"चम्बल परियोजना": अवतरणों में अंतर
Rishabh8239 (वार्ता | योगदान) छोNo edit summary टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
Rishabh8239 (वार्ता | योगदान) छोNo edit summary टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
||
पंक्ति 55: | पंक्ति 55: | ||
== नदी == |
== नदी == |
||
चम्बल नदी-- |
|||
चम्बल मध्यप्रदेश में इंदौर जिले के जानापाव (महु) (विंध्यान क्षेत्र) नमक स्थान से निकलती है यह उत्तर दिशा की और बहती है मध्यप्रदेश से बहते हुये राजस्थान में दक्षिण से पूर्वी दिशा में उत्तर प्रदेश में प्रवेश करती है जो बाद में यमुना नदी में मिल जाती है |
|||
<nowiki>*</nowiki>उद्गम -- जानापाव पहाड़ी, विन्ध्याचल पर्वतमाला मानपुरा गाव महु तह. जिला इंदौर (मध्यप्रदेश) से |
|||
<nowiki>*</nowiki>इसकी कुल लंबाई -- 1050 कि. मी. है |
|||
अपवाह राज्य -- मध्यप्रदेश , राजस्थान, उत्तरप्रदेश |
|||
समापन -- इटावा मुराद्गंज के समीप यमुना मे |
|||
== स्थान == |
== स्थान == |
03:23, 4 नवम्बर 2019 का अवतरण
इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। (सितंबर 2012) स्रोत खोजें: "चम्बल परियोजना" – समाचार · अखबार पुरालेख · किताबें · विद्वान · जेस्टोर (JSTOR) |
*यह भारत की एक प्रमुख नदी घाटी परियोजना हैं। *यह राजस्थान एवम् मध्यप्रदेश सयुंक्त साझेदारी(50:50) कि परियोजना है *इस परियोजना के तहत चम्बल नदी पर तिन चरणों मे चार बांधों का निर्माण किया गया है
प्रथम चरण = 1)गांधी सागर बाँध, भानपुरा तह.मंदसोर(मप्र)
2) कोटा बेराज . कोटा (राज.)
द्वितिय चरण = 1) राणाप्रताप सागर बांध, चित्तौड़गढ(राज.)
तृतीय चरण = 1)जवाहर सागर बाँध , कोटा-बूंदी कि सीमा पर (राज.)
*कुल विद्युत उत्पादन
1) गांधी सागर बाँध से 23mwh×5=115mwh
2)राणाप्रताप सागर बाँध 43mwh×4=172mwh
3)जवाहर सागर बाँध 33mwh×3=99mwh
कुल विद्युत = 386mwh
*राजस्थान एवं मध्यप्रदेश को बराबर 193-193mwh विद्युत कि प्राप्ति होती है
4)कोटा बेराज = यह एक सिंचाई बाँध है इससे दो मुख्य नहर निकाली गइ है
1)बायी नहर - काेटा-बूंदी की आैर
2)दायीं नहर - काेटा-बांरा औऱ मध्यप्रदेश की औऱ!
*इन बांधों से 5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित है
ंमता 5 लाख हेकक्षेत्र
परियोजना का प्रारम्भ
राजस्थान में चम्बल घाटी परियोजना प्रारम्भ – १९५३-५४ राजस्थान का हिस्सा – ५० % गांधीसागर बांध – चम्बल परियोजना के प्रथम चरण में १९५९ में मध्यप्रदेश के चौरासीगढ़ स्थान के पास रामपुरा मानपुरा के पठारो के बीच निर्मित बांध कोटा सिंचाई बांध – कोटा ताप विद्युत घर स्थापित
चम्बल परियोजना भारत की नदी घाटी परियोजनाओं में से एक है। इस परियोजना के अंतर्गत तीन बाँध, पाँच बिजलीघर और एक बड़ा बैराज़ बनाया गया है।
यह परियोजना मध्य प्रदेश व राजस्थान की सरकार का सयुंक्त उपक्रम है। चम्बल परियोजना के प्रथम चरण में 'गाँधी सागर बाँध', द्वितीय चरण में 'राणा प्रताप सागर बाँध' और तीसरे चरण में 'जवाहर सागर बाँध' बनाए गये थे।[1]
नदी
चम्बल नदी--
*उद्गम -- जानापाव पहाड़ी, विन्ध्याचल पर्वतमाला मानपुरा गाव महु तह. जिला इंदौर (मध्यप्रदेश) से
*इसकी कुल लंबाई -- 1050 कि. मी. है
अपवाह राज्य -- मध्यप्रदेश , राजस्थान, उत्तरप्रदेश
समापन -- इटावा मुराद्गंज के समीप यमुना मे
स्थान
मध्य प्रदेश एवं राजस्थान,उत्तर प्रदेश
उद्देश्य
इस परियोजना के माध्यम से ऊर्जा एवं कृषि सिंचाई के क्षेत्र में कार्य करना। एवं पेयजल की योजना किर्यान्विती करना प्रमुख है
लाभान्वित होने वाले राज्य
राजस्थान , मध्यप्रदेश
सन्दर्भ
यह भूगोल से सम्बंधित लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। |