"मिश्र": अवतरणों में अंतर
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गौतम गोत्र के मिश्रा उच्च कोटि में आते है इनका निवास गोरखपुर में पाया जाता है |
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यह सर्यूपारी ब्राम्हणों की सबसे उच्च श्रेडियो में एक होते है |
यह सर्यूपारी ब्राम्हणों की सबसे उच्च श्रेडियो में एक होते है गौतम ऋषि के छ: पुत्र बताये जातें हैं जो इन छ: गांवों के वाशी थे| |
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(१) चंचाई (२) मधुबनी (३) चंपा (४) चंपारण (५) विडरा (६) भटीयारी(भर्शी) |
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13:49, 16 मार्च 2019 का अवतरण
मिश्रा या मिश्रा (हिंदी: "मिश्र" "मिश्रा") मिश्रा या मिश्रा (हिंदी: "मिश्र" "मिश्रा") एक हिंदू ब्राह्मण उपनाम है जो भारत के ज्यादातर उत्तरी और मध्य भागों में पाया जाता है। यह ब्राम्हण उच्च ब्राम्हणों को श्रेडी में आते है इनका निवास गोरखपुर में था वहा से वाराणसी आए थे वहा से मध्य प्रदेश में चले गए है मिश्र का घनत्व सरूपुरेन ब्राह्मणों, कान्यकुब्ज ब्राह्मणों, मैथिल ब्राह्मणों, भूमिहार ब्राह्मणों और उत्कल ब्राह्मणों में अधिक है। यह उपजाऊ गंगा के मैदानी क्षेत्र और भारतीय राज्यों दिल्ली, बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, ओडिशा, असम और पश्चिम बंगाल में सबसे व्यापक ब्राह्मण उपनामों में से एक है। यह गुयाना और त्रिनिदाद और टोबैगो जैसे देशों में मिसिर के एंग्लिकाइज्ड वर्जन के तहत भी मिलता है, उपनाम नेपाल, फिजी और मॉरीशस के साथ-साथ अन्य भारतीय प्रवासी समुदायों में भी पाया जाता है।
"मिश्रा" या मिश्रा मैत्रेय या मैत्र या मैत्री (मित्र) मिश्रा के समान हैं और दोनों का एक ही अर्थ है। यह उपजाऊ गंगा के मैदानी क्षेत्र और भारतीय राज्यों पंजाब, ओडिशा, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, असम और पश्चिम बंगाल में सबसे व्यापक ब्राह्मण उपनामों में से एक है। यह गुयाना और त्रिनिदाद और टोबैगो जैसे देशों में मिसिर के एंग्लिकाइज्ड वर्जन के तहत भी पाया जाता है, जहां कई मिश्रा को उनके कृषि कौशल और अन्य क्षेत्रों में कौशल के कारण चीनी बागानों पर काम करने के लिए लिया गया था। कहानियाँ कहती हैं कि यहाँ तक कि अंग्रेज भी मिश्रा को मेरा सर कहते थे इसलिए मिसिर और मिश्रा। उपनाम फिजी और मॉरीशस के साथ-साथ अन्य भारतीय प्रवासी समुदायों में भी पाया जाता है। यह भारत में ब्राह्मणों में सबसे आम उपनामों में से एक है।
यह माना जाता है कि ‘मिसिर का मूल उच्चारण और ra मिश्रा’ कोणों वाला संस्करण है। भारत से पलायन करने वालों ने मूल नामों को अधिक मजबूती से रखा क्योंकि यह उनकी जड़ों के लिए उनकी पहचान थी। उपरोक्त उपाख्यान को निम्नलिखित से उचित ठहराया जा सकता है - यदि Mi सर या माई सर के रूप में अलग से लिखा जाए तो MiSir।
"मिश्रा" एक उपनाम है जो गौतम गोत्र (तीन महान संतों में से एक गौतम) के वंश से जुड़ा है। हालांकि, यह भारद्वाज, कश्यप, कौशल्या, और शांडिल्य जैसे अन्य गोत्रों में भी पाया जाता है। ”मिश्रा” उपनाम का उपयोग महान राजा भगीरथ, योद्धा संत परशुराम से वंश द्वारा भी किया जाता है और वामन भी जिन्होंने ब्रह्मांड की अपनी पूरी रचना को कवर किया। छोटे बच्चे बालक वामन के रूप में भगवान विष्णु के अवतार को बचाने के लिए भगवान विष्णु के पूरे ब्रह्मांड को बचाने के लिए केवल दो चरणों में उनके नंगे पैर, बहुत ही पसंद करने वाले और धर्मनिरपेक्ष लोग हिंदू हैं, वे ऐतिहासिक रूप से हिंदू और कट्टर अनुयायी थे और आस्था। वे ऐतिहासिक रूप से मार्शल ब्राह्मण भी रहे हैं, और 1857 में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह में शामिल होने के कारण, जब उनके विद्रोह में मंगल पांडे का अनुसरण करने वाले कई रैंक कृषि क्षेत्रों से ब्राह्मणों से बने थे। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार का। इसके कारण, उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन और ब्रिटिश राज के खिलाफ विद्रोह के समर्थन के लिए मोहिल जैसी मार्शल रेस घोषित नहीं की है। ऐतिहासिक रूप से, मिश्रा ने हमेशा अपने धार्मिक कर्तव्यों को पूरा किया है और उन्हें वेदों और अन्य पवित्र ग्रंथों का बहुत ज्ञान था। हालाँकि वर्तमान में बहुसंख्यक अधिक धर्मनिरपेक्ष व्यवसायों में लगे हुए हैं।
हालाँकि वर्तमान में बहुसंख्यक अधिक धर्मनिरपेक्ष व्यवसायों में लगे हुए हैं। हिंदू धर्म में, ब्राह्मण शिक्षकों और प्रचारकों के वर्ग को संदर्भित करता है। यह जाति व्यवस्था का सर्वोच्च वर्ग है। ब्राह्मण के महत्व के बारे में रामायण और महाभारत में कई संदर्भ हैं। वैदिक काल में, ब्राह्मणों ने अलगाव को प्राथमिकता दी और पूरी तरह से ज्ञान और धर्म के प्रचार के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। हालाँकि मिश्रा ऐतिहासिक रूप से मार्शल ब्राह्मण रहे हैं और पहले के वर्षों में, कई को सेना में शामिल किया गया था।
मिश्रों के गोत्र
मिश्र उपनाम के ब्राह्मणों में निम्न गोत्र होते हैं
गौतम गोत्र
गौतम गोत्र के मिश्रा उच्च कोटि में आते है इनका निवास गोरखपुर में पाया जाता है यह सर्यूपारी ब्राम्हणों की सबसे उच्च श्रेडियो में एक होते है गौतम ऋषि के छ: पुत्र बताये जातें हैं जो इन छ: गांवों के वाशी थे|
(१) चंचाई (२) मधुबनी (३) चंपा (४) चंपारण (५) विडरा (६) भटीयारी(भर्शी)
वत्स गोत्र
वत्स मिश्रा का गोत्र है वत्स का अर्थ बछड़ा पुत्र शिष्य आदि होता है वत्स गोत्र गाना पयासी आदि मिश्रा ब्राह्मणो का गोत्र होता है ।
कात्यायन
कात्यायन गोत्रीय ब्राह्मणों की गिनती षटकुलों में होती है। षटकुलों में कात्यायन, उपमन्यु, भरद्वाज, कश्यप, शांडिल्य और सांकृत आते हैं। इन गोत्रों के ब्राह्मण कुलीन कहलाते हैं। बैजेगांव, सुठियाएं, माँझगाँव, आंकिन, ग्वालमैदान, बदरका के ब्राह्मण श्रेष्ठ कात्यायन गोत्रीय मिश्र हैं।जैसे प्रताप नारायण मिश्र ( हिंदी निबंध लेखक ) बैजेगांव के मिश्र।
कश्यप
कश्यप गोत्रीय मिश्रों में लक्ष्मण, नगरा, शाहाबाद आदि हैं।
शांडिल्य
इस गोत्र में प्रमुखता से परशुराम के मिश्र विद्यमान हैं । शांडिल्य गोत्रीय ब्रह्मणों के अन्य उपनाम तिवारी, त्रिपाठी, दीक्षित तथा चक्रवर्ती भी होते हैं । शांडिल्य ऋषि चंद्रवंशीय श्रीकृष्ण वासुदेव के कुलगुरू कहलाते हैं ।
उपमन्यु
इस गोत्र में शिवदत्त मीराँव, सहतावन केशरीमऊ, बृन्दावन ललपुरा आदि के ब्राह्मण आते हैं।
सांकृत
इस गोत्र के अंतर्गत वीर जाजमऊ, बनवारी चचेंड़ा, प्रजापति इटावा तथा कृष्णी कौशिकपुर के कान्यकुब्ज ब्राह्मण आते हैं।
काशयव
इस गौत्र के अंतर्गत मिथिला बाहमण आते है। इस गौत्र के लोगो का उपनाम मिश्रा होता है।ये बाह्यण बिहार के मधुबनी जिले, दरभंगा,बेनीपटी,रैइका आदि आसपास के क्षेत्रो मे रहते है।
18:11, 13 मार्च 2019 (UTC)~घृतकौशिक18:11, 13 मार्च 2019 (UTC)~ इस गोत्र के अन्तर्गत जन्मना विद्वान "कुशहरा वंश" जिसको "सिद्ध वंश" के नाम से भी जाना जाता है,वह लोग आते हैं। यद्यपि इस वंश के लोगों का आविर्भाव गोरखपुर के समीप कुशहर गांव में हुआ, किन्तु अपनी विद्वत्ता के कारण ये सम्पूर्ण भारत में ही नहीं अपितु विश्व में भी इनकी गौरव गाथा गायी गई। संलक्ष्यता के इसी दृष्टि में पंडित देवीदत्त मिश्र का उल्लेख करते है- यह अथर्ववेद के मर्मज्ञ थे, जिन्होंने पन्नानरेश की नि:संतानता को अपने ज्ञान के प्रभाव से समाप्त कर उनके कुल को कुलदीपक दिया, जिसके परिणामस्वरूप नरेश ने इन्हें अत्यधिक मात्रा में जमीन एवं धन दिया। महामुनि सिद्ध भी इसी वंश के है, जिनके ज्ञान एवं तप के प्रभाव से मां मंदाकिनी के जल से भी शुद्ध देसी घी की तरह पूरियां निकाली गई,और ज्वर को कम्बल में ठहरा कर पत्थर की सवारी करते हुए गर्वित राजा के गर्व को नष्ट किया। कालान्तर में पंडित रामलीला उनके पुत्र बाबादीन, ईश्वरदीन परमेश्वरदीन आदि लोग उत्पन्न हुये जिन्हें कुशहरा मिश्र के नाम से जाना जाता है। इनके अनेक निवासस्थान मानिकपुर वा कौशांबी में महेवाघाट के रानीपुर-हटवा इत्यादि स्थानों पर हैं।
उल्लेखनीय लोग
कवि एवं लेखक
- केशव दास-संस्कृत और हिंदी के कवि
- चैतन्य महाप्रभु -संत और कवि
- प्रताप नारायण मिश्र -हिंदी गद्य लेखक
- गोदाबारिश मिश्र- उड़िया
- भवानी प्रसाद मिश्र -हिंदी कवि प्रयोगवादी (1913-1985)
- जयमंत मिश्रा – जयमंत मिश्रा , (1925–2010) संस्कृत स्कॉलर और मैथिलि कवि
- मंडन मिश्र- ब्रह्मसिद्धि के लेखक ,प्राचीन भारत के दार्शनिक
- रामभद्राचार्य उर्फ गिरिधर मिश्र
- विन्ध्यप्रकाश मिश्र कवि अध्यापक
नरई संग्रामगढ प्रतापगढ
- (देवदत्त शास्त्री) लेखक, रानीपुर कौशांबी
न्यायाधीश वर्ग
- न्यायमूर्ति दीपक मिश्र - उच्चतम न्यायालय न्यायमूर्ति (भारत )[1]
- न्यायमूर्ति ज्ञान सुधा मिश्र - न्यायमूर्ति उच्चतम न्यायालय (भारत )
- न्यायमूर्ति रंगनाथ मिश्र - पूर्व मुख्य न्यायाधीश, उच्चतम न्यायालय (भारत )
राजनीतिज्ञ
- भद्रा काली मिश् -नेपाली कांग्रेस नेता ,परिवहन मंत्री [2]
- चतुरानन मिश्र -पूर्व कृषि मंत्री भारत
- द्वारिकाप्रसाद मिश्र -पूर्व मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश ,भारत
- जगन्नाथ मिश्र -पूर्व मुख्य मंत्री बिहार ,भारत
- कलराज मिश्र -बीजेपी नेता उत्तर प्रदेश ,भारत
- कैलाश पति मिश्र -पूर्व राज्यपाल गुजरात ,भारत
- ललित नारायण मिश् -पूर्व रेल मंत्री ,भारत
- नितीश मिश्र - बिहार राज्य के कैबिनेट मंत्री
- सतीश चन्द्र मिश्र -पूर्व अधिवक्ता जनरल ,उत्तर प्रदेश से बी एस पी नेता
- श्रीपति मिश्र -उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य मंत्री
- श्याम नंदन प्रसाद मिश्र - भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता ,पूर्व केंद्रीय मंत्री
साहित्य
- पंकज मिश्र -निबंधकार एवं उपन्यासकार (भारतीय )
- गोविन्द मिश्र -भारतीय उपन्यासकार
- जयश्री मिश्र -भारतीय निबंधकार
- (देवदत्त शास्त्री)-भारतीय कहानीकार
खेल-कूद
- अमित मिश्र -भारतीय क्रिकेटर
- तन्मय मिश्र -केन्याई क्रिकेटर
- सुरेश कुमार मिश्र - पूर्व भारतीय वालीबॉल कैप्टन
सरकारी अधिकारी
- ए० के० मिश्र - लेफ्टिनेंट जनरल भारतीय सेना
- बृजेश मिश्र - राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (भारत )
- निपेन्द्र मिश्र -प्रधान मंत्री के प्रधान सचिव (भारत )
- सत्यानंदा मिश्र - राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार
अन्य उल्लेखनीय व्यक्तित्व
- रामखेलावन मिश्र - क्रान्तिकारी
- सौरव मिश्र - लेखक एवं पत्रकार
- पं हरिहर प्रसाद मिश्र-आयुर्वेदाचार्य रानीपुर कौशांबी
- पं देवव्रत मिश्र- प्रधानाध्यापक रानीपुर कौशांबी।
- पं श्याम नारायण मिश्र-प्रवक्ता रानीपुर कौशांबी
- प्रो०अभिराज राजेंद्र मिश्र-पूर्व कुलपति सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय
- भास्कर मिश्र-शोध वैज्ञानिक इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रयागराज {निवास-रानीपुर पश्चिम शरीरा कौशांबी}
सन्दर्भ
- ↑ http://supremecourtofindia.nic.in/judges/sjud/dipakmisra.htm
- ↑ Tribhuvan of Nepal#Congress Rana Government