"दैनिक भास्कर": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
No edit summary
टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
छो 171.50.144.248 (Talk) के संपादनों को हटाकर संजीव कुमार के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया
टैग: वापस लिया
पंक्ति 84: पंक्ति 84:
यह दैनिक भास्कर के साथ मिलने वाली एक साप्ताहिक पत्रिका है। यह हर बुधवार को प्रकाशित होती है। इसमें लघुकथा, मुस्कुराहट, चर्चित शब्द, अपनी हिंदी, मंजूषा आदि अनुभाग होते हैं।
यह दैनिक भास्कर के साथ मिलने वाली एक साप्ताहिक पत्रिका है। यह हर बुधवार को प्रकाशित होती है। इसमें लघुकथा, मुस्कुराहट, चर्चित शब्द, अपनी हिंदी, मंजूषा आदि अनुभाग होते हैं।


=== रसरंग ===
===रसरंग===

=== '''नया लिबास पहनकर आज कश्मीर खिलखिलाया है,''' ===

=== जन्नत की वादियों में मुहब्बत का पैग़ाम आया है । ===

=== तमाम बरस घुटता रहा जहाँ ख़ुशबुओं का दम भी , ===

=== आज उन्हीं वादियों में गुलों पे फिर निखार छाया है । ===

=== चिनार की शाख़ों पर लिपटी हुयी थी राख की परतें जहाँ, ===

=== उन उजड़ी दरख़्तों पे रंगते लौटी हैं रौनक़ों का साया है । ===

=== बदली सी रुत है बदले मंज़र का मचा शोर हर ओर है, ===

=== कश्मीर की बरसती घटाओं ने सावन में क़हर ढाया है । ===

=== क़ुर्बान हुयी कश्मीर की ख़ातिर अनगिनत जानें, ===

=== हिसाब सबका इक-इक करके किसी ने आज चुकाया है । ===

=== ज़िंदगियाँ जहन्नुम की आग सा तड़प रही थीं यहाँ , ===

=== जन्नत का चिराग़ फिर रोशन हो जगमगाया है । ===

=== हवा में घुल चुकी थी गंदी सियासतों साज़िशों की बू जहाँ, ===

=== उसी गुलिस्ताँ की फ़िज़ाओं में ख़ुशबुओं का सरमाया है । ===

=== नये ख़्वाब नई उम्मीदों का आफ़ताब खिलेगा अब हर रोज़ यहाँ । ===

=== फ़लक पर आज माहताब का हुस्न चाँदनी में नहाया है । ===

=== अमन चैन के वाशिंदों नये बदलावों पर एतबार करना होगा , ===

=== मुमकिन है अब कुछ भी यहाँ तरक़्क़ी की तरफ तुमने क़दम बढ़ाया है। ===

=== क़ानून के रिसालों में दर्ज हुयी है आज की तारीख़ सदा के लिये, ===

=== कश्मीर के सीने पर मेरे तिरंगे का परचम सदा के लिये लहराया है। ===
मौलिक एवं स्वरचित

वंदना मोहन दुबे

गुडगांव (हरियाणा )


===नवरंग===
===नवरंग===

11:39, 4 सितंबर 2019 का अवतरण

दैनिक भास्कर
प्रकार दैनिक समाचारपत्र
संस्थापना 1956
भाषा हिन्दी
वितरण 29,63,407 दैनिक
जालपृष्ठ आधिकारिक जालस्थल

दैनिक भास्‍कर भारत का एक प्रमुख हिंदी दैनिक समाचारपत्र है। भारत के 12 राज्‍यों (व संघ-क्षेत्रों) में इसके 65 संस्‍करण प्रकाशित हो रहे हैं।[1] भास्कर समूह के प्रकाशनों में दिव्य भास्कर (गुजराती) और डीएनए (अंग्रेजी) और पत्रिका अहा ज़िंदगी भी शामिल हैं। 2015 में यह देश का सबसे अधिक पढ़ा जाने वाला अखबार बना।

इतिहास

वर्ष 1956 में दैनिक भास्कर ने अपना पहला समाचार-पत्र को भोपाल में प्रकाशित किया। परंतु उस समय इसका नाम सुबह सवेरे रखा गया था। वर्ष १९५७ में ग्वालियर में अग्रेजी नाम गुड मॉर्निंग इंडिया से प्रकाशित किया। एक वर्ष पश्चात वर्ष १९५८ में पुनः नाम परिवर्तित कर इसे भास्कर समाचार रख दिया गया। वर्ष 2010 में इसका नाम पुनः परिवर्तित कर दैनिक भास्कर रखा गया, जो वर्तमान में भी है। उस समय से अब तक यह भारत का शीर्ष एक दैनिक समाचार-पत्र है।

1995 को यह मध्य प्रदेश का शीर्ष समाचार पत्र बन गया। इसके बाद हुए पाठकों में सर्वेक्षण के पश्चात इसे सबसे अधिक बढ़ता हुआ दैनिक अखबार कहा गया। इसके बाद इसने निर्णय लिया की मध्य प्रदेश के बाहर भी इसका प्रसार करना चाहिए। इसके लिए राजस्थान की राजधानी जयपुर को उपयुक्त समझा गया।

1996 में इसने जयपुर में समाचार पत्र शुरू किया। यहाँ उसने एक ही दिन में 50,000 प्रतियाँ बेच कर दूसरा स्थान प्राप्त किया। इसके लिए 2,00,000 समाचार पत्र लेने वाले परिवारों के मध्य सर्वेक्षण कराया। यह कार्य 700 सर्वेक्षक द्वारा किया गया था। उसके बाद इसने एक उदाहरण के लिए समाचार पत्र दिया और आगे के लिए केवल 1.50 रुपये लिए। जबकि इसके लिए 2 रुपये होता था। इसके बाद दैनिक भास्कर ने मध्य प्रदेश के बाहर पहली बार 19 दिसम्बर 1996 में अखबार प्रकाशित किया। इस दिन 1,72,347 प्रतियाँ बेचकर यह इससे पहले शीर्ष पर रहे राजस्थान पत्रिका को पीछे छोड़कर पहले स्थान पर आ गया। इसके बाद 1999 में यह राजस्थान में पहले स्थान पर आ गया।

इसके बाद यह चंडीगढ़ में समाचार पत्र प्रकाशित करने के बारे में सोचा। यहाँ हिन्दी अखबार की तुलना में अंग्रेज़ी अखबार 6 गुणा अधिक बिकता था। इसने सर्वेक्षण का कार्य जनवरी 2000 में शुरू किया। इसने कुल 2,20,000 घरों में जाकर यह कार्य किया। इसके बाद सर्वेक्षण से यह पता लगा, कि वहाँ अंग्रेज़ी अखबार को उसके गुणवत्ता के कारण लिया जाता था। इसके बाद इसने अपने कागज आदि की गुणवत्ता को और सुधारा। इसने हिन्दी के साथ साथ अंग्रेज़ी को मिलाकर मई 2000 में अपना प्रकाशन शुरू किया। यहाँ शीर्ष पर रहे अंग्रेज़ी अखबार द ट्रीबिउन, जिसकी 50,000 प्रतियाँ बिकती थी। उसे पीछे छोड़ कर 69,000 प्रतियाँ बेची और प्रथम स्थान प्राप्त किया।

आजादी से लेकर 2015 तक केवल अंग्रेज़ी अखबार ही देश में सबसे अधिक पढ़े जाने वाले अखबार होते थे। 2015 में पहली बार दैनिक भास्कर देश का सबसे अधिक पढ़ा जाने वाला अखबार बना।

प्रकाशन स्थल

यह समाचार पत्र निम्नलिखित राज्यों व संघ-क्षेत्रों से प्रकाशित होता है : [2]

पत्रिकाएँ

इस समाचार पत्र के साथ कई पत्रिकाएँ भी होती है। जैसे रसरंग, नवरंग आदि। इसमें कुछ ऐच्छिक भी हैं। जैसे बाल भास्कर आदि।

मधुरिमा

यह दैनिक भास्कर के साथ मिलने वाली एक साप्ताहिक पत्रिका है। यह हर बुधवार को प्रकाशित होती है। इसमें लघुकथा, मुस्कुराहट, चर्चित शब्द, अपनी हिंदी, मंजूषा आदि अनुभाग होते हैं।

रसरंग

नवरंग

बाल भास्कर

एक ऐच्छिक बाल पत्रिका है, जो दो सप्ताह में एक बार शुक्रवार के दिन आती है।

अन्य

समाचार पत्रों के अलावा यह यह 17 रेडियो चैनल संचालित करता है। इसके अलावा इसके जालस्थल भी चार भाषाओं में उपलब्ध है। इन सभी को मिला कर इसके पास 50 करोड़ बार इस जालस्थल को देखा जाता है। इसमें 1 करोड़ 20 लाख नए लोग आते हैं।

इसे भी देखें

सन्दर्भ

  1. "Dainik Bhaskar" [दैनिक भास्‍कर] (अंग्रेज़ी में). दैनिक भास्‍कर समूह. अभिगमन तिथि १५ जून २०१५.
  2. "Dainik Bhaskar Company Profile" [दैनिक भास्‍कर कंपनी रूपरेखा] (अंग्रेज़ी में). डी.बी.कॉर्प.लि. (D.B.Corp.Ltd.). अभिगमन तिथि १५ जून २०१५.

बाहरी कड़ियाँ