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कमलेश्वर ने अपने ७५ साल के जीवन में १२ उपन्यास, १७ कहानी संग्रह और क़रीब १०० फ़िल्मों की पटकथाएँ लिखीं।
कमलेश्वर ने अपने ७५ साल के जीवन में १२ उपन्यास, १७ कहानी संग्रह और क़रीब १०० फ़िल्मों की पटकथाएँ लिखीं।


कमलेश्वर की अंतिम रचना अंतिम सफर उपन्यास है,<ref name="sahitya">{{cite web | url=https://jivani.org/Biography/595/%E0%A4%95%E0%A4%AE%E0%A4%B2%E0%A5%87%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%B0-%E0%A4%9C%E0%A5%80%E0%A4%B5%E0%A4%A8%E0%A5%80---biography-of-kamleshwar | title=अधूरी रचना पूरी की | publisher=जीवनी आर्गेनाइजेशन | accessdate=20 दिसंबर 2018}}</ref>
कमलेश्वर की अंतिम अधूरी रचना अंतिम सफर उपन्यास है, जिसे कमलेश्वर की पत्नी गायत्री कमलेश्वर के अनुरोध पर तेजपाल सिंह धामा ने पूरा किया और हिन्द पाकेट बुक्स ने उसे प्रकाशित किया और बेस्ट सेलर रहा।<ref name="sahitya">{{cite web | url=https://jivani.org/Biography/595/%E0%A4%95%E0%A4%AE%E0%A4%B2%E0%A5%87%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%B0-%E0%A4%9C%E0%A5%80%E0%A4%B5%E0%A4%A8%E0%A5%80---biography-of-kamleshwar | title=अधूरी रचना पूरी की | publisher=जीवनी आर्गेनाइजेशन | accessdate=20 दिसंबर 2018}}</ref>
२७ जनवरी २००७ को उनका निधन हो गया।
२७ जनवरी २००७ को उनका निधन हो गया।


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* [[एक और चंद्रकांता]]
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* [[कितने पाकिस्तान]]
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* अंतिम सफर
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'''पटकथा एवं संवाद'''
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:[[आधुनिक हिंदी गद्य का इतिहास]]
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==सन्दर्भ==
==बाहरी कड़ियाँ==
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== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://www.loc.gov/acq/ovop/delhi/salrp/kamleshwar.html कमलेश्वर (लाईब्रेरी ऑफ कामर्स, नई दिल्ली)]
* [http://www.loc.gov/acq/ovop/delhi/salrp/kamleshwar.html कमलेश्वर (लाईब्रेरी ऑफ कामर्स, नई दिल्ली)]
* [http://www.abhivyakti-hindi.org/lekhak/k/kamleshwar.htm अभिव्यक्ति में कमलेश्वर]
* [http://www.abhivyakti-hindi.org/lekhak/k/kamleshwar.htm अभिव्यक्ति में कमलेश्वर]

13:12, 19 अप्रैल 2019 का अवतरण

कमलेश्वर
जन्मकमलेश्वर प्रशाद सक्सेना
06 जनवरी 1932
मैनपुरी, उत्तरप्रदेश, भारत
मौत27 जनवरी 2007(2007-01-27) (उम्र 75)
फ़रीदाबाद, भारत
दूसरे नामकमलेश्वर
काल1954–2006
विधाकहानी, उपन्यास, पत्रकारिता, स्तंभ लेखन, फिल्म पटकथा
आंदोलननई कहानी
उल्लेखनीय कामsकितने पाकिस्तान (2004)
खिताबसाहित्य अकादमी पुरस्कार (2003)
पद्मभूषण (2005)

कमलेश्वर (६ जनवरी१९३२-२७ जनवरी २००७) हिन्दी लेखक कमलेश्वर बीसवीं शती के सबसे सशक्त लेखकों में से एक समझे जाते हैं। कहानी, उपन्यास, पत्रकारिता, स्तंभ लेखन, फिल्म पटकथा जैसी अनेक विधाओं में उन्होंने अपनी लेखन प्रतिभा का परिचय दिया। कमलेश्वर का लेखन केवल गंभीर साहित्य से ही जुड़ा नहीं रहा बल्कि उनके लेखन के कई तरह के रंग देखने को मिलते हैं। उनका उपन्यास 'कितने पाकिस्तान' हो या फिर भारतीय राजनीति का एक चेहरा दिखाती फ़िल्म 'आंधी' हो, कमलेश्वर का काम एक मानक के तौर पर देखा जाता रहा है। उन्होंने मुंबई में जो टीवी पत्रकारिता की, वो बेहद मायने रखती है। 'कामगार विश्व’ नाम के कार्यक्रम में उन्होंने ग़रीबों, मज़दूरों की पीड़ा-उनकी दुनिया को अपनी आवाज़ दी। कमलेश्वर की अनेक कहानियों का उर्दू में भी अनुवाद हुआ है।


कमलेश्वर का जन्म ६ जनवरी १९३२ को उत्तरप्रदेश के मैनपुरी जिले में हुआ। उन्होंने १९५४ में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से हिन्दी साहित्य में एम.ए. किया। उन्होंने फिल्मों के लिए पटकथाएँ तो लिखी ही, उनके उपन्यासों पर फिल्में भी बनी। `आंधी', 'मौसम (फिल्म)', 'सारा आकाश', 'रजनीगंधा', 'छोटी सी बात', 'मिस्टर नटवरलाल', 'सौतन', 'लैला', 'रामबलराम' की पटकथाएँ उनकी कलम से ही लिखी गईं थीं। लोकप्रिय टीवी सीरियल 'चन्द्रकांता' के अलावा 'दर्पण' और 'एक कहानी' जैसे धारावाहिकों की पटकथा लिखने वाले भी कमलेश्वर ही थे। उन्होंने कई वृतचित्रों और कार्यक्रमों का निर्देशन भी किया।


१९९५ में कमलेश्वर को 'पद्मभूषण' से नवाज़ा गया और २००३ में उन्हें 'कितने पाकिस्तान'(उपन्यास) के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वे 'सारिका' 'धर्मयुग', 'जागरण' और 'दैनिक भास्कर' जैसे प्रसिद्ध पत्र-पत्रिकाओं के संपादक भी रहे। उन्होंने दूरदर्शन के अतिरिक्त महानिदेशक जैसा महत्वपूर्ण दायित्व भी निभाया। कमलेश्वर ने अपने ७५ साल के जीवन में १२ उपन्यास, १७ कहानी संग्रह और क़रीब १०० फ़िल्मों की पटकथाएँ लिखीं।

कमलेश्वर की अंतिम अधूरी रचना अंतिम सफर उपन्यास है, जिसे कमलेश्वर की पत्नी गायत्री कमलेश्वर के अनुरोध पर तेजपाल सिंह धामा ने पूरा किया और हिन्द पाकेट बुक्स ने उसे प्रकाशित किया और बेस्ट सेलर रहा।[1] २७ जनवरी २००७ को उनका निधन हो गया।

कृतियाँ

उपन्यास -

पटकथा एवं संवाद

कमलेश्वर ने ९९ फ़िल्मों के संवाद, कहानी या पटकथा लेखन का काम किया। कुछ प्रसिद्ध फ़िल्मों के नाम हैं-

१. सौतन की बेटी(१९८९)-संवाद
२. लैला(१९८४)- संवाद, पटकथा
३. यह देश (१९८४) -संवाद
४. रंग बिरंगी(१९८३) -कहानी
५. सौतन(१९८३)- संवाद
६. साजन की सहेली(१९८१)- संवाद, पटकथा
७. राम बलराम (१९८०)- संवाद, पटकथा
८. मौसम(१९७५)- कहानी
९. आंधी (१९७५)- उपन्यास

संपादन

अपने जीवनकाल में अलग-अलग समय पर उन्होंने सात पत्रिकाओं का संपादन किया -

विहान-पत्रिका (१९५४)
नई कहानियाँ-पत्रिका (१९५८-६६)
सारिका-पत्रिका (१९६७-७८)
कथायात्रा-पत्रिका (१९७८-७९)
गंगा-पत्रिका(१९८४-८८)
इंगित-पत्रिका (१९६१-६८)
श्रीवर्षा-पत्रिका (१९७९-८०)

अखबारों में भूमिका

वे हिन्दी दैनिक `दैनिक जागरण' में १९९० से १९९२ तक तथा 'दैनिक भास्कर' में १९९७ से लगातार स्तंभलेखन का काम करते रहे।'

कहानियाँ

कमलेश्वर ने तीन सौ से अधिक कहानियाँ लिखीं। उनकी कुछ प्रसिद्ध कहानियाँ हैं -

राजा निरबंसिया
मांस का दरिया
नीली झील
तलाश
बयान
नागमणि
अपना एकांत
आसक्ति
ज़िंदा मुर्दे
जॉर्ज पंचम की नाक
मुर्दों की दुनिया
कस्बे का आदमी
स्मारक

नाटक

उन्होंने तीन नाटक लिखे -

इन्हें भी देखें

हिंदी साहित्य
हिन्दी गद्यकार
आधुनिक हिंदी गद्य का इतिहास

सन्दर्भ

  1. "अधूरी रचना पूरी की". जीवनी आर्गेनाइजेशन. अभिगमन तिथि 20 दिसंबर 2018.

बाहरी कड़ियाँ