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'''अल्फा क्षय''' (Alpha decay या α-decay) एक प्रकार का [[रेडियोसक्रियता|रेडियोधर्मी]] क्षय है जिसमें परमाणु के नाभिक से [[अल्फा कण]] का उत्सर्जन होता है और एक नया परमाणु बनता है जिसकी [[द्रव्यमान संख्या]] मूल परमाणु से ४ कम होती है तथा [[परमाणु क्रमांक|परमाणु संख्या]] मूल परमाणु के परमाणु संख्या से २ कम होती है। अल्फा-कण [[हिलियम-4]] परमाणु के [[परमाणु नाभिक|नाभिक]] जैसा है जिसमें २ प्रोटॉन और २ न्यूट्रॉन होते हैं। |
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उदाहरण के लिये, [[यूरेनियम-238]] का अल्फा-क्षय होकर [[थोरियम-234]] बनता है:<ref name="suchocki">Suchocki, John. ''Conceptual Chemistry'', 2007. Page 119.</ref> |
उदाहरण के लिये, [[यूरेनियम-238]] का अल्फा-क्षय होकर [[थोरियम-234]] बनता है:<ref name="suchocki">Suchocki, John. ''Conceptual Chemistry'', 2007. Page 119.</ref> |
05:23, 3 मार्च 2020 का अवतरण
{[आधार}}
अल्फा क्षय (Alpha decay या α-decay) एक प्रकार का रेडियोधर्मी क्षय है जिसमें परमाणु के नाभिक से अल्फा कण का उत्सर्जन होता है और एक नया परमाणु बनता है जिसकी द्रव्यमान संख्या मूल परमाणु से ४ कम होती है तथा परमाणु संख्या मूल परमाणु के परमाणु संख्या से २ कम होती है। अल्फा-कण हिलियम-4 परमाणु के नाभिक जैसा है जिसमें २ प्रोटॉन और २ न्यूट्रॉन होते हैं।
उदाहरण के लिये, यूरेनियम-238 का अल्फा-क्षय होकर थोरियम-234 बनता है:[1]
या,
सन्दर्भ
- ↑ Suchocki, John. Conceptual Chemistry, 2007. Page 119.