"जानी दुश्मन (1979 फ़िल्म)": अवतरणों में अंतर
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== संक्षेप == |
== संक्षेप == |
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यह फिल्म अपने समय की बेहद लोकप्रिय फिल्म थी। इसके सभी गाने खासकर चलो रे डोंली उठाओ कहार काफी लोकप्रिय रहे थे और आज भी इसके गीत लोगों को बरबस इसके ओर आकर्षित करते हैं। फिल्म का सबसे मनोरंजक और रोचकता थी हिरोइनों का एक एक कर मरना। फिल्म का शुरूआती दृश्य काफी डरावना और संस्पेंस पैदा करने वाला था। |
यह फिल्म अपने समय की बेहद लोकप्रिय फिल्म थी। इसके सभी गाने खासकर चलो रे डोंली उठाओ कहार काफी लोकप्रिय रहे थे और आज भी इसके गीत लोगों को बरबस इसके ओर आकर्षित करते हैं। फिल्म का सबसे मनोरंजक और रोचकता थी हिरोइनों का एक एक कर मरना। फिल्म का शुरूआती दृश्य काफी डरावना और संस्पेंस पैदा करने वाला था। जैसा कि मानिकपुरी सर कुररू बताते हैं कि जगदलपुर में जब रिलीज हुई थी तो इसके हॉरर डरावने पन के कारण इस ने तहलका मचा दिया था सूर्य के 15 मिनट में हूं ही या फिर अपने डरावनी अंदाज़ के साथ दर्शकों को सम्मोहित कर लेती है और अमरीश पुरी अपने पूरे शबाब पर नजर आते हैं चाहे वह ट्रेन का सीन हो जहां वह एक डरावनी किताब पढ़ते हुए भूतों के प्रकार गिनाते हैं चाहे वह गुफा का सीन अपने खास अंदाज में डायलॉग बोलते हुए वह दर्शकों के रोंगटे खड़े कर देते हैं फिर जब फिल्म गांव में पहुंचती है तो सुनील दत्त और शत्रुघ्न सिन्हा के बीच की प्रतिद्वंद्विता द्वंद्विता रीना राय और रेखा वाले तेल हो या घुड़दौड़ वाले सीन सब मजेदार है जितेंद्र अपने गानों के साथ नीतू सिंह को मंत्रमुग्ध करते हैं और कभी ओ मेरी जान बोल मेरी जान तथा कभी तेरे हाथों में पहना के चूड़ियां के साथ समा बांध देते हैं इस प्रकार इसका बेटी कुछ लड़ाई झगड़ा कुछ जबरदस्त एक्शन के साथ एक रहस्य पूर्ण सस्पेंस को खोलते हुए यह मोहित कर देने वाली फिल्म समाप्त होती है जो दर्शकों के दिल में आज भी जगह बनाने में सफल है 2019 मैं जब रात के 10:00 बजे मैंने अपने भांजे से कहा की यह अपने तरह की बहुत डरावनी फिल्म है इसे जरूर देखना है तो 25 साल का मेरा भांजा सनी थोड़ी ना नुकुर करते हुए जो इसे देखना शुरू किया तो प्रारंभ के 15 मिनट में ही उसे पसंद आ गई |
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== चरित्र == |
== चरित्र == |
09:33, 24 मई 2020 का अवतरण
जानी दुश्मन | |
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जानी दुश्मन का पोस्टर | |
अभिनेता | संजीव कुमार |
प्रदर्शन तिथि |
1979 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
जानी दुश्मन 1979 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है।m
संक्षेप
यह फिल्म अपने समय की बेहद लोकप्रिय फिल्म थी। इसके सभी गाने खासकर चलो रे डोंली उठाओ कहार काफी लोकप्रिय रहे थे और आज भी इसके गीत लोगों को बरबस इसके ओर आकर्षित करते हैं। फिल्म का सबसे मनोरंजक और रोचकता थी हिरोइनों का एक एक कर मरना। फिल्म का शुरूआती दृश्य काफी डरावना और संस्पेंस पैदा करने वाला था। जैसा कि मानिकपुरी सर कुररू बताते हैं कि जगदलपुर में जब रिलीज हुई थी तो इसके हॉरर डरावने पन के कारण इस ने तहलका मचा दिया था सूर्य के 15 मिनट में हूं ही या फिर अपने डरावनी अंदाज़ के साथ दर्शकों को सम्मोहित कर लेती है और अमरीश पुरी अपने पूरे शबाब पर नजर आते हैं चाहे वह ट्रेन का सीन हो जहां वह एक डरावनी किताब पढ़ते हुए भूतों के प्रकार गिनाते हैं चाहे वह गुफा का सीन अपने खास अंदाज में डायलॉग बोलते हुए वह दर्शकों के रोंगटे खड़े कर देते हैं फिर जब फिल्म गांव में पहुंचती है तो सुनील दत्त और शत्रुघ्न सिन्हा के बीच की प्रतिद्वंद्विता द्वंद्विता रीना राय और रेखा वाले तेल हो या घुड़दौड़ वाले सीन सब मजेदार है जितेंद्र अपने गानों के साथ नीतू सिंह को मंत्रमुग्ध करते हैं और कभी ओ मेरी जान बोल मेरी जान तथा कभी तेरे हाथों में पहना के चूड़ियां के साथ समा बांध देते हैं इस प्रकार इसका बेटी कुछ लड़ाई झगड़ा कुछ जबरदस्त एक्शन के साथ एक रहस्य पूर्ण सस्पेंस को खोलते हुए यह मोहित कर देने वाली फिल्म समाप्त होती है जो दर्शकों के दिल में आज भी जगह बनाने में सफल है 2019 मैं जब रात के 10:00 बजे मैंने अपने भांजे से कहा की यह अपने तरह की बहुत डरावनी फिल्म है इसे जरूर देखना है तो 25 साल का मेरा भांजा सनी थोड़ी ना नुकुर करते हुए जो इसे देखना शुरू किया तो प्रारंभ के 15 मिनट में ही उसे पसंद आ गई
चरित्र
Hjghjj
मुख्य कलाकार
- संजीव कुमार ठाकुर
- जितेंद्र अमर
- सुनील दत्त लाखन
- प्रेमनाथ पुजारी
- शत्रुधन सिन्हा शेरा
- विनोद मेहरा पागल ( पुलिस इंस्पेक्टर )
- रीना रॉय रेशमा
- नीतू सिंह गौरी
- रेखा चंपा
- योगिता बाली ठाकुर की दुल्हन
- बिंदिया गोस्वामी शांति
- रजा मुराद ठाकुर ज्वाला प्रसाद
- मदनपुरी वैध जी
- सारिका बिंदिया
- अमरीश पुरी गीता किडनैपर
- नीता मेहरा ब्राइड
- शक्ति कपूर मैन ऑफ हॉर्स
- अरूणा ईरानी अरुणा
- जगदीप नाथुराम
- मैक मोहन टैक्सी ड्राइवर
- सुलोचना लटकर लाखन की मां
- जयश्री श्री टी. नथुनिया
- अनवर हुसैन सरदार
- शोभिनी सिंह ब्राइड
- इंद्रानी मुखर्जी ठकुराइन