"उत्तरकाण्ड": अवतरणों में अंतर
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# रामचरितमानस - बालकाण्ड (५१-१००) का मूल पाठ (विकीस्रोत पर) |
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# रामचरितमानस - बालकाण्ड (१०१-१५०) का मूल पाठ (विकीस्रोत पर) |
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# रामचरितमानस - बालकाण्ड (१५१-२००) का मूल पाठ (विकीस्रोत पर) |
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# रामचरितमानस - बालकाण्ड (२०१-२५०) का मूल पाठ (विकीस्रोत पर) |
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# रामचरितमानस - बालकाण्ड (२५१-३००) का मूल पाठ (विकीस्रोत पर) |
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# रामचरितमानस - बालकाण्ड (३०१-३५०) का मूल पाठ (विकीस्रोत पर) |
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# रामचरितमानस - अयोध्याकाण्ड (१-५०) का मूल पाठ (विकीस्रोत पर) |
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# रामचरितमानस - अयोध्याकाण्ड (५१-१००) का मूल पाठ (विकीस्रोत पर) |
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# रामचरितमानस - अयोध्याकाण्ड (१०१-१५०) का मूल पाठ (विकीस्रोत पर) |
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# रामचरितमानस - अयोध्याकाण्ड (१५१-२००) का मूल पाठ (विकीस्रोत पर) |
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# रामचरितमानस - अयोध्याकाण्ड (२०१-२५०) का मूल पाठ (विकीस्रोत पर) |
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# रामचरितमानस - अयोध्याकाण्ड (२५१-३००) का मूल पाठ (विकीस्रोत पर) |
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# रामचरितमानस - अयोध्याकाण्ड (३०१-३२६) का मूल पाठ (विकीस्रोत पर) |
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# रामचरितमानस - अरण्यकाण्ड (१-४६) का मूल पाठ (विकीस्रोत पर) |
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# रामचरितमानस - किष्किन्धाकाण्ड (१-३०) का मूल पाठ (विकीस्रोत पर) |
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# रामचरितमानस - सुन्दरकाण्ड (१-५०) का मूल पाठ (विकीस्रोत पर) |
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# रामचरितमानस - सुन्दरकाण्ड (५१-६०) का मूल पाठ (विकीस्रोत पर) |
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# रामचरितमानस - लंकाकाण्ड (१-५०) का मूल पाठ (विकीस्रोत पर) |
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# रामचरितमानस - लंकाकाण्ड (५१-१००) का मूल पाठ (विकीस्रोत पर) |
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# रामचरितमानस - लंकाकाण्ड (१०१-१२१) का मूल पाठ (विकीस्रोत पर) |
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# रामचरितमानस - उत्तरकाण्ड (१-५०) का मूल पाठ (विकीस्रोत पर) |
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# रामचरितमानस - उत्तरकाण्ड (५१-१००) का मूल पाठ (विकीस्रोत पर) |
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# रामचरितमानस - उत्तरकाण्ड (१०१-१३१) का मूल पाठ (विकीस्रोत पर) |
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* रामचरितमानस - रामायण आरती का मूल पाठ (विकीस्रोत पर) |
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* [[तुलसीदास]] |
* [[तुलसीदास]] |
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* [[वाल्मीकि]] [[रामायण]] |
* [[वाल्मीकि]] |
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* [[रामायण]] |
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* वाल्मीकि रामायण (विकीस्रोत पर) |
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# वाल्मीकि रामायण - बालकाण्ड का मूल पाठ (विकीस्रोत पर) |
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# वाल्मीकि रामायण - अयोध्याकाण्ड का मूल पाठ (विकीस्रोत पर) |
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# वाल्मीकि रामायण - अरण्यकाण्ड का मूल पाठ (विकीस्रोत पर) |
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# वाल्मीकि रामायण - किष्किन्धाकाण्ड का मूल पाठ (विकीस्रोत प |
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==संदर्भ== |
==संदर्भ== |
04:02, 15 मई 2020 का अवतरण
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उत्तरकाण्ड वाल्मीकि कृत रामायण और गोस्वामी तुलसीदास कृत श्री राम चरित मानस का एक भाग (काण्ड या सोपान) है।
उत्तरकाण्ड राम कथा का उपसंहार है। सीता, लक्ष्मण और समस्त वानर सेना के साथ राम अयोध्या वापस पहुँचे। राम का भव्य स्वागत हुआ, भरत के साथ सर्वजनों में आनन्द व्याप्त हो गया। वेदों और शिव की स्तुति के साथ राम का राज्याभिषेक हुआ। वानरों की विदाई दी गई। राम ने प्रजा को उपदेश दिया और प्रजा ने कृतज्ञता प्रकट की। चारों भाइयों के दो दो पुत्र हुये। रामराज्य ए आदर्श बन गया।
विशेष:- मूल वाल्मिकी रामायण में उत्तर काण्ड नहीं है। केवल युद्ध काण्ड सहित छः काण्ड हैं। उत्तर काण्ड को बाद में जोड़ा गया है।
इन्हें भी देखें
- बालकाण्ड
- अयोध्याकाण्ड
- अरण्यकाण्ड
- किष्किन्धाकाण्ड
- सुन्दरकाण्ड
- लंकाकाण्ड
- रामायण आरती
- तुलसीदास
- वाल्मीकि
- रामायण
संदर्भ
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