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''' बालाजी विश्वनाथ भट्ट''' (1662–1720) प्रथम ''[[पेशवा]]'' (प्रधानमंत्री के लिए [[मराठी भाषा|मराठी]] शब्द) थे। , इन्हें प्रायः '''पेशवा बालाजी विश्वनाथ''' के नाम से जाना जाता है। ये एक ब्राह्मण परिवार से थे और १८वीं सदी के दौरान [[मराठा साम्राज्य]] का प्रभावी नियंत्रण इनके हाथों में आ गया। बालाजी विश्वनाथ ने [[शाहुजी]] की सहायता की और राज्य पर पकड़ मजबूत बनायी। इसके पहले आपसी युद्ध तथा [[औरंगज़ेब|औरंगजेब]] के अधीन मुगलों की आक्रमणों के कारण मराठा साम्राज्य की स्थिति कमजोर हो चली थी।


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बालाजी विश्वनाथ भट
बालाजी विश्वनाथ भट
शासनावधि१७ नवंबर १७१३– १२ अप्रैल १७२०
पूर्ववर्तीपरशुराम ट्रिम्बक कुलकर्णी
उत्तरवर्तीपेशवा बाजीराव प्रथम
जन्म१ जनवरी १६६२
श्रीवर्धन, कोंकण
निधन१२ अप्रैल १७२०
सास्वड, महाराष्ट्र
जीवनसंगीराधाबाई, ek अज्ञात
संतानपेशवा बाजीराव प्रथम
चिम्णाजी अप्पा
भिऊबाई जोशी
अनुबाई घोरपडे< br> bikaji, ranoji
पूरा नाम
पंतप्रधान श्रीमंत बालाजी (बल्लाल) विश्वनाथ (भट्ट) देशमुख पेशवा
घराना(भट्ट) देशमुख
पिताविश्वनाथपणंत विसाजी (भट) देशमुख
धर्महिन्दू

बालाजी विश्वनाथ भट्ट (1662–1720) प्रथम पेशवा (प्रधानमंत्री के लिए मराठी शब्द) थे। , इन्हें प्रायः पेशवा बालाजी विश्वनाथ के नाम से जाना जाता है। ये एक ब्राह्मण परिवार से थे और १८वीं सदी के दौरान मराठा साम्राज्य का प्रभावी नियंत्रण इनके हाथों में आ गया। बालाजी विश्वनाथ ने शाहुजी की सहायता की और राज्य पर पकड़ मजबूत बनायी। इसके पहले आपसी युद्ध तथा औरंगजेब के अधीन मुगलों की आक्रमणों के कारण मराठा साम्राज्य की स्थिति कमजोर हो चली थी।