"लेसर किरण": अवतरणों में अंतर

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[[1957]] में, [[:en:Bell Labs|बेल प्रयोगशाला]] में चार्ल्स हार्ड टाउन्‍स और [[:en:Arthur Leonard Schawlow |आर्थर लियोनार्दो स्चाव्लो]] ने अवरक्त लेसर पर एक गंभीर अध्ययन शुरू किया I जैसे जैसे यह विचार विकसित हुआ, [[अधोरक्त|अवरक्त]] आवृत्तियों से ध्यान हटा कर उनकी जगह [[प्रत्यक्ष वर्णक्रम|दृश्य प्रकाश]]पर ज्यादा ध्यान दिया जाने लगा Iयह अवधारणा मूलतः एक "प्रकाशीय मसेर" के रूप में जाना जाता था Iएक साल बाद बेल प्रयोगशाला ने प्रस्तावित प्रकाशीय मसेर के लिए [[पेटेन्ट|एकाधिकार]] का आवेदन दायर किया Iस्चाव्लो और तोव्नेस ने सैद्धांतिक गणना की एक पांडुलिपि [[:en: Physical Review|भौतिक समीक्षा]] को भेजा,जिसमें उनके शोधपत्र को उसी साल प्रकाशित किया गया.(भाग 112, अंक 6).
[[1957]] में, [[:en:Bell Labs|बेल प्रयोगशाला]] में चार्ल्स हार्ड टाउन्‍स और [[:en:Arthur Leonard Schawlow |आर्थर लियोनार्दो स्चाव्लो]] ने अवरक्त लेसर पर एक गंभीर अध्ययन शुरू किया I जैसे जैसे यह विचार विकसित हुआ, [[अधोरक्त|अवरक्त]] आवृत्तियों से ध्यान हटा कर उनकी जगह [[प्रत्यक्ष वर्णक्रम|दृश्य प्रकाश]]पर ज्यादा ध्यान दिया जाने लगा Iयह अवधारणा मूलतः एक "प्रकाशीय मसेर" के रूप में जाना जाता था Iएक साल बाद बेल प्रयोगशाला ने प्रस्तावित प्रकाशीय मसेर के लिए [[पेटेन्ट|एकाधिकार]] का आवेदन दायर किया Iस्चाव्लो और तोव्नेस ने सैद्धांतिक गणना की एक पांडुलिपि [[:en: Physical Review|भौतिक समीक्षा]] को भेजा,जिसमें उनके शोधपत्र को उसी साल प्रकाशित किया गया.(भाग 112, अंक 6).



03:01, 7 अगस्त 2009 का अवतरण

धुंध में कार की विंड स्क्रीन पर लेज़र 1957 में, बेल प्रयोगशाला में चार्ल्स हार्ड टाउन्‍स और आर्थर लियोनार्दो स्चाव्लो ने अवरक्त लेसर पर एक गंभीर अध्ययन शुरू किया I जैसे जैसे यह विचार विकसित हुआ, अवरक्त आवृत्तियों से ध्यान हटा कर उनकी जगह दृश्य प्रकाशपर ज्यादा ध्यान दिया जाने लगा Iयह अवधारणा मूलतः एक "प्रकाशीय मसेर" के रूप में जाना जाता था Iएक साल बाद बेल प्रयोगशाला ने प्रस्तावित प्रकाशीय मसेर के लिए एकाधिकार का आवेदन दायर किया Iस्चाव्लो और तोव्नेस ने सैद्धांतिक गणना की एक पांडुलिपि भौतिक समीक्षा को भेजा,जिसमें उनके शोधपत्र को उसी साल प्रकाशित किया गया.(भाग 112, अंक 6).

चित्र:Gould notebook 001.jpg
गॉर्डन गोल्ड के लेजर नोटबुक के प्रथम पृष्ठ में उन्होंने संक्षिप्त शब्द लेजर का प्रयोग किया और उसके निर्माण के लिए आवश्यक तत्‍वों का वर्णन किया I

उन्‍हीं दिनों गॉर्डन गोउल्‍ड, कोलंबिया विश्वविद्यालय में स्नातक के एक छात्र, उत्तेजित थैलियम के ऊर्जा स्तरों पर डॉक्टरेट शोध पत्र पर काम कर रहे थे Iगोल्ड और टाउन्‍स के मिलने पर विकिरण उत्सर्जन के सामान्य विषय पर बातचीत हुई I नवंबर 1957 में गोल्ड ने "लेजर" सम्बन्धी अपने विचारों को लिखा जिसमें एक खुली गूंजनेवाला यंत्र के उपयोग करने का सुझाव जो भविष्‍य के लेजरों के लिए महत्‍वपूर्ण घटक बना I

1958 में, प्रोखोरोव ने स्वतंत्र रूप से एक खुले गुंजयमान यंत्र के उपयोग का प्रस्ताव रखा, जो उनका पहला प्रकाशित विचार था I स्चाव्लो और टाउन्‍स ने भी एक खुले गुंजयमान यंत्र की रुपरेखा तैयार की, वे प्रोखोरोव और गोल्ड के प्रकाशित काम से अंजान थे I

"लेजर" शब्‍द को पहली बार सार्वजनिक रूप से गोउल्‍ड के 1959 के सम्‍मेलन पत्र "द लेजर, लाइट एम्‍प्‍लिफिकेशन बाई स्‍टिम्‍युलेटेड एमिशन ऑफ रेडिएशन" में इस्‍तेमाल किया गया।[1][2]गोउल्‍ड का इरादा "-एसर" प्रत्यय के लिए, किसी ऐसे उपसर्ग का इस्तमाल करने का था जो इस यन्त्र द्वारा उत्सर्जित प्रकाश के वर्णक्रम के लिए उपयुक्त हो (एक्स रे: क्सासेर, पराबैंगनी: उवासेर, आदि) I कोई अन्य शब्द लोकप्रिय नहीं हो पाया, हालांकि "रेजर"शब्द कुछ समय के लिए रेडियो आवृत्ति उत्‍सर्जन उपकरण के रूप में जाना गया I

गोउल्‍ड ने अपने नोट में, लेजर के लिए एक उपकरण जैसे स्पेक्ट्रोमेट्री, इंटरफेरोमेटरी, रडार, और नाभिकीय संलयन शामिल किया था उसने अपने विचार पर काम जारी रखा और अप्रैल 1959 में एक पेटेंट आवेदन दायर किया Iअमेरिकी पेटेंट कार्यालय ने उनके आवेदन को अस्वीकार कर दिया और यह पेटेंट बेल लेबोरेटरी (Bell Labs) को 1960 में दे दिया इससे कानूनी लड़ाई छिड़ गई जो 28 साल तक चली और इसमें वैज्ञानिक प्रतिष्ठा और अधिक पैसे दांव पर लगे Iगोउल्‍ड ने 1977 में अपना पहला लघु पेटेंट जीता, लेकिन 1987 तक वे अपने पहले पेटेंट की जीत का दावा तब तक नहीं कर सके जब तक कि उन्‍हें एक फेडरल जज ने ऑप्टिकली पंप लेजर और गैस की निरावेसित लेजर के लिए पेटेंट जारी करने के लिए सरकार के आदेश दिए.

पहला क्रियागत लेजर थिओडोर एच. माईमेन ने 1960[3] में ह्यूजेस अनुसंधान प्रयोगशाला (Hughes Research Laboratories) में मालीबू, कैलिफोर्निया (Malibu, California) बनाकर टाउन्‍स‍ कोलंबिया विश्वविद्यालय में, आर्थर स्चाव्लो बेल लेबोरेटरी में, [4]और गोल्ड कंपनी में टीआरजी (तकनीकी अनुसंधान समूह) जैसे कई अनुसंधान समूहों को पीछे छोड़ दिया माईमेन ने 694 नैनोमीटर तरंगदैर्ध्य पर लाल लेज़र प्रकाश पैदा करने के लिए एक ठोस क्षेत्र फलैश लैम्‍प -सिंथेटिक पंप लाल क्रिस्टल का उपयोग किया Iकेवल माईमेन का लेजर अपने तीन स्तरीय पम्पिंग के कारण स्पंदित आपरेशन करने में सक्षम था।

बाद में 1960 में ईरानइआन भौतिकविद् अली जावन, ने विलियम आर. बेनेट और डोनाल्ड हैरोइट के साथ काम करते हुए, पहला गैस लेजर हीलियम और नीयन का उपयोग करते हुए बनाया I जावन को बाद में अल्बर्ट आइंस्टीन पुरस्कार 1993 में प्राप्त हुआ।

इस अर्धचालक लेजर डायोड (laser diode) की अवधारणा बसोव और जावन ने प्रस्तावित किया था Iपहले लेजर डायोड का प्रदर्शन1962 में रॉबर्ट एन. हॉल (Robert N. Hall) ने किया I हॉल का उपकरण गैलियम आर्सेनाइड से बना था जो बनाया गया था और -अवरक्त स्पेक्ट्रम के क्षेत्र में 850 एनएम के पास पर उत्सर्जित था .दृश्य उत्सर्जन के साथ पहला अर्धचालक लेजर का प्रदर्शन बाद में उसी साल निक होलोनायक, जूनियर (Nick Holonyak, Jr) के द्वारा किया गया I पहले गैस लेज़रों में, इन अर्धचालक लेजर का उपयौग केवल स्पंदित आपरेशन में ही किया जा सकता है, और वह भी तब जब केवल तरल नाइट्रोजन (liquid nitrogen) के तापमान (77 k) पर ठंडा किया जाय I

1970 में, ज़ोरस अल्‍फेरोव ने सोवियत संघ और इज़ुयो हयाशी व मोर्टन पानिश बेल टेलीफोन लेबोरेटरी (Bell Telephone Laboratories) ने लगातार कमरे के तापमान पर संचालित हेटरोजंक्‍शन (heterojunction) संरचना का उपयोग कर, स्वतंत्र रूप से लेजर डायोड विकसित किया I

संदर्भ

  1. Gould, R. Gordon (1959). "The LASER, Light Amplification by Stimulated Emission of Radiation". प्रकाशित Franken, P.A. and Sands, R.H. (Eds.) (संपा॰). The Ann Arbor Conference on Optical Pumping, the University of Michigan, 15 June through 18 June 1959. पृ॰ 128. OCLC 02460155.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: editors list (link) सीएस1 रखरखाव: फालतू पाठ: editors list (link)
  2. Chu, Steven (2003). "Arthur Schawlow". प्रकाशित Edward P. Lazear (ed.), (संपा॰). Biographical Memoirs. vol. 83. National Academy of Sciences. पृ॰ 202. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-309-08699-X. नामालूम प्राचल |coauthors= की उपेक्षा की गयी (|author= सुझावित है) (मदद)सीएस1 रखरखाव: फालतू चिह्न (link)
  3. Maiman, T.H. (1960). "Stimulated optical radiation in ruby". Nature. 187 (4736): 493–494. डीओआइ:10.1038/187493a0.
  4. Hecht, Jeff (2005). Beam: The Race to Make the Laser. Oxford University Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-19-514210-1.