"कार्य (भौतिकी)": अवतरणों में अंतर

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: <math>\mathrm{d}\vec{s}</math> – विस्थापन (सदिश)
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: '''''α''''' – किसी स्थान पर बल तथा विस्थापन के बीच का कोण
: '''''α''''' – किसी स्थान पर बल तथा विस्थापन के बीच का कोण
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=== कार्य के प्रकार Types of work ===
[https://www.gyantrick.com/2020/02/work-energy-and-power.html?m=1 कार्य तीन प्रकार के होते हैं।]

==== (1) शून्य कार्य Zero Work ====
कार्य के सूत्र W = fscosθ से zero work के लिए तीन condition हो सकती है।

'''''(a)  यदि बल शून्य हो if force is zero'''''

यदि कोई वस्तु नियत वेग से किसी घर्षणरहित पृष्ठ पर चल रही है तो उस पर कोई त्वरण उत्पन्न नहीं होगा जिसके कारण वस्तु पर कोई बल कार्य नही करेगा, अतः वस्तु पर किया गया कार्य zero होगा।

'''''(b) यदि विस्थापन शून्य हो if displacement is zero'''''

यदि किसी वस्तु का [https://www.gyantrick.com/2019/05/motion-in-straight-line-in-hindi.html?m=1 विस्थापन] शून्य हो तो भी वस्तु पर कार्य करने वाला बल शून्य ही होता है। उदाहरण के लिये यदि एक दीवार पर बल लगाया जाए और दीवार स्थिर ही रहे भले मनुष्य को कितनी ही थकान का अनुभव हो पर दीवाल का विस्थापन शून्य है जिससे दीवार पर किया गया कार्य zero होगा।

'''''(c) यदि बल एवं विस्थापन लम्बवत हो ( या कार्य के सूत्र में तीसरा पद cos = 0º हो ) if force and displacement is perpndicular'''''

यदि बल एवं विस्थापन के बीच कोण = 90º हो तो cos90º = 0 तो किया गया कार्य भी zero होगा।

उदाहरण के लिए, एक कुली भारी बोझ को अपने सिर पर लेकर क्षैतिज तल पर जाता है तो बोझ द्वारा लगाया गया बल नीचे की और लगता है जबकि विस्थापन  आगे की ओर होता है, बल ओर विस्थापन के बीच बनने वाला कोण 90⁰ है जिससे कुली द्वारा कृत कार्य शून्य होगा।

अतः zero work के लिए या तो F = 0, अथवा  S = 0, या   F एवं S के बीच बनने वाला कोण 90º होना चाहिये।

==== (2) धनात्मक कार्य Positive work ====
Cosθ का मान [ +1 से -1 तक होता है ] यदि बल एवं विस्थापन के बीच कोण न्यून कोण हो तो cosθ का मान धनात्मक होगा जिससे कार्य भी धनात्मक होगा। (0<θ<90ᵒ)

किसी वस्तु पर लगाया गया बाह्य बल धनात्मक होता है।

==== (3) ऋणात्मक कार्य Negative work ====
यदि बल एवं विस्थापन के बीच कोण अधिक कोण हो तो cosθ का मान ऋणात्मक होगा ( 90ᵒ<θ≤180ᵒ) जिससे कृत कार्य भी ऋणात्मक होगा।

उदाहरण के लिए [https://www.gyantrick.com/2020/01/what-is-friction-frictional-force.html?m=1 घर्षण बल friction force] द्वारा कृत कार्य ऋणात्मक होता है।

जब किसी वस्तु किसी खुरदुरे पृष्ठ पर विस्थापित किया जाता है तो घर्षण बल और विस्थापन के बीच बनने वाला कोण 180 होता है cos180º का मान -1 होता है जिससे किया गया कार्य negative होता है।
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==इन्हें भी देखें==
==इन्हें भी देखें==
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== बाहरी कड़ियाँ ==
==[https://www.gyantrick.com/2020/02/work-energy-and-power.html?m=1 Work - Energy and Power]==
* [http://www.lightandmatter.com/html_books/2cl/ch03/ch03.html Work] – a chapter from an online textbook
* [http://www.lightandmatter.com/html_books/2cl/ch03/ch03.html Work] – a chapter from an online textbook
* [http://faculty.wwu.edu/vawter/PhysicsNet/Topics/Work/WorkEngergyTheorem.html Work-energy principle]
* [http://faculty.wwu.edu/vawter/PhysicsNet/Topics/Work/WorkEngergyTheorem.html Work-energy principle]

01:14, 21 फ़रवरी 2020 का अवतरण

भौतिकी में कार्य (work) होना तब माना जाता है जब किसी वस्तु पर कोई बल लगाने से वह वस्तु बल की दिशा में कुछ विस्थापित हो। दूसरे शब्दों में, कोई बल लगाने से बल की दिशा में वस्तु का विस्थापन हो तो कहते हैं कि बल ने कार्य किया। कार्य, भौतिकी की सबसे महत्वपूर्ण राशियों में से एक है। कार्य करने की दर को शक्ति कहते हैं। कार्य करने या कराने से वस्तुओं की ऊर्जा में परिवर्तन होता है।

किसी वस्तु पर F बल लगाने पर वह वस्तु बल की दिशा में d दूरी विस्थापित हो जाय तो किया गया कार्य

या
W=fs
जहा f = बल
S= विस्थापन है

होगा।

उदाहरण:
10 न्यूटन (F = 10 N) का बल किसी वस्तु पर दक्षिण दिशा में लगता है और वह वस्तु दक्षिण दिशा में 2 मीटर (d = 2 m) विस्थापित हो जाती है तो बल द्वारा किया गया कार्य W = (10 N)(2 m) = 20 N m = 20 J हुआ। किसी वस्तु पर 5 न्यूटन का बल लगाकर उसे 4 मीटर विस्थापित करने पर भी 20 J ही कार्य होगा (5 N x 4 m = 20 J) .

कार्य का मात्रक 'जूल' है। इसे संक्षेप में J से निरूपित किया जाता है। १ जूल = १ न्यूटन-मीटर। कार्य एक अदिश राशि है।

कार्य की मात्रा की गणना (जब बल और विस्थापन की दिशा अलग-अलग हों)

यदि किसी वस्तु पर एक नियत बल लगाया जाय और वह सीधी रेखा में (बल की दिशा में या बल की दिशा से अलग दिशा में) गति करे तो किया गया कार्य निम्नलिखित सूत्र से निकाला जा सकता है-

जहाँ:

– बल
विस्थापन


किन्तु यदि बल का मान नियत न हो (अर्थात् परिवर्तनशील हो) और विस्थापन भी एक दिशा में न होकर अलग-अलग दिशाओं एं हो तो इस स्थिति में कार्य की मात्रा निकालने के लिये बल और विस्थापन के सदिश गुणनफल का समाकलन करना पड़ता है। अर्थात्

जहाँ:

W – कार्य
L – विस्थापन-मार्ग को सूचित करता है। उपरोक्त समाकलन की गणना विस्थापन-मार्ग के सन्दर्भ में की जायेगी।
– बल
– विस्थापन (सदिश)
α – किसी स्थान पर बल तथा विस्थापन के बीच का कोण

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इन्हें भी देखें

  • work ka matrak MKS mai jul hota hai

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