"काँस": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
छो बॉट: पुनर्प्रेषण ठीक कर रहा है
No edit summary
पंक्ति 13: पंक्ति 13:
|}}
|}}
'''काँस''' एक प्रकार की लंबी घास होती है जो कि मूलतः [[दक्षिण एशिया]] में पाई जाती है। यह घास ३ मी. तक लंबी हो जाती है। [[भारत]], [[नेपाल]] और [[भूटान]] में [[हिमालय]] के तलहटी वाले [[तराई क्षेत्र|तराई]] क्षेत्र में तथा [[बांग्लादेश]] में भी यह घास [[बाढ़]] के बाद नदियों द्वारा लाई गई उर्वरक मिट्टी पर तेज़ी से क़ाबिज़ हो जाती है। यह घास [[भारतीय गैण्डा|भारतीय गैण्डे]] के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण आवासीय क्षेत्र प्रदान करती है।
'''काँस''' एक प्रकार की लंबी घास होती है जो कि मूलतः [[दक्षिण एशिया]] में पाई जाती है। यह घास ३ मी. तक लंबी हो जाती है। [[भारत]], [[नेपाल]] और [[भूटान]] में [[हिमालय]] के तलहटी वाले [[तराई क्षेत्र|तराई]] क्षेत्र में तथा [[बांग्लादेश]] में भी यह घास [[बाढ़]] के बाद नदियों द्वारा लाई गई उर्वरक मिट्टी पर तेज़ी से क़ाबिज़ हो जाती है। यह घास [[भारतीय गैण्डा|भारतीय गैण्डे]] के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण आवासीय क्षेत्र प्रदान करती है।
[[चित्र:Saccharum spontaneum at the bank of rever Ganges 07102013 01.jpg|काँस|center||thumb|550px]]
[[चित्र:Saccharum spontaneum at the bank of rever Ganges 07102013 01.jpg|काँस||thumb|left|250px]]





16:26, 31 मई 2020 का अवतरण

काँस
वैज्ञानिक वर्गीकरण
जगत: पादप
अश्रेणीत: ऍनजिओस्पर्म
अश्रेणीत: मोनोकॉटिलिडॉन
अश्रेणीत: कॉमलिनिड
गण: पोअलिस
कुल: पोएसी
वंश: सॅकरम
जाति: ऍस. स्पॉनटेनिअम
द्विपद नाम
सॅकरम स्पॉनटेनिअम

काँस एक प्रकार की लंबी घास होती है जो कि मूलतः दक्षिण एशिया में पाई जाती है। यह घास ३ मी. तक लंबी हो जाती है। भारत, नेपाल और भूटान में हिमालय के तलहटी वाले तराई क्षेत्र में तथा बांग्लादेश में भी यह घास बाढ़ के बाद नदियों द्वारा लाई गई उर्वरक मिट्टी पर तेज़ी से क़ाबिज़ हो जाती है। यह घास भारतीय गैण्डे के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण आवासीय क्षेत्र प्रदान करती है।



उपयोग

भारतीय उपमहाद्वीप में सच्चरुम स्पोंटेनियम के क्षेत्रीय नामों की संख्या काफी है, उदाहरण के लिए बंगाली/बांगला में कांस आम बात है। इसका उपयोग आयुर्वेदा में किया जाता है।