"कैथी": अवतरणों में अंतर

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== बाहरी कड़ियाँ ==
•बीरभानपुर कैथी (बी.कैथी 821309) यह गांव के साथ-साथ एक ग्रामपंचायत भी है। यह गांव बिहार राज्य के रोहतास जिले के नासरीगंज ब्लॉक में स्थित है। यह गांव बहुत पुराना लगभग 1886 ई. से पहले बसा हुआ है। यहां की मुख्य भाषाएं हिन्दी, मगही, भोजपुरी, मैथिली, इत्यादि हैं। तथा यहां पर हिन्दू, मुस्लिम इत्यादि धर्मों के लोग एक दूसरे के साथ मिल जुलकर रहते हैं।
* [http://www.in.jagran.yahoo.com/news/local/bihar/4_4_8908293.html गुमनामी के अंधेरे में गुम हो गई कैथी]
* [http://www.inextlive.jagran.com/Kaithi-albhabet-is-in-danger-201203140011 कहीं पन्नों में दफन न हो जाए कैथी]
* [http://www-personal.umich.edu/~pandey/kaithi.pdf Proposal to Encode the Kaithi Script in ISO/IEC 10646]
* [http://www.unicode.org/charts/PDF/U11080.pdf कैथी का यूनिकोड] (PDF ; अंग्रेजी में)
* [https://satyagrah.scroll.in/article/122159/how-kaithi-have-fallen-out-of-use कभी हिंदी और उर्दू से अधिक उपयोग होने वाली कैथी खत्म कैसे हो गई?]


[[श्रेणी:भारत की लिपियाँ|कैथी]]
•रोहतास जिला
[[श्रेणी:लिपि|कैथी]]
कहा जाता है कि इस प्राचीन और मजबूत किले का निर्माण त्रेता युग में अयोध्या के सूर्यवंशी राजा त्रिशंकु के पौत्र व राजा हरिश्चंद्र के पुत्र रोहिताश्व ने कराया था। बहुत दिनों तक यह हिन्दू राजाओं के अधिकार में रहा, लेकिन 16वीं सदी में मुसलमानों के अधिकार में चला गया और अनेक वर्षों तक उनके अधीन रहा। इतिहासकारों का मत है कि किले की चारदीवारी का निर्माण शेरशाह ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से कराया था, ताकि कोई किले पर हमला न कर सके। बताया जाता है कि स्वतंत्रता संग्राम की पहली लड़ाई (1857) के समय अमर सिंह ने यहीं से अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह का संचालन किया था।
[[श्रेणी:कायस्थ|लिपि, कैथी]]

[[श्रेणी:ब्राह्मण लिपियाँ|लिपि, कैथी]]
रोहतास गढ़ का किला काफी भव्य है। किले का घेरा ४५ किमी तक फैला हुआ है। इसमें कुल 83 दरवाजे हैं, जिनमें मुख्य चार- घोड़ाघाट, राजघाट, कठौतिया घाट व मेढ़ा घाट हैं। प्रवेश द्वार पर निर्मित हाथी, दरवाजों के बुर्ज, दीवारों पर पेंटिंग अद्भुत है। रंगमहल, शीश महल, पंचमहल, खूंटा महल, आइना महल, रानी का झरोखा, मानसिंह की कचहरी आज भी मौजूद हैं। परिसर में अनेक इमारतें हैं जिनकी भव्यता देखी जा सकती है। खरवार साम्राज्य रोहतासगढ़ दुर्ग या रोहतास दुर्ग, बिहार के रोहतास जिले में स्थित एक प्राचीन दुर्ग है। यह भारत के सबसे प्राचीन दुर्गों में से एक है। यह बिहार के रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम से लगभग 55 और डेहरी आन सोन से 43 किलोमीटर की दूरी पर सोन नदी के बहाव वाली दिशा में पहाड़ी पर स्थित है। यह समुद्र तल से 1500 मीटर ऊँचा है।इस प्राचिन किला का निर्माण सूर्यवंशी राजा सत्यवादी हरिशचन्द्र के पूत्र रोहिताश्य ने कराया था बहूत दिनो तक सूर्यवंशी खरवार राजाओ के अधिकार मे रहा लेकिन सन् 1539 ई मे शेरशाह और हूँमायूँ मे यूध्द ठनने लगा तो शेरशाह ने रोहतास के सूर्यवंशी खरवार राजा नृपती से निवेदन किया कि मै अभी मूसीबत मे हूँ अतः मेरे जनान खाने को कूछ दिनो के लिये रोहतास किला मे रहने दिया जाये रोहतास के खरवार राजा नृपती ने पडोसी के मदत के ख्याल से शेरशाह कि प्राथना स्वीकार कर ली और केवल औरतो को भेज देने का संवाद प्रेसित किया कई सौ डोलिया रोहतास दूर्ग के लिये रवाना हूई और पिछली डोली मे स्वयम शेरशाह चला आगे कि डोलिया जब रोहतास दूर्ग पर पहूची उनकी तलासी होने लगी जीनमे कूछ बूढी औरते थी ईसी बीच अन्य डोलीयो से सस्त्र सैनिक कूदकर बाहर नीकले पहरदार का कत्ल कर के दूर्ग मे प्रवेश कर गये शेरशाह भी तूरन्त पहूचा और किले पर कब्जा कर लिया ।
[[श्रेणी:मिथिला की संस्कृति|लिपि, कैथी]]

16:57, 3 मार्च 2020 का अवतरण

कैथी में अंकों की जानकारी
कैथी लिपि का हस्तलिखित रूप

कैथी एक ऐतिहासिक लिपि है मैं ममध्यकालीन भारत में प्रमुख रूप से उत्तर-पूर्व और उत्तर भारत में काफी बृहत रूप से प्रयोग किया जाता था। खासकर आज के उत्तर प्रदेश एवं बिहार के क्षेत्रों में इस लिपि में वैधानिक एवं प्रशासनिक कार्य किये जाने के भी प्रमाण पाये जाते हैं [1]।। इसे "कयथी" या "कायस्थी", के नाम से भी जाना जाता है। पूर्ववर्ती उत्तर-पश्चिम प्रांत, मिथिला, बंगाल, उड़ीसा और अवध में। इसका प्रयोग खासकर न्यायिक, प्रशासनिक एवं निजी आँकड़ों के संग्रहण में किया जाता था।

उत्पत्ति

'कैथी' की उत्पत्ति 'कायस्थ' शब्द से हुई है जो कि उत्तर भारत का एक सामाजिक समूह (हिन्दू जाति) है। इन्हीं के द्वारा मुख्य रूप से व्यापार संबधी ब्यौरा सुरक्षित रखने के लिए सबसे पहले इस लिपी का प्रयोग किया गया था। कायस्थ समुदाय का पुराने रजवाड़ों एवं ब्रिटिश औपनिवेशिक शासकों से काफी नजदीक का रिश्ता रहा है। ये उनके यहाँ विभिन्न प्रकार के आँकड़ों का प्रबंधन एवं भंडारण करने के लिये नियुक्त किये जाते थे। कायस्थों द्वारा प्रयुक्त इस लिपि को बाद में कैथी के नाम से जाना जाने लगा।

इतिहास

कैथी एक पुरानी लिपि है जिसका प्रयोग कम से कम 16 वी सदी मे धड़ल्ले से होता था। मुगल सल्तनत के दौरान इसका प्रयोग काफी व्यापक था। 1880 के दशक में ब्रिटिश राज के दौरान इसे प्राचीन बिहार के न्यायलयों में आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया था। इसे खगड़िया जिले के न्यायालय में वैधानिक लिपि का दर्ज़ा दिया गया था।

कैथी के विलोप का खतरा

कैथी लिपि को कभी कभी 'बिहार लिपि' भी कहा जाता है। अभी भी बिहार समेत देश के उत्‍तर पूर्वी राज्‍यों में इस लिपि में लिखे हजारों अभिलेख हैं। समस्‍या तब होती है जब इन अभिलेखों से संबंधित कानूनी अडचनें आती हैं। दैनिक जागरण के पटना संस्‍करण में नौ सितंबर 2009 को पेज बीस पर बक्‍सर से छपी कंचन किशोर की एक खबर का संदर्भ लें तो इस लिपि के जानकार अब उस जिले में केवल दो लोग बचे हैं। दोनों काफी उम्र वाले हैं। ऐसे में निकट भविष्‍य में इस लिपि को जानने वाला शायद कोई न बचेगा और तक इस लिपि में लिखे भू-अभिलेखों का अनुवाद आज की प्रचलित लिपियों में करना कितना कठिन होगा इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। भाषा के जानकारों के अनुसार यही स्थिति सभी जगह है। ऐसे में जरूरत है इस लिपि के संरक्षण की।

यूनिकोड

कैथी लिपि को सन २००९ में यूनिकोड मानक 5.2 में शामिल किया गया। कैथी का यूनिकोड में स्थान U+11080 से U+110CF है। इस सीमा में कुछ खाली स्थान भी है जिनके कोड बिन्दु निर्धारित नहीं किए गए हैं।

यूनिकोड कैथी विवरण
U+11080 (69760) 𑂀 कैथी चन्द्रबिन्दु
U+11081 (69761) 𑂁 कैथी अनुस्वार
U+11082 (69762) 𑂂 कैथी का विसर्ग
U+11083 (69763) 𑂃 कैथी वर्ण अ
U+11084 (69764) 𑂄 कैथी वर्ण आ
U+11085 (69765) 𑂅 कैथी वर्ण इ
U+11086 (69766) 𑂆 कैथी वर्ण ई
U+11087 (69767) 𑂇 कैथी वर्ण उ
U+11088 (69768) 𑂈 कैथी वर्ण ऊ
U+11089 (69769) 𑂉 कैथी वर्ण ए
U+1108A (69770) 𑂊 कैथी वर्ण ऐ
U+1108B (69771) 𑂋 कैथी वर्ण ओ
U+1108C (69772) 𑂌 कैथी वर्ण औ
U+1108D (69773) 𑂍 कैथी वर्ण क
U+1108E (69774) 𑂎 कैथी वर्ण ख
U+1108F (69775) 𑂏 कैथी वर्ण ग
U+11090 (69776) 𑂐 कैथी वर्ण घ
U+11091 (69777) 𑂑 कैथी वर्ण ङ
U+11092 (69778) 𑂒 कैथी वर्ण च
U+11093 (69779) 𑂓 कैथी वर्ण छ
U+11094 (69780) 𑂔 कैथी वर्ण ज
U+11095 (69781) 𑂕 कैथी वर्ण झ
U+11096 (69782) 𑂖 कैथी वर्ण ञ
U+11097 (69783) 𑂗 कैथी वर्ण ट
U+11098 (69784) 𑂘 कैथी वर्ण ठ
U+11099 (69785) 𑂙 कैथी वर्ण ड
U+1109A (69786) 𑂚 कैथी वर्ण ढ
U+1109B (69787) 𑂛 कैथी वर्ण ड़
U+1109C (69788) 𑂜 कैथी वर्ण ढ़
U+1109D (69789) 𑂝 कैथी वर्ण ण
U+1109E (69790) 𑂞 कैथी वर्ण त
U+1109F (69791) 𑂟 कैथी वर्ण थ
U+110A0 (69792) 𑂠 कैथी वर्ण द
U+110A1 (69793) 𑂡 कैथी वर्ण ध
U+110A2 (69794) 𑂢 कैथी वर्ण न
U+110A3 (69795) 𑂣 कैथी वर्ण प
U+110A4 (69796) 𑂤 कैथी वर्ण फ
U+110A5 (69797) 𑂥 कैथी वर्ण ब
U+110A6 (69798) 𑂦 कैथी वर्ण भ
U+110A7 (69799) 𑂧 कैथी वर्ण म
U+110A8 (69800) 𑂨 कैथी वर्ण य
U+110A9 (69801) 𑂩 कैथी वर्ण र
U+110AA (69802) 𑂪 कैथी वर्ण ल
U+110AB (69803) 𑂫 कैथी वर्ण व
U+110AC (69804) 𑂬 कैथी वर्ण श
U+110AD (69805) 𑂭 कैथी वर्ण ष
U+110AE (69806) 𑂮 कैथी वर्ण स
U+110AF (69807) 𑂯 कैथी वर्ण ह
U+110B0 (69808) 𑂰 कैथी मात्रा ा
U+110B1 (69809) 𑂱 कैथी मात्रा ि
U+110B2 (69810) 𑂲 कैथी मात्रा ी
U+110B3 (69811) 𑂳 कैथी मात्रा ु
U+110B4 (69812) 𑂴 कैथी मात्रा ू
U+110B5 (69813) 𑂵 कैथी मात्रा े
U+110B6 (69814) 𑂶 कैथी मात्रा ै
U+110B7 (69815) 𑂷 कैथी मात्रा ो
U+110B8 (69816) 𑂸 कैथी मात्रा ौ
U+110B9 (69817) 𑂹 कैथी विराम चिह्न
U+110BA (69818) 𑂺 कैथी नुक्ता चिह्न
U+110BB (69819) 𑂻 कैथी संक्षिप्ति (ABBREVIATION) चिह्न
U+110BC (69820) 𑂼 KAITHI ENUMERATION SIGN
U+110BD (69821) 𑂽 कैथी संख्या चिह्न
U+110BE (69822) 𑂾 कैथी प्रभाग (SECTION) चिह्न
U+110BF (69823) 𑂿 कैथी डबल सेक्सन चिह्न
U+110C0 (69824) 𑃀 कैथी डण्डा
U+110C1 (69825) 𑃁 कैथी दो-डण्डा


कैथी का यूनिकोड चार्ट ( यूनिकोड संस्करण 6.1 के अनुसार)
  0 1 2 3 4 5 6 7 8 9 A B C D E F
U+1108x 𑂀 𑂁 𑂂 𑂃 𑂄 𑂅 𑂆 𑂇 𑂈 𑂉 𑂊 𑂋 𑂌 𑂍 𑂎 𑂏
U+1109x 𑂐 𑂑 𑂒 𑂓 𑂔 𑂕 𑂖 𑂗 𑂘 𑂙 𑂚 𑂛 𑂜 𑂝 𑂞 𑂟
U+110Ax 𑂠 𑂡 𑂢 𑂣 𑂤 𑂥 𑂦 𑂧 𑂨 𑂩 𑂪 𑂫 𑂬 𑂭 𑂮 𑂯
U+110Bx 𑂰 𑂱 𑂲 𑂳 𑂴 𑂵 𑂶 𑂷 𑂸 𑂹 𑂺 𑂻 𑂼 𑂽 𑂾 𑂿
U+110Cx 𑃀 𑃁

सन्दर्भ

  1. अंशुमान पांडे. 2006. Proposal to Encode the Kaithi Script in Plane 1 of ISO/IEC 10646

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