"मुफ़्ती मोहम्मद सईद": अवतरणों में अंतर

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==आरंभिक जीवन==
==आरंभिक जीवन==
मुफ़्ती का जन्म 12 जनवरी, 1936 में जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में बिजबेहरा नामक स्थान पर हुआ था। उन्होने [[अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय]] से अरब इतिहास की परास्नातक तथा विधि स्नातक की शिक्षा प्राप्त की थी।
मुफ़्ती का जन्म 12 जनवरी, 1936 में जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में बिजबेहरा नामक स्थान पर हुआ था। उन्होने [[अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय]] से अरब इतिहास की परास्नातक तथा विधि स्नातक की शिक्षा प्राप्त की थी।
राजनेता और कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री [[महबूबा मुफ़्ती]] उनकी बेटी हैं।<ref name="dnamufti">{{cite web|url=http://www.dnaindia.com/india/live-jammu-kashmir-cm-mufti-mohammed-sayeed-passes-away-2163089|title=Live: Mufti Mohammad Sayeed to be laid to rest in Bijbehara; Seven-day state mourning declared|publisher=[[Daily News and Analysis]]|date=7 January 2016}}</ref><ref>{{Cite news|url=https://www.bbc.com/news/world-asia-india-30585105|title=Kashmir's first woman chief minister|last=Masroor|first=Shujaat Bukhari and Riyaz|date=2016-04-04|work=BBC News|access-date=2018-05-07|language=en-GB}}</ref><ref>{{Cite web|url=https://www.firstpost.com/politics/j-bjp-gets-more-cabinet-berths-2711272.html|title=J&K gets its first woman CM in Mehbooba Mufti; BJP gets more Cabinet berths - Firstpost|website=www.firstpost.com|access-date=2018-05-07}}</ref>


==राजनीतिक जीवन==
==राजनीतिक जीवन==

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मुफ़्ती मोहम्मद सईद
वर्ष 2015 में मुफ़्ती मोहम्मद सईद

पद बहाल
1 मार्च 2015 – 7 जनवरी 2016
पूर्वा धिकारी राष्ट्रपति शासन (उससे पहले-उमर अब्दुल्ला)
उत्तरा धिकारी राष्ट्रपति शासन
चुनाव-क्षेत्र अनन्तनाग विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र
पद बहाल
2 नवम्बर 2002 – 2 नवम्बर 2005
उत्तरा धिकारी गुलाम नबी आजाद

पद बहाल
2 दिसम्बर 1989 – 10 नवम्बर 1990
पूर्वा धिकारी बूटा सिँह
उत्तरा धिकारी चन्द्रशेखर

जन्म 12 जनवरी 1936
बिजबिहारा, जम्मू और कश्मीर
मृत्यु 7 जनवरी 2016(2016-01-07) (उम्र 79)
नई दिल्ली
राष्ट्रीयता भारतीय
धर्म मुस्लिम

मुफ़्ती मोहम्मद सईद (12 जनवरी 1936 - 7 जनवरी 2016) भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य के मुख्यमंत्री थे। वे जम्मू और कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के अध्यक्ष थे। वे भारत के गृह मंत्री भी रहे।[1] इस पद पर आसीन होने वाले वे पहले मुस्लिम भारतीय थे। ०७ जनवरी २०१६ को दिल्ली में उनका निधन हुआ।[2]

२०१४ के चुनावों में वे अनंतनाग विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार हिलाल अहमद शाह को 6028 वोटों के अंतर से हराकर विधायक निर्वाचित हुए।[3] साल १९८९ में इनकी बेटी रूबैया सईद का अपहरण कर लिया गया था। रुबैया के बदले में आतंकवादियों ने अपने पांच साथियों को मुक्त करवा दिया था। इस घटना का विरोध जम्मू कश्मीर के तत्कालीन मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने किया था। भारत के गृहमंत्री रहते हुए भी २४ दिसम्बर १९९९ को इन्डियन एयरलाइंस का विमान अपहृत कर लिया गया, परिणाम स्वरूप अजहर मसूद एवं अन्य दो आतंकियों को रिहा करना पड़ा।[4]

आरंभिक जीवन

मुफ़्ती का जन्म 12 जनवरी, 1936 में जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में बिजबेहरा नामक स्थान पर हुआ था। उन्होने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से अरब इतिहास की परास्नातक तथा विधि स्नातक की शिक्षा प्राप्त की थी। राजनेता और कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती उनकी बेटी हैं।[5][6][7]

राजनीतिक जीवन

मुफ़्ती ने अपना राजनैतिक जीवन 50 के दशक के अन्तिम वर्षों में डेमोक्रेटिक नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ प्रारंभ किया और वर्ष 1962 में पहली बार बिजबेहरा से विधायक चुने गए।[1] वर्ष 1967 में वे इसी सीट पर पुनः निर्वाचित हुए और गुलाम मुहम्मद सादिक़ की सरकार में उपमंत्री बनाये गए। कुछ समय पश्चात वे डेमोक्रेटिक नेशनल कॉन्फ्रेंस से अलग होकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में सम्मिलित हो गए। वे कुछ उन गिने-चुने लोगों में से एक थे जिन्होंने कांग्रेस को घाटी में महत्वपूर्ण राजनैतिक समर्थन दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया था। वर्ष 1972 में राज्य की कांग्रेस सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री तथा विधान परिषद में कांग्रेस का नेता बनाया गया। वर्ष 1986 में उन्हें राजीव गांधी सरकार के मंत्रिमंडल में पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग का कैबिनेट मंत्री बनाया गया।[1] वे वर्ष 1987 में विश्वनाथ प्रताप सिंह के नेतृत्व वाले जनमोर्चा में सम्मिलित हो गए। वर्ष 1989 में उन्होने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और वी॰पी॰ सिंह के नेतृत्व में बनी केंद्र सरकार में उन्हें केंद्रीय गृहमंत्री बनाया गया। वे देश के गृहमंत्री बनने वाले प्रथम मुस्लिम व्यक्ति थे।[1] उनके मंत्रिकाल में इनकी बेटी रूबैया सईद का आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर में अपहरण कर लिया।[4] आतंकियों ने पांच आतंकियों को जेल से रिहा करने के पश्चात उनकी बेटी को छोड़ा। पी॰ वी॰ नरसिम्हा राव के कार्यकाल में वे एक बार फिर कांग्रेस के साथ आए लेकिन वे कांग्रेस के साथ अधिक समय तक साथ नहीं रह पाये। वर्ष 1999 में उन्होने कांग्रेस को छोड़कर एक नये क्षेत्रीय राजनैतिक संगठन जम्मू और कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पी॰डी॰पी॰) का गठन किया। वर्ष 2002 में संपन्न जम्मू कश्मीर विधान सभा चुनाव में उनकी पार्टी ने सहभागिता की और विधान सभा की 16 सीटों पर विजय प्राप्त की। इस विजय के पश्चात उन्होने कांग्रेस के साथ गठबंधन सरकार बनायी, जिसमें मुख्यमंत्री के रूप में 2 नवंबर, 2002 से लेकर 2 नवंबर 2005 तक उन्होने पहली बार जम्मू-कश्मीर सरकार का नेतृत्व किया।[1] वर्ष 2015 में संपन्न जम्मू-कश्मीर राज्य के विधान सभा चुनाव में इनके नेतृत्व में पी॰डी॰पी॰ सबसे बड़ी विजेता पार्टी बनी, जिसने भाजपा के साथ गठबंधन करके सरकार बनायी और वे दुबारा मुख्यमंत्री बने।[4]

सन्दर्भ

  1. "स्वतंत्र भारत के पहले मुस्लिम गृहमंत्री थे मुफ्ती मोहम्मद सईद". लाइव हिंदुस्तान. २०१६-०७-०१. अभिगमन तिथि २०१६-०७-०१.
  2. "सरकार ने मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन पर शोक व्यक्त किया". http://pib.nic.in/. 7 जनवरी 2016. अभिगमन तिथि 8 जनवरी 2016. |website= में बाहरी कड़ी (मदद)
  3. "भारत निर्वाचन आयोग-विधान सभाओं के साधारण निर्वाचन 2014 के रूझान एवं परिणाम". अभिगमन तिथि 27 दिसंबर 2014.
  4. "सिर्फ रूबिया प्रकरण के लिए ही याद नहीं किए जाएंगे मुफ्ती". आज तक. 7 जनवरी 2016. अभिगमन तिथि 8 जनवरी 2016.
  5. "Live: Mufti Mohammad Sayeed to be laid to rest in Bijbehara; Seven-day state mourning declared". Daily News and Analysis. 7 January 2016.
  6. Masroor, Shujaat Bukhari and Riyaz (2016-04-04). "Kashmir's first woman chief minister". BBC News (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2018-05-07.
  7. "J&K gets its first woman CM in Mehbooba Mufti; BJP gets more Cabinet berths - Firstpost". www.firstpost.com. अभिगमन तिथि 2018-05-07.

बाहरी कड़ियाँ