफाओं का संबंध [[मौर्य राजवंश|मौर्य काल]] (322-185 ईसा पूर्व) से है और कुछ में [[अशोक के अभिलेख|अशोक के शिलालेखों]] को देखा जा सकता है।
'''बराबर गुफाएं''' भारत के [[बिहार]] राज्य के जहानाबाद जिले में [[गया]] से 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गुफाएँ हैं और चट्टानों को काटकर बनायी गयी सबसे पुरानी गुफाएं हैं।<ref name="flo"/> इनमें से अधिकांश गुफाओं का संबंध [[मौर्य राजवंश|मौर्य काल]] (322-185 ईसा पूर्व) से है और कुछ में [[अशोक के अभिलेख|अशोक के शिलालेखों]] को देखा जा सकता है।


ये गुफाएं बराबर (चार गुफाएं) और नागार्जुनी (तीन गुफाएं) की जुड़वां पहाड़ियों में स्थित हैं। बराबर में ज्यादातर गुफाएं दो कक्षों की बनी हैं जिन्हें पूरी तरह से [[ग्रेनाइट|ग्रेनाईट]] को तराशकर बनाया गया है जिनमें एक उच्च-स्तरीय पॉलिश युक्त आतंरिक सतह और गूंज का रोमांचक प्रभाव मौजूद है। पहला कक्ष उपासकों के लिए एक बड़े आयताकार हॉल में एकत्र होने के इरादे से बनाया गया था और दूसरा एक छोटा, गोलाकार, गुम्बदयुक्त कक्ष पूजा के लिए था, इस अंदरूनी कक्ष की संरचना कुछ स्थानों पर संभवतः एक छोटे [[स्तूप]] की तरह थी, हालांकि ये अब खाली हैं। चट्टानों को काटकर बनाए गए ये कक्ष [[अशोक]] (आर. 273 ईसा पूर्व से 232 ईसा पूर्व) और उनके पुत्र [[दशरथ मौर्य|दशरथ]] के मौर्य काल<ref name="brit"> [http://www.collectbritain.co.uk/personalisation/object.cfm?uid=019PHO0000125S1U00056000 स्कल्पचर्ड डोरवे, लोमस ऋषि केव, बराबर, गया] ''[[ब्रिटिश पुस्तकालय|ब्रिटिश लाइब्रेरी]]'' .</ref>, तीसरी सदी ईसा पूर्व से संबंधित हैं। यद्यपि अशोक स्वयं बौद्ध थे लेकिन एक धार्मिक सहिष्णुता की नीति के तहत उन्होंने<ref name="flo"> [http://www.flonnet.com/stories/20080912251806500.htm कल्चर ऑफ पीस] ''फ्रंटलाइन'', वॉल्यूम 25 - अंक 18 :: 30 अगस्त - 12 सितम्बर [[२००८|2008]].</ref> विभिन्न [[जैन धर्म|जैन]] संप्रदायों की पनपने का अवसर दिया| इन गुफाओं का उपयोग [[आजीविक|आजीविका संप्रदाय]]<ref name="ent"> [http://www.collectbritain.co.uk/personalisation/object.cfm?uid=019PHO000001003U0045A000 एंट्रेंस टू वन ऑफ दी बराबर हिल केव्स] ''[[ब्रिटिश पुस्तकालय|ब्रिटिश लाइब्रेरी]]'' .</ref> के संन्यासियों द्वारा किया गया था जिनकी स्थापना [[मक्खलि गोसाल]] द्वारा की गयी थी, वे बौद्ध धर्म के संस्थापक सिद्धार्थ गौतम और [[जैन धर्म]] के अंतिम एवं 24वें तीर्थंकर [[महावीर]] के समकालीन थे।<ref> [http://www.buddhanet.net/e-learning/pilgrim/pg_01.htm बराबर हिल्स: व्हेयर दी बुद्धिस्ट एम्पेरियर अशोक बिल्ट केव्स फॉर दी अजिवाक्स] www.buddhanet.net.</ref> इसके अलावा इस स्थान पर चट्टानों से निर्मित कई बौद्ध और [[सनातन धर्म|हिंदू]] मूर्तियां भी पायी गयी हैं।<ref> [http://www.collectbritain.co.uk/personalisation/object.cfm?uid=019PHO000001003U00046000 रॉक स्कल्प्चर्स एट बराबर] ''[[ब्रिटिश पुस्तकालय|ब्रिटिश लाइब्रेरी]]'' .</ref>
ये गुफाएं बराबर (चार गुफाएं) और नागार्जुनी (तीन गुफाएं) की जुड़वां पहाड़ियों में स्थित हैं। बराबर में ज्यादातर गुफाएं दो कक्षों की बनी हैं जिन्हें पूरी तरह से [[ग्रेनाइट|ग्रेनाईट]] को तराशकर बनाया गया है जिनमें एक उच्च-स्तरीय पॉलिश युक्त आतंरिक सतह और गूंज का रोमांचक प्रभाव मौजूद है। पहला कक्ष उपासकों के लिए एक बड़े आयताकार हॉल में एकत्र होने के इरादे से बनाया गया था और दूसरा एक छोटा, गोलाकार, गुम्बदयुक्त कक्ष पूजा के लिए था, इस अंदरूनी कक्ष की संरचना कुछ स्थानों पर संभवतः एक छोटे [[स्तूप]] की तरह थी, हालांकि ये अब खाली हैं। चट्टानों को काटकर बनाए गए ये कक्ष [[अशोक]] (आर. 273 ईसा पूर्व से 232 ईसा पूर्व) और उनके पुत्र [[दशरथ मौर्य|दशरथ]] के मौर्य काल<ref name="brit">[http://www.collectbritain.co.uk/personalisation/object.cfm?uid=019PHO0000125S1U00056000 स्कल्पचर्ड डोरवे, लोमस ऋषि केव, बराबर, गया] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20090408210434/http://www.collectbritain.co.uk/personalisation/object.cfm?uid=019PHO0000125S1U00056000 |date=8 अप्रैल 2009 }} ''[[ब्रिटिश पुस्तकालय|ब्रिटिश लाइब्रेरी]]'' .</ref>, तीसरी सदी ईसा पूर्व से संबंधित हैं। यद्यपि अशोक स्वयं बौद्ध थे लेकिन एक धार्मिक सहिष्णुता की नीति के तहत उन्होंने<ref name="flo">[http://www.flonnet.com/stories/20080912251806500.htm कल्चर ऑफ पीस]{{Dead link|date=जून 2020 |bot=InternetArchiveBot }} ''फ्रंटलाइन'', वॉल्यूम 25 - अंक 18 :: 30 अगस्त - 12 सितम्बर [[२००८|2008]].</ref> विभिन्न [[जैन धर्म|जैन]] संप्रदायों की पनपने का अवसर दिया| इन गुफाओं का उपयोग [[आजीविक|आजीविका संप्रदाय]]<ref name="ent">[http://www.collectbritain.co.uk/personalisation/object.cfm?uid=019PHO000001003U0045A000 एंट्रेंस टू वन ऑफ दी बराबर हिल केव्स] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20120214225416/http://www.collectbritain.co.uk/personalisation/object.cfm?uid=019PHO000001003U0045A000 |date=14 फ़रवरी 2012 }} ''[[ब्रिटिश पुस्तकालय|ब्रिटिश लाइब्रेरी]]'' .</ref> के संन्यासियों द्वारा किया गया था जिनकी स्थापना [[मक्खलि गोसाल]] द्वारा की गयी थी, वे बौद्ध धर्म के संस्थापक सिद्धार्थ गौतम और [[जैन धर्म]] के अंतिम एवं 24वें तीर्थंकर [[महावीर]] के समकालीन थे।<ref>[http://www.buddhanet.net/e-learning/pilgrim/pg_01.htm बराबर हिल्स: व्हेयर दी बुद्धिस्ट एम्पेरियर अशोक बिल्ट केव्स फॉर दी अजिवाक्स] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20020602190011/http://www.buddhanet.net/e-learning/pilgrim/pg_01.htm |date=2 जून 2002 }} www.buddhanet.net.</ref> इसके अलावा इस स्थान पर चट्टानों से निर्मित कई बौद्ध और [[सनातन धर्म|हिंदू]] मूर्तियां भी पायी गयी हैं।<ref>[http://www.collectbritain.co.uk/personalisation/object.cfm?uid=019PHO000001003U00046000 रॉक स्कल्प्चर्स एट बराबर] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20120214225522/http://www.collectbritain.co.uk/personalisation/object.cfm?uid=019PHO000001003U00046000 |date=14 फ़रवरी 2012 }} ''[[ब्रिटिश पुस्तकालय|ब्रिटिश लाइब्रेरी]]'' .</ref>


== बराबर पहाड़ी की गुफाएं ==
== बराबर पहाड़ी की गुफाएं ==
पंक्ति 20: पंक्ति 20:
[[चित्र:Sudama and Lomas Rishi Caves at Barabar, Bihar, 1870.jpg|left|220px|thumb|बराबर, बिहार में सुदामा और लोमस ऋषि की गुफाएं, 1870 की तस्वीर]]
[[चित्र:Sudama and Lomas Rishi Caves at Barabar, Bihar, 1870.jpg|left|220px|thumb|बराबर, बिहार में सुदामा और लोमस ऋषि की गुफाएं, 1870 की तस्वीर]]


बराबर पहाड़ी में चार गुफाएं शामिल हैं - कर्ण चौपङ, लोमस ऋषि, सुदामा गुफा और विश्व झोपड़ी . ''सुदामा'' और ''लोमस ऋषि गुफाएं'' भारत में चट्टानों को काटकर बनायी जाने वाली गुफाओं की वास्तुकला के सबसे आरंभिक उदाहरण हैं<ref name="brit"/><ref> [http://www.indian-architecture.info/ आर्किटेक्च्रल हिस्ट्री] www.indian-architecture.info.</ref> जिनमें मौर्य काल में निर्मित वास्तुकला संबंधी विवरण मौजूद हैं और बाद की सदियों में<ref> [http://yac.bih.nic.in/Da-01.htm एन ऑवरव्यू ऑफ आर्कियोलॉजीक्ल इम्पोर्टेंस ऑफ बिहार] [[पुरातत्वशास्त्र|पुरातत्व]] निदेशालय बिहार सरकार.</ref> यह [[महाराष्ट्र]] में पाए जाने वाले विशाल बौद्ध [[चैत्य]] की तरह एक चलन बन गया है, जैसा कि अजंता और कार्ला गुफाओं में है और इसने चट्टानों को काटकर बनायी गयी दक्षिण एशियाई वास्तुकला की परंपराओं को काफी हद तक प्रभावित किया है।<ref name="ent"/>
बराबर पहाड़ी में चार गुफाएं शामिल हैं - कर्ण चौपङ, लोमस ऋषि, सुदामा गुफा और विश्व झोपड़ी . ''सुदामा'' और ''लोमस ऋषि गुफाएं'' भारत में चट्टानों को काटकर बनायी जाने वाली गुफाओं की वास्तुकला के सबसे आरंभिक उदाहरण हैं<ref name="brit"/><ref>[http://www.indian-architecture.info/ आर्किटेक्च्रल हिस्ट्री] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20080914144426/http://www.indian-architecture.info/ |date=14 सितंबर 2008 }} www.indian-architecture.info.</ref> जिनमें मौर्य काल में निर्मित वास्तुकला संबंधी विवरण मौजूद हैं और बाद की सदियों में<ref>[http://yac.bih.nic.in/Da-01.htm एन ऑवरव्यू ऑफ आर्कियोलॉजीक्ल इम्पोर्टेंस ऑफ बिहार] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20160303181914/http://yac.bih.nic.in/Da-01.htm |date=3 मार्च 2016 }} [[पुरातत्वशास्त्र|पुरातत्व]] निदेशालय बिहार सरकार.</ref> यह [[महाराष्ट्र]] में पाए जाने वाले विशाल बौद्ध [[चैत्य]] की तरह एक चलन बन गया है, जैसा कि अजंता और कार्ला गुफाओं में है और इसने चट्टानों को काटकर बनायी गयी दक्षिण एशियाई वास्तुकला की परंपराओं को काफी हद तक प्रभावित किया है।<ref name="ent"/>


* '''लोमस ऋषि गुफा''' : मेहराब की तरह के आकार वाली ऋषि गुफाएं लकड़ी की समकालीन वास्तुकला की नक़ल के रूप में हैं। द्वार के मार्ग पर हाथियों की एक पंक्ति [[स्तूप]] के स्वरूपों की ओर घुमावदार दरवाजे के ढांचों के साथ आगे बढ़ती है।<ref> [http://www.collectbritain.co.uk/personalisation/object.cfm?uid=019WDZ000001767U00000000 पार्ट्स ऑफ दी एलिफेंट फ्रीज़ ऑवर दी डूर्वे एट दी बराबर केव्स.][http://www.collectbritain.co.uk/personalisation/object.cfm?uid=019WDZ000001767U00000000 1790] ''[[ब्रिटिश पुस्तकालय|ब्रिटिश लाइब्रेरी]]'' .</ref>
* '''लोमस ऋषि गुफा''' : मेहराब की तरह के आकार वाली ऋषि गुफाएं लकड़ी की समकालीन वास्तुकला की नक़ल के रूप में हैं। द्वार के मार्ग पर हाथियों की एक पंक्ति [[स्तूप]] के स्वरूपों की ओर घुमावदार दरवाजे के ढांचों के साथ आगे बढ़ती है।<ref>[http://www.collectbritain.co.uk/personalisation/object.cfm?uid=019WDZ000001767U00000000 पार्ट्स ऑफ दी एलिफेंट फ्रीज़ ऑवर दी डूर्वे एट दी बराबर केव्स.] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20120214225709/http://www.collectbritain.co.uk/personalisation/object.cfm?uid=019WDZ000001767U00000000 |date=14 फ़रवरी 2012 }}[http://www.collectbritain.co.uk/personalisation/object.cfm?uid=019WDZ000001767U00000000 1790] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20120214225709/http://www.collectbritain.co.uk/personalisation/object.cfm?uid=019WDZ000001767U00000000 |date=14 फ़रवरी 2012 }} ''[[ब्रिटिश पुस्तकालय|ब्रिटिश लाइब्रेरी]]'' .</ref>


* '''सुदामा गुफा''' : यह गुफा 261 ईसा पूर्व में मौर्य सम्राट [[अशोक]] द्वारा समर्पित की गयी थी और इसमें एक आयताकार मण्डप के साथ वृत्तीय मेहराबदार कक्ष बना हुआ है।<ref> [http://www.collectbritain.co.uk/personalisation/object.cfm?uid=019PHO0000125S1U00055000 सुदामा एंड लोमस ऋषि केव्स एट बराबर हिल्स, गया] ''[[ब्रिटिश पुस्तकालय|ब्रिटिश लाइब्रेरी]]'' .</ref>
* '''सुदामा गुफा''' : यह गुफा 261 ईसा पूर्व में मौर्य सम्राट [[अशोक]] द्वारा समर्पित की गयी थी और इसमें एक आयताकार मण्डप के साथ वृत्तीय मेहराबदार कक्ष बना हुआ है।<ref>[http://www.collectbritain.co.uk/personalisation/object.cfm?uid=019PHO0000125S1U00055000 सुदामा एंड लोमस ऋषि केव्स एट बराबर हिल्स, गया] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20090408210429/http://www.collectbritain.co.uk/personalisation/object.cfm?uid=019PHO0000125S1U00055000 |date=8 अप्रैल 2009 }} ''[[ब्रिटिश पुस्तकालय|ब्रिटिश लाइब्रेरी]]'' .</ref>


* '''करण चौपर''' (कर्ण चौपङ)<ref> [http://www.collectbritain.co.uk/personalisation/object.cfm?uid=019PHO0000125S1U00099000 कर्ण कॉपर केव, बराबर हिल्स.] ''[[ब्रिटिश पुस्तकालय|ब्रिटिश लाइब्रेरी]]'' .</ref>: यह पॉलिश युक्त सतहों के साथ एक एकल आयताकार कमरे के रूप में बना हुआ है जिसमें ऐसे शिलालेख मौजूद हैं जो 245 ई.पू. के हो सकते हैं।
* '''करण चौपर''' (कर्ण चौपङ)<ref>[http://www.collectbritain.co.uk/personalisation/object.cfm?uid=019PHO0000125S1U00099000 कर्ण कॉपर केव, बराबर हिल्स.] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20090408210444/http://www.collectbritain.co.uk/personalisation/object.cfm?uid=019PHO0000125S1U00099000 |date=8 अप्रैल 2009 }} ''[[ब्रिटिश पुस्तकालय|ब्रिटिश लाइब्रेरी]]'' .</ref>: यह पॉलिश युक्त सतहों के साथ एक एकल आयताकार कमरे के रूप में बना हुआ है जिसमें ऐसे शिलालेख मौजूद हैं जो 245 ई.पू. के हो सकते हैं।


* '''विश्व झोपड़ी ''' : इसमें दो आयताकार कमरे मौजूद हैं जहां चट्टानों में काटकर बनाई गई ''अशोका सीढियों'' द्वारा पहुंचा जा सकता है।
* '''विश्व झोपड़ी ''' : इसमें दो आयताकार कमरे मौजूद हैं जहां चट्टानों में काटकर बनाई गई ''अशोका सीढियों'' द्वारा पहुंचा जा सकता है।




ई.एम. फोर्स्टर की पुस्तक, ''ए पैसेज ऑफ इंडिया'' भी इसी क्षेत्र को आधारित कर लिखी गयी है, जबकि गुफाएं स्वयं पुस्तक के सांकेतिक मूल में एक महत्वपूर्ण, यद्यपि अस्पष्ट दृश्य के घटनास्थल के रूप में हैं। लेखक ने इस स्थल का दौरा किया था और बाद में अपनी पुस्तक<ref name="ent"/><ref> [http://timesofindia.indiatimes.com/Cities/Patna/Cracks_appear_in_Barabar_caves/articleshow/2127306.cms बराबर केव्स] ''टाइम्स ऑफ इंडिया'', 16 जून 2007.</ref><ref> [http://www.hausarbeiten.de/faecher/vorschau/45050.html दी स्ट्रक्चर ऑफ ई.एम.फोर्स्टर्स "ए पासेज़ टू इंडिया"] "ही विजिटेड इंडिया बिफोरहैंड इन 1912 एंड 1921"</ref> में ''मारबार गुफाओं'' के रूप में इनका इस्तेमाल किया था।
ई.एम. फोर्स्टर की पुस्तक, ''ए पैसेज ऑफ इंडिया'' भी इसी क्षेत्र को आधारित कर लिखी गयी है, जबकि गुफाएं स्वयं पुस्तक के सांकेतिक मूल में एक महत्वपूर्ण, यद्यपि अस्पष्ट दृश्य के घटनास्थल के रूप में हैं। लेखक ने इस स्थल का दौरा किया था और बाद में अपनी पुस्तक<ref name="ent"/><ref> [http://timesofindia.indiatimes.com/Cities/Patna/Cracks_appear_in_Barabar_caves/articleshow/2127306.cms बराबर केव्स] ''टाइम्स ऑफ इंडिया'', 16 जून 2007.</ref><ref>[http://www.hausarbeiten.de/faecher/vorschau/45050.html दी स्ट्रक्चर ऑफ ई.एम.फोर्स्टर्स "ए पासेज़ टू इंडिया"] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20110614071950/http://www.hausarbeiten.de/faecher/vorschau/45050.html |date=14 जून 2011 }} "ही विजिटेड इंडिया बिफोरहैंड इन 1912 एंड 1921"</ref> में ''मारबार गुफाओं'' के रूप में इनका इस्तेमाल किया था।


== नागार्जुनी गुफाएं ==
== नागार्जुनी गुफाएं ==
नागार्जुन के आसपास की गुफाएं बराबर गुफाओं से छोटी एवं नयी हैं। यह गुफाएं बराबर की गुफाओं से 1.6 किमी दूर स्थित नागार्जुनी पहाड़ी पर स्थित हैं। इनमें तीन गुफाएं शामिल हैं। <ref> [http://www.culturopedia.com/Places/places.html बराबर एंड नागार्जुन केव्स].</ref> ये तीन गुफाएं इस प्रकार हैं:
नागार्जुन के आसपास की गुफाएं बराबर गुफाओं से छोटी एवं नयी हैं। यह गुफाएं बराबर की गुफाओं से 1.6 किमी दूर स्थित नागार्जुनी पहाड़ी पर स्थित हैं। इनमें तीन गुफाएं शामिल हैं। <ref>[http://www.culturopedia.com/Places/places.html बराबर एंड नागार्जुन केव्स] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20090717093945/http://www.culturopedia.com/Places/places.html |date=17 जुलाई 2009 }}.</ref> ये तीन गुफाएं इस प्रकार हैं:


* '''गोपी''' (गोपी-का-कुभा): शिलालेख के अनुसार इन्हें लगभग 232 ईसा पूर्व में राजा दशरथ द्वारा आजीविका संप्रदाय के अनुयायियों को समर्पित किया गया था।
* '''गोपी''' (गोपी-का-कुभा): शिलालेख के अनुसार इन्हें लगभग 232 ईसा पूर्व में राजा दशरथ द्वारा आजीविका संप्रदाय के अनुयायियों को समर्पित किया गया था।
पंक्ति 40: पंक्ति 40:
* '''वदिथी-का-कुभा गुफा''' (वेदाथिका कुभा): यह दरार में स्थित है।
* '''वदिथी-का-कुभा गुफा''' (वेदाथिका कुभा): यह दरार में स्थित है।


* '''वापिया-का-कुभा गुफा'''<ref> [http://www.collectbritain.co.uk/personalisation/object.cfm?uid=019PHO0000125S1U00058000 गोपी एंड कल्पी केव्स, बराबर, गया]. ''[[ब्रिटिश पुस्तकालय|ब्रिटिश लाइब्रेरी]]'' .</ref> (मिर्जा मंडी): इन्हें भी दशरथ द्वारा आजीविका के अनुयायियों को समर्पित किया गया था।
* '''वापिया-का-कुभा गुफा'''<ref>[http://www.collectbritain.co.uk/personalisation/object.cfm?uid=019PHO0000125S1U00058000 गोपी एंड कल्पी केव्स, बराबर, गया] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20090408210439/http://www.collectbritain.co.uk/personalisation/object.cfm?uid=019PHO0000125S1U00058000 |date=8 अप्रैल 2009 }}. ''[[ब्रिटिश पुस्तकालय|ब्रिटिश लाइब्रेरी]]'' .</ref> (मिर्जा मंडी): इन्हें भी दशरथ द्वारा आजीविका के अनुयायियों को समर्पित किया गया था।


== चित्रशाला ==
== चित्रशाला ==
पंक्ति 61: पंक्ति 61:
== अग्रिम पठन ==
== अग्रिम पठन ==
* [http://books.google.com/books?id=Q5kI02_zW70C&amp;pg=PA247&amp;lpg=PA247&amp;dq=Barabar+Caves+india&amp;source=web&amp;ots=IIDwfukdu-&amp;sig=PmUtkodfN_DMGXsDkH0utYz6I6g&amp;hl=en&amp;sa=X&amp;oi=book_result&amp;resnum=2&amp;ct=result मौर्य आर्किटेक्चर एंड आर्ट - रॉक कट आर्किटेक्चर] ''आर्कियोलॉजी ऑफ अर्ली हिस्टोरिक साउथ एशिया: दी एमरजेंस ऑफ सिटिज़'', फ्रैंक रेमंड ओल्चिन द्वारा. कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस, 1995, आईएसबीएन 0521376955. पृष्ठ - 247
* [http://books.google.com/books?id=Q5kI02_zW70C&amp;pg=PA247&amp;lpg=PA247&amp;dq=Barabar+Caves+india&amp;source=web&amp;ots=IIDwfukdu-&amp;sig=PmUtkodfN_DMGXsDkH0utYz6I6g&amp;hl=en&amp;sa=X&amp;oi=book_result&amp;resnum=2&amp;ct=result मौर्य आर्किटेक्चर एंड आर्ट - रॉक कट आर्किटेक्चर] ''आर्कियोलॉजी ऑफ अर्ली हिस्टोरिक साउथ एशिया: दी एमरजेंस ऑफ सिटिज़'', फ्रैंक रेमंड ओल्चिन द्वारा. कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस, 1995, आईएसबीएन 0521376955. पृष्ठ - 247
* [http://www.hinduonnet.com/fline/fl2419/stories/20071005505506600.htm हिस्ट्री ऑफ रॉक कट केव्स इन इंडिया]
* [https://web.archive.org/web/20080417012607/http://www.hinduonnet.com/fline/fl2419/stories/20071005505506600.htm हिस्ट्री ऑफ रॉक कट केव्स इन इंडिया]
* [http://books.google.com/books?id=EoNAuVouPN4C&amp;pg=PA188&amp;lpg=PA188&amp;dq=Barabar+Caves+india&amp;source=web&amp;ots=4tTT-YhU6w&amp;sig=ajx7bjcrgxtfv0vhoR43ORkuI8g&amp;hl=en&amp;sa=X&amp;oi=book_result&amp;resnum=9&amp;ct=result इंट्रोडक्शन] ''कैम्ब्रिज़ कम्पेनियन टू ई.एम. फोर्स्टर'', डेविड ब्रैडशॉ द्वारा, योगदानकर्ता डेविड ब्रैडशॉ, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय प्रेस, 2007, आईएसबीएन 0521834759. पृष्ठ 188.
* [http://books.google.com/books?id=EoNAuVouPN4C&amp;pg=PA188&amp;lpg=PA188&amp;dq=Barabar+Caves+india&amp;source=web&amp;ots=4tTT-YhU6w&amp;sig=ajx7bjcrgxtfv0vhoR43ORkuI8g&amp;hl=en&amp;sa=X&amp;oi=book_result&amp;resnum=9&amp;ct=result इंट्रोडक्शन] ''कैम्ब्रिज़ कम्पेनियन टू ई.एम. फोर्स्टर'', डेविड ब्रैडशॉ द्वारा, योगदानकर्ता डेविड ब्रैडशॉ, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय प्रेस, 2007, आईएसबीएन 0521834759. पृष्ठ 188.


पंक्ति 69: पंक्ति 69:
== बाहरी कड़ियाँ ==
== बाहरी कड़ियाँ ==
{{commons category}}
{{commons category}}
* [http://www.columbia.edu/itc/mealac/pritchett/00routesdata/bce_299_200/barabar/barabar.html सीरीज ऑफ इमेजेज ऑफ ''बराबर केव्स'' ]
* [https://web.archive.org/web/20101208011357/http://www.columbia.edu/itc/mealac/pritchett/00routesdata/bce_299_200/barabar/barabar.html सीरीज ऑफ इमेजेज ऑफ ''बराबर केव्स'' ]
* [http://www.mapability.com/travel/p2i/barabar.html डिटेल्ड नोट्स ऑन ''दी बराबर केव्स'' एंड इट्स यूज़ एज़ मारबार केव्स इन ई.एम. फोस्टर्स ''पासेज़ टू इंडिया'' ]
* [https://web.archive.org/web/20110714031645/http://www.mapability.com/travel/p2i/barabar.html डिटेल्ड नोट्स ऑन ''दी बराबर केव्स'' एंड इट्स यूज़ एज़ मारबार केव्स इन ई.एम. फोस्टर्स ''पासेज़ टू इंडिया'' ]
* [http://www.wondermondo.com/Countries/As/India/Bihar/Barabar.htm बराबर केव्स] एंड [http://www.wondermondo.com/Countries/As/India/Bihar/Nagarjuni.htm नागर्जुनी केव्स], वोंडरमोंडो द्वारा विवरण
* [https://web.archive.org/web/20100928032354/http://www.wondermondo.com/Countries/As/India/Bihar/Barabar.htm बराबर केव्स] एंड [https://web.archive.org/web/20100928045757/http://www.wondermondo.com/Countries/As/India/Bihar/Nagarjuni.htm नागर्जुनी केव्स], वोंडरमोंडो द्वारा विवरण


{{Magadh Division topics}}
{{Magadh Division topics}}

06:28, 15 जून 2020 का अवतरण

बराबर गुफाएँ
बराबर, सतघरवा
—  protected resources  —
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०)
देश  भारत
राज्य बिहार
ज़िला जहानाबाद जिला

निर्देशांक: 25°00′18″N 85°03′47″E / 25.005°N 85.063°E / 25.005; 85.063

बराबर गुफाएं भारत के बिहार राज्य के जहानाबाद जिले में गया से 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गुफाएँ हैं और चट्टानों को काटकर बनायी गयी सबसे पुरानी गुफाएं हैं।[1] इनमें से अधिकांश गुफाओं का संबंध मौर्य काल (322-185 ईसा पूर्व) से है और कुछ में अशोक के शिलालेखों को देखा जा सकता है।

ये गुफाएं बराबर (चार गुफाएं) और नागार्जुनी (तीन गुफाएं) की जुड़वां पहाड़ियों में स्थित हैं। बराबर में ज्यादातर गुफाएं दो कक्षों की बनी हैं जिन्हें पूरी तरह से ग्रेनाईट को तराशकर बनाया गया है जिनमें एक उच्च-स्तरीय पॉलिश युक्त आतंरिक सतह और गूंज का रोमांचक प्रभाव मौजूद है। पहला कक्ष उपासकों के लिए एक बड़े आयताकार हॉल में एकत्र होने के इरादे से बनाया गया था और दूसरा एक छोटा, गोलाकार, गुम्बदयुक्त कक्ष पूजा के लिए था, इस अंदरूनी कक्ष की संरचना कुछ स्थानों पर संभवतः एक छोटे स्तूप की तरह थी, हालांकि ये अब खाली हैं। चट्टानों को काटकर बनाए गए ये कक्ष अशोक (आर. 273 ईसा पूर्व से 232 ईसा पूर्व) और उनके पुत्र दशरथ के मौर्य काल[2], तीसरी सदी ईसा पूर्व से संबंधित हैं। यद्यपि अशोक स्वयं बौद्ध थे लेकिन एक धार्मिक सहिष्णुता की नीति के तहत उन्होंने[1] विभिन्न जैन संप्रदायों की पनपने का अवसर दिया| इन गुफाओं का उपयोग आजीविका संप्रदाय[3] के संन्यासियों द्वारा किया गया था जिनकी स्थापना मक्खलि गोसाल द्वारा की गयी थी, वे बौद्ध धर्म के संस्थापक सिद्धार्थ गौतम और जैन धर्म के अंतिम एवं 24वें तीर्थंकर महावीर के समकालीन थे।[4] इसके अलावा इस स्थान पर चट्टानों से निर्मित कई बौद्ध और हिंदू मूर्तियां भी पायी गयी हैं।[5]

बराबर पहाड़ी की गुफाएं

बराबर पहाड़ी, (बिहार) में गुफा मंदिरों का सामान्य दृश्य,
बराबर पहाड़ों में मौर्य वास्तुकला. लोमस ऋषि की कुटी. तीसरी शताब्दी ईसापूर्व.
बराबर, बिहार में सुदामा और लोमस ऋषि की गुफाएं, 1870 की तस्वीर

बराबर पहाड़ी में चार गुफाएं शामिल हैं - कर्ण चौपङ, लोमस ऋषि, सुदामा गुफा और विश्व झोपड़ी . सुदामा और लोमस ऋषि गुफाएं भारत में चट्टानों को काटकर बनायी जाने वाली गुफाओं की वास्तुकला के सबसे आरंभिक उदाहरण हैं[2][6] जिनमें मौर्य काल में निर्मित वास्तुकला संबंधी विवरण मौजूद हैं और बाद की सदियों में[7] यह महाराष्ट्र में पाए जाने वाले विशाल बौद्ध चैत्य की तरह एक चलन बन गया है, जैसा कि अजंता और कार्ला गुफाओं में है और इसने चट्टानों को काटकर बनायी गयी दक्षिण एशियाई वास्तुकला की परंपराओं को काफी हद तक प्रभावित किया है।[3]

  • लोमस ऋषि गुफा : मेहराब की तरह के आकार वाली ऋषि गुफाएं लकड़ी की समकालीन वास्तुकला की नक़ल के रूप में हैं। द्वार के मार्ग पर हाथियों की एक पंक्ति स्तूप के स्वरूपों की ओर घुमावदार दरवाजे के ढांचों के साथ आगे बढ़ती है।[8]
  • सुदामा गुफा : यह गुफा 261 ईसा पूर्व में मौर्य सम्राट अशोक द्वारा समर्पित की गयी थी और इसमें एक आयताकार मण्डप के साथ वृत्तीय मेहराबदार कक्ष बना हुआ है।[9]
  • करण चौपर (कर्ण चौपङ)[10]: यह पॉलिश युक्त सतहों के साथ एक एकल आयताकार कमरे के रूप में बना हुआ है जिसमें ऐसे शिलालेख मौजूद हैं जो 245 ई.पू. के हो सकते हैं।
  • विश्व झोपड़ी  : इसमें दो आयताकार कमरे मौजूद हैं जहां चट्टानों में काटकर बनाई गई अशोका सीढियों द्वारा पहुंचा जा सकता है।


ई.एम. फोर्स्टर की पुस्तक, ए पैसेज ऑफ इंडिया भी इसी क्षेत्र को आधारित कर लिखी गयी है, जबकि गुफाएं स्वयं पुस्तक के सांकेतिक मूल में एक महत्वपूर्ण, यद्यपि अस्पष्ट दृश्य के घटनास्थल के रूप में हैं। लेखक ने इस स्थल का दौरा किया था और बाद में अपनी पुस्तक[3][11][12] में मारबार गुफाओं के रूप में इनका इस्तेमाल किया था।

नागार्जुनी गुफाएं

नागार्जुन के आसपास की गुफाएं बराबर गुफाओं से छोटी एवं नयी हैं। यह गुफाएं बराबर की गुफाओं से 1.6 किमी दूर स्थित नागार्जुनी पहाड़ी पर स्थित हैं। इनमें तीन गुफाएं शामिल हैं। [13] ये तीन गुफाएं इस प्रकार हैं:

  • गोपी (गोपी-का-कुभा): शिलालेख के अनुसार इन्हें लगभग 232 ईसा पूर्व में राजा दशरथ द्वारा आजीविका संप्रदाय के अनुयायियों को समर्पित किया गया था।
  • वदिथी-का-कुभा गुफा (वेदाथिका कुभा): यह दरार में स्थित है।
  • वापिया-का-कुभा गुफा[14] (मिर्जा मंडी): इन्हें भी दशरथ द्वारा आजीविका के अनुयायियों को समर्पित किया गया था।

चित्रशाला

इन्हें भी देखें

       1.पशुओं और अलंकरणों का चित्रण

लोमश ॠषि गुफा के घरमुख पर उत्तकिर्ण उन अलंकरणों में सबसे उपर की पट्टिका जालीनुमा (मेहराब) प्रतीत होती है किन्तु जो छिद्र बने हैं वह आर-पर नहीं बल्कि अल्प उत्तकिर्ण हैं। उपर से दुसरे पट्टिका में हाथियों का अंकन है जो दोनों तरफ से केन्द्र की तरफ जाते दिखते हैं। मौर्य कालिन स्थापत्य तथा मूर्ति कला में हाथियों का प्रचुर अंकन देखा जा सकता है। हाथियों का अंकन भगवान बुद्ध के जन्म से काफी निकटता रखता है, जिसे जातक कथाओं में देखा जा सकता है। हाथी स्तूप को दोनों तरफ से केन्द्र की ओर ले जाते अंकित किए गए हैं। यह अंकन बौद्ध धर्म को प्रशारित करने के लिए किए गए प्रयासों को बखूबी दर्शाता है। इस पंक्ति के अंत में निचे दोनों तरफ एक-एक अलग आकृति का अंकन है, जो मगरमच्छ के जैसा दिखाया गया है हालांकि कई किताबों में इसका जिक्र आया है और मैने खुद जाकर देखा पर कुछ भी स्पष्ट नहीं लगा है। यहाँ यह अंकन मुझे एक सवालिया निशान की तरह लगता है। कई अलग कला शैलीयों में मगरमच्छ का अंकन है पर मौर्य कालिन कला में और कहीं भी मगरमच्छ का अंकन नहीं मिलता है, यहाँ इस आकृति का होना मेरे लिए शोध का विषय है। पटना के निकटवर्ती क्षेत्रों में कुछ पाल कालिन मूर्तियां प्राप्त हुई है जिसमें मगरमच्छ का अंकन है,यह पौराणिक कथाओं से संबंधित है।

2.एक अन्य वास्तु से संबंध लोमश ऋषि गुफा के बारे में अध्ययन करते समय एक शब्द टोडा का आना एक नए रास्ते की तरह था जो मुझे एक नए आयाम से जोड़ने का काम करती है। टोडा एक दक्षिण भारतीय कबिलाई जनजाति है जो निलगीरी के पहाड़ीयों में निवास करते हैं। यहाँ टोडाओं के आवासीय परिसर का संबंध जोड़ने का प्रयास किया गया है, हालांकि इनके बाड़े में जानकारी नहीं दिया गया है । इनके झोपड़ी की बनावट बराबर की गुफाओं से और आजिवकों के जिवन शैली से टोडास काफी सामान्यता रखती है। टोडा झोपड़ी के घरमुख और आंतरिक बनावट एक जैसी नजर आती है किन्तु इनके अवयव और बनाने का तरिका पूर्णतः भिन्न है। जिस तरह इन झोपड़ों का द्वार चौकोर,छोटा तथा गुम्बदाकार अलंकृत है वैसे हीं लोमश ॠषि गुफा द्वार भी है। इन झोपड़ों के आंतरिक भाग में एक चबुतरा बना होता था जो करण चौपड़ गुफा के जैसा हीं है, जिसका उपयोग बिस्तर के तौर पर किया जाता था। झोपड़ों के बाहर कुछ फासले पर एक रक्षा प्राचीर बना होता था जो उसी पहाड़ी से प्राप्त पत्थरों से बनाया जाता था। टोडा जनजाति आजिवकों के तरह हीं पूर्णतः प्राकृतिक पर निर्भर थे और कठिन नियमों का पालन करते थे। यही कारण है कि समय के साथ इनकी संख्या घटती चली गई। 1960 के दशक में इनकी संख्या लगभग 800 हीं रह गई थी। इनका निवास भी सर्वदा पहाड़ीयों पर हीं देखा गया है।

  • कुम्हरार

अग्रिम पठन

सन्दर्भ

  1. कल्चर ऑफ पीस[मृत कड़ियाँ] फ्रंटलाइन, वॉल्यूम 25 - अंक 18 :: 30 अगस्त - 12 सितम्बर 2008.
  2. स्कल्पचर्ड डोरवे, लोमस ऋषि केव, बराबर, गया Archived 2009-04-08 at the वेबैक मशीन ब्रिटिश लाइब्रेरी .
  3. एंट्रेंस टू वन ऑफ दी बराबर हिल केव्स Archived 2012-02-14 at the वेबैक मशीन ब्रिटिश लाइब्रेरी .
  4. बराबर हिल्स: व्हेयर दी बुद्धिस्ट एम्पेरियर अशोक बिल्ट केव्स फॉर दी अजिवाक्स Archived 2002-06-02 at the वेबैक मशीन www.buddhanet.net.
  5. रॉक स्कल्प्चर्स एट बराबर Archived 2012-02-14 at the वेबैक मशीन ब्रिटिश लाइब्रेरी .
  6. आर्किटेक्च्रल हिस्ट्री Archived 2008-09-14 at the वेबैक मशीन www.indian-architecture.info.
  7. एन ऑवरव्यू ऑफ आर्कियोलॉजीक्ल इम्पोर्टेंस ऑफ बिहार Archived 2016-03-03 at the वेबैक मशीन पुरातत्व निदेशालय बिहार सरकार.
  8. पार्ट्स ऑफ दी एलिफेंट फ्रीज़ ऑवर दी डूर्वे एट दी बराबर केव्स. Archived 2012-02-14 at the वेबैक मशीन1790 Archived 2012-02-14 at the वेबैक मशीन ब्रिटिश लाइब्रेरी .
  9. सुदामा एंड लोमस ऋषि केव्स एट बराबर हिल्स, गया Archived 2009-04-08 at the वेबैक मशीन ब्रिटिश लाइब्रेरी .
  10. कर्ण कॉपर केव, बराबर हिल्स. Archived 2009-04-08 at the वेबैक मशीन ब्रिटिश लाइब्रेरी .
  11. बराबर केव्स टाइम्स ऑफ इंडिया, 16 जून 2007.
  12. दी स्ट्रक्चर ऑफ ई.एम.फोर्स्टर्स "ए पासेज़ टू इंडिया" Archived 2011-06-14 at the वेबैक मशीन "ही विजिटेड इंडिया बिफोरहैंड इन 1912 एंड 1921"
  13. बराबर एंड नागार्जुन केव्स Archived 2009-07-17 at the वेबैक मशीन.
  14. गोपी एंड कल्पी केव्स, बराबर, गया Archived 2009-04-08 at the वेबैक मशीन. ब्रिटिश लाइब्रेरी .

बाहरी कड़ियाँ

साँचा:Magadh Division topics