"पी॰ वी॰ नरसिम्हा राव": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
व्याकरण में सुधार
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन Android app edit
छो बॉट: पुनर्प्रेषण ठीक कर रहा है
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''''''''{{ज्ञानसंदूक प्रधानमंत्री
'''''''''{{ज्ञानसंदूक प्रधानमंत्री
| order=[[भारत के प्रधानमंत्री|भारत के दसवें प्रधानमंत्री]]
| order=[[भारत का प्रधानमन्त्री|भारत के दसवें प्रधानमंत्री]]
| name=पी. वी. नरसिम्हा राव
| name=पी. वी. नरसिम्हा राव
| image = Pumapaparti.N.rao.jpg
| image = Pumapaparti.N.rao.jpg
| birth_date =[[२८ जून]] [[१९२१]]
| birth_date =[[२८ जून]] [[१९२१]]
| birth_place =[[करीमनगर]], [[आंध्र प्रदेश]]
| birth_place =[[करीमनगर]], [[आन्ध्र प्रदेश|आंध्र प्रदेश]]
| death_date =[[२३ दिसंबर]] [[२००४]]
| death_date =[[२३ दिसम्बर|२३ दिसंबर]] [[२००४]]
| death_place = [[दिल्ली]], [[भारत]]
| death_place = [[दिल्ली]], [[भारत]]
| party=[[भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस|भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस (ई)]]
| party=[[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस|भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस (ई)]]
| term_start =[[२० जून]], [[१९९१]]
| term_start =[[२० जून]], [[१९९१]]
| term_end =[[१६ मई]], [[१९९६]]
| term_end =[[१६ मई]], [[१९९६]]
पंक्ति 22: पंक्ति 22:


== इन्हें भी देखें ==
== इन्हें भी देखें ==
* [[भारत के प्रधानमंत्री]]
* [[भारत का प्रधानमन्त्री|भारत के प्रधानमंत्री]]
* [[अटल बिहारी वाजपेयी]]
* [[अटल बिहारी वाजपेयी]]



16:45, 4 मार्च 2020 का अवतरण

''''

पी. वी. नरसिम्हा राव
पी॰ वी॰ नरसिम्हा राव


कार्यकाल
२० जून, १९९१ – १६ मई, १९९६
पूर्ववर्ती चन्द्रशेखर
परवर्ती अटल बिहारी वाजपेयी

जन्म २८ जून १९२१
करीमनगर, आंध्र प्रदेश
मृत्यु २३ दिसंबर २००४
दिल्ली, भारत
राष्ट्रीयता भारतीय
राजनैतिक दल भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस (ई)

पामुलापति वेंकट नरसिंह राव (जन्म- 28 जून 1921, मृत्यु- 23 दिसम्बर 2004) भारत के 10 वें प्रधानमंत्री के रूप में जाने जाते हैं। 'लाइसेंस राज' की समाप्ति और भारतीय अर्थनीति में खुलेपन उनके प्रधानमंत्रित्व काल में ही आरम्भ हुआ।[1] ये आन्ध्रा प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे।

इनके प्रधानमंत्री बनने में भाग्य का बहुत बड़ा हाथ रहा है। 29 मई 1991 को राजीव गांधी की हत्या हो गई थी। ऐसे में सहानुभूति की लहर के कारण कांग्रेस को निश्चय ही लाभ प्राप्त हुआ। 1991 के आम चुनाव दो चरणों में हुए थे। प्रथम चरण के चुनाव राजीव गांधी की हत्या से पूर्व हुए थे और द्वितीय चरण के चुनाव उनकी हत्या के बाद में। प्रथम चरण की तुलना में द्वितीय चरण के चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर रहा। इसका प्रमुख कारण राजीव गांधी की हत्या से उपजी सहानुभूति की लहर थी। इस चुनाव में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत नहीं प्राप्त हुआ लेकिन वह सबसे बड़े दल के रूप में उभरी। कांग्रेस ने 232 सीटों पर विजय प्राप्त की थी। फिर नरसिम्हा राव को कांग्रेस संसदीय दल का नेतृत्व प्रदान किया गया। ऐसे में उन्होंने सरकार बनाने का दावा पेश किया। सरकार अल्पमत में थी, लेकिन कांग्रेस ने बहुमत साबित करने के लायक़ सांसद जुटा लिए और कांग्रेस सरकार ने पाँच वर्ष का अपना कार्यकाल सफलतापूर्वक पूर्ण किया।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. "Narasimha Rao, not Vajpayee, was the PM who set India,s on a nuclear explosion path".

बाहरी कड़ियाँ