"सीमान्त उपयोगिता" के अवतरणों में अंतर
Jump to navigation
Jump to search
Revert to last good version: unexplained content removal
(कुछ गलतियां सुधारी है) टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब सम्पादन Reverted |
(Revert to last good version: unexplained content removal) टैग: Reverted |
||
{{आधार}}
[[अर्थशास्त्र]] में, किसी वस्तु या [[सेवा]] के उपभोग में इकाई वृद्धि करने पर प्राप्त होने वाले लाभ को उस वस्तु या सेवा की '''सीमान्त उपयोगिता''' (marginal utility) कहते हैं। अर्थशास्त्री कभी-कभी '''ह्रासमान सीमान्त उपयोगिता के नियम''' (law of diminishing marginal utility) की बात करते हैं जिसका अर्थ यह है कि किसी उत्पाद या सेवा के प्रथम अंश से जितना उपयोगिता प्राप्त होती है उतनी उपयोगिता उतने ही बाग से बाद में नहीं मिलती।
==इन्हें भी देखें==
|