"चालबाज़ (1989 फ़िल्म)": अवतरणों में अंतर

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== संक्षेप ==
== संक्षेप ==
जुड़वाँ बहनों के रूप में जन्मी, अंजू और मंजू (दोनों [[श्री देवी]]) अपने मानसिक रूप से विकलांग नानी ([[अरुणा ईरानी]]) के कारण, जन्म के तुरंत बाद अलग हो जाती हैं। अंजू अपने चाचा त्रिभुवन ([[अनुपम खेर]]) और चाची अम्बा ([[रोहिणी हट्टंगडी]]) के पास पहुँच जाती है, जबकि मंजू को झुग्गी-बस्ती में पाला जाता है। उनके माता-पिता त्रिभुवन द्वारा एक कार दुर्घटना में मारे गए। हालाँकि, अपनी वसीयत में, वे घोषणा करते हैं कि जुड़वाँ बेटियों के 21 साल की हो जाने के बाद उनकी बेटियाँ उनकी संपत्ति को प्राप्त कर लेंगी। त्रिभुवन और अम्बा ने इसी कारण अंजू को आसानी से भयभीत होने वाली लड़की के रूप में पाला। उसे केवल इसलिए जीवित रखा जा रहा है ताकि वह संपत्ति उनके नाम कर सकें। घर का नौकर दद्दू ([[अनु कपूर]]), अंजू का छोटा भाई राजा ([[आफ़ताब शिवदेसानी]]) और एक पालतू कुत्ता उसकी दुर्दशा से सहानुभूति रखते हैं।

दूसरी ओर, मंजू झुग्गी में पलती-बढ़ती है। वह अपने पड़ोसी और टैक्सी ड्राइवर जग्गू ([[रजनीकांत]]) के साथ बचपन की दोस्त है। एक दिन मंजू विश्वनाथ ([[सईद जाफ़री]]) के बेटे सूरज ([[सनी देओल]]) से मिलती है। सूरज जल्द ही उसे पसंद करने लगता है। सूरज जब विश्वनाथ को मंजू की तस्वीर दिखाता है, तो वह शादी के लिये सहमत हो जाता है। उन्हें लगता है कि वह अंजू है। जब वे अपने प्रस्ताव के साथ त्रिभुवन के घर पर जाते हैं, तो अंजू सूरज को पहचान नहीं पाती है और उसे एक दौरा पड़ता है (अम्बा द्वारा उसे दिए गए इंजेक्शन के कारण )।


== मुख्य कलाकार ==
== मुख्य कलाकार ==

17:07, 27 फ़रवरी 2019 का अवतरण

चालबाज़

चालबाज़ का पोस्टर
निर्देशक पंकज पाराशर
लेखक राजेश मजूमदार
कमलेश पांडे
निर्माता ए॰ पूर्णाचन्द्र राव
अभिनेता सनी देओल,
श्री देवी,
रजनीकांत,
अनुपम खेर,
शक्ति कपूर,
अनु कपूर,
सईद जाफ़री,
अरुणा ईरानी,
रोहिणी हट्टंगड़ी,
आफ़ताब शिवदेसानी
संगीतकार लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
प्रदर्शन तिथियाँ
8 दिसम्बर, 1989
देश भारत
भाषा हिन्दी

चालबाज़ 1989 में बनी हिन्दी भाषा की कॉमेडी फ़िल्म है। राजेश मजूमदार और कमलेश पांडे द्वारा लिखित पटकथा को पंकज पाराशर द्वारा निर्देशित किया गया है। फिल्म में श्री देवी मुख्य भूमिका में हैं। रजनीकांत, सनी देओल, अनुपम खेर, शक्ति कपूर, रोहिणी हट्टंगड़ी और अनु कपूर सहायक भूमिकाओं में हैं। काफी हद तक 1972 की फिल्म सीता और गीता पर आधारित यह फिल्म जन्म के समय बिछड़ी जुड़वाँ बहनों के इर्द-गिर्द घूमती है।

संक्षेप

जुड़वाँ बहनों के रूप में जन्मी, अंजू और मंजू (दोनों श्री देवी) अपने मानसिक रूप से विकलांग नानी (अरुणा ईरानी) के कारण, जन्म के तुरंत बाद अलग हो जाती हैं। अंजू अपने चाचा त्रिभुवन (अनुपम खेर) और चाची अम्बा (रोहिणी हट्टंगडी) के पास पहुँच जाती है, जबकि मंजू को झुग्गी-बस्ती में पाला जाता है। उनके माता-पिता त्रिभुवन द्वारा एक कार दुर्घटना में मारे गए। हालाँकि, अपनी वसीयत में, वे घोषणा करते हैं कि जुड़वाँ बेटियों के 21 साल की हो जाने के बाद उनकी बेटियाँ उनकी संपत्ति को प्राप्त कर लेंगी। त्रिभुवन और अम्बा ने इसी कारण अंजू को आसानी से भयभीत होने वाली लड़की के रूप में पाला। उसे केवल इसलिए जीवित रखा जा रहा है ताकि वह संपत्ति उनके नाम कर सकें। घर का नौकर दद्दू (अनु कपूर), अंजू का छोटा भाई राजा (आफ़ताब शिवदेसानी) और एक पालतू कुत्ता उसकी दुर्दशा से सहानुभूति रखते हैं।

दूसरी ओर, मंजू झुग्गी में पलती-बढ़ती है। वह अपने पड़ोसी और टैक्सी ड्राइवर जग्गू (रजनीकांत) के साथ बचपन की दोस्त है। एक दिन मंजू विश्वनाथ (सईद जाफ़री) के बेटे सूरज (सनी देओल) से मिलती है। सूरज जल्द ही उसे पसंद करने लगता है। सूरज जब विश्वनाथ को मंजू की तस्वीर दिखाता है, तो वह शादी के लिये सहमत हो जाता है। उन्हें लगता है कि वह अंजू है। जब वे अपने प्रस्ताव के साथ त्रिभुवन के घर पर जाते हैं, तो अंजू सूरज को पहचान नहीं पाती है और उसे एक दौरा पड़ता है (अम्बा द्वारा उसे दिए गए इंजेक्शन के कारण )।

मुख्य कलाकार

संगीत

सभी गीत आनंद बख्शी द्वारा लिखित; सारा संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायकअवधि
1."ना जाने कहाँ से"कविता कृष्णमूर्ति, अमित कुमार6:10
2."नाम मेरा प्रेमकली"कविता कृष्णमूर्ति5:25
3."गड़बड़ हो गई"अमित कुमार, कविता कृष्णमूर्ति, जॉली मुखर्जी5:32
4."ओ भूत राजा"कविता कृष्णमूर्ति, सुदेश भोंसले, जॉनी लीवर6:38
5."तेरा बीमार मेरा दिल"मोहम्मद अज़ीज़, कविता कृष्णमूर्ति7:14
6."डांस संगीत" (वाद्य रचना)N/A2:24
7."तांडव संगीत" (वाद्य रचना)N/A2:24

नामांकन और पुरस्कार

बाहरी कड़ियाँ