"आग (1994 फ़िल्म)": अवतरणों में अंतर

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== संक्षेप ==
== संक्षेप ==
राजू एक अनाथ लड़का है, जो अपनी छोटी बहन के साथ गरीबी में जीवन बिताते रहता है। एक दिन राजू की मुलाक़ात पारुल से होती है, और बीच बीच में उसके साथ पढ़ने वाला, बॉबी भी मिलता है। पारुल और राजू को एक दूसरे से प्यार हो जाता है, लेकिन पारुल के अंकल, जगपाल, उसकी शादी पुलिस इंस्पेक्टर सूर्यदेव सिंह (शक्ति कपूर) से करना चाहते हैं। पारुल शादी करने से मना कर देती है, और जब सूर्यदेव को पता चलता है कि वो राजू से प्यार करती है, तो वो राजू को गिरफ्तार कर उस पर हत्या करने का आरोप लगा देता है और उसकी खूब पिटाई करता है।
राजू ([[गोविन्दा]]) एक अनाथ लड़का है, जो अपनी छोटी बहन के साथ गरीबी में जीवन बिताते रहता है। एक दिन राजू की मुलाक़ात पारुल ([[सोनाली बेंद्रे]]) से होती है, और बीच बीच में उसके साथ पढ़ने वाला, बॉबी ([[मोहनीश बहल]]) भी मिलता है। पारुल और राजू को एक दूसरे से प्यार हो जाता है, लेकिन पारुल के अंकल, जगपाल, उसकी शादी पुलिस इंस्पेक्टर सूर्यदेव सिंह ([[शक्ति कपूर]]) से करना चाहते हैं। पारुल शादी करने से मना कर देती है, और जब सूर्यदेव को पता चलता है कि वो राजू से प्यार करती है, तो वो राजू को गिरफ्तार कर उस पर हत्या करने का आरोप लगा देता है और उसकी खूब पिटाई करता है।


लक्ष्मी किसी तरह एक पुलिस अफसर से गन छिन लेती है और राजू को फरार होने में मदद करती है। राजू किसी तरह पारुल की शादी रोकने के लिए जाता है, पर उसे काफी देर हो चुकी होती है। पारुल जहर पी कर आत्महत्या कर लेती है। वहीं पुलिस उसे फिर से गिरफ्तार कर लेती है, वहीं सूर्यदेव उसकी बहन के साथ बलात्कार करता है, जिससे वो अपना मानसिक संतुलन खो देती है।
लक्ष्मी किसी तरह एक पुलिस अफसर से गन छिन लेती है और राजू को फरार होने में मदद करती है। राजू किसी तरह पारुल की शादी रोकने के लिए जाता है, पर उसे काफी देर हो चुकी होती है। पारुल जहर पी कर आत्महत्या कर लेती है। वहीं पुलिस उसे फिर से गिरफ्तार कर लेती है, वहीं सूर्यदेव उसकी बहन के साथ बलात्कार करता है, जिससे वो अपना मानसिक संतुलन खो देती है।


राजू अपनी बहन को एक छोटे से गाँव ले जाता है, और लोगों से छिपा कर रखता है, ताकि कोई उसे गर्भवती के रूप में न देख ले। वहीं वो अपना नाम बदल कर बिरजू कर लेता है। वहाँ उसकी मुलाक़ात बिजली से होती है, जो उससे शादी करना चाहते रहती है। राजू को पता नहीं होता है, कि वो लड़की असल में एक पुलिस अफसर, बरखा शर्मा है, जो उसके खिलाफ सबूत इकट्ठा कर उसे पकड़ने आई है। किसी तरह वो राजू से बुलवा ही लेती है कि उसी ने पारुल के अंकल की हत्या की है और उसे गिरफ्तार कर लेती है।
राजू अपनी बहन को एक छोटे से गाँव ले जाता है, और लोगों से छिपा कर रखता है, ताकि कोई उसे गर्भवती के रूप में न देख ले। वहीं वो अपना नाम बदल कर बिरजू कर लेता है। वहाँ उसकी मुलाक़ात बिजली ([[शिल्पा शेट्टी]]) से होती है, जो उससे शादी करना चाहते रहती है। राजू को पता नहीं होता है, कि वो लड़की असल में एक पुलिस अफसर, बरखा शर्मा है, जो उसके खिलाफ सबूत इकट्ठा कर उसे पकड़ने आई है। किसी तरह वो राजू से बुलवा ही लेती है कि उसी ने पारुल के अंकल की हत्या की है और उसे गिरफ्तार कर लेती है।


== मुख्य कलाकार ==
== मुख्य कलाकार ==

05:05, 16 दिसम्बर 2018 का अवतरण

आग

आग का पोस्टर
निर्देशक के रवि शंकर
लेखक सतीश जैन
निर्माता ए॰ कृष्णामूर्ति
अभिनेता गोविन्दा,
शिल्पा शेट्टी,
सोनाली बेंद्रे
संगीतकार दिलीप सेन—समीर सेन
प्रदर्शन तिथियाँ
12 अगस्त, 1994
देश भारत
भाषा हिन्दी

आग 1994 में बनी हिन्दी भाषा की नाट्य एक्शन फ़िल्म है। यह सोनाली बेंद्रे के लिये पहली फ़िल्म है।

संक्षेप

राजू (गोविन्दा) एक अनाथ लड़का है, जो अपनी छोटी बहन के साथ गरीबी में जीवन बिताते रहता है। एक दिन राजू की मुलाक़ात पारुल (सोनाली बेंद्रे) से होती है, और बीच बीच में उसके साथ पढ़ने वाला, बॉबी (मोहनीश बहल) भी मिलता है। पारुल और राजू को एक दूसरे से प्यार हो जाता है, लेकिन पारुल के अंकल, जगपाल, उसकी शादी पुलिस इंस्पेक्टर सूर्यदेव सिंह (शक्ति कपूर) से करना चाहते हैं। पारुल शादी करने से मना कर देती है, और जब सूर्यदेव को पता चलता है कि वो राजू से प्यार करती है, तो वो राजू को गिरफ्तार कर उस पर हत्या करने का आरोप लगा देता है और उसकी खूब पिटाई करता है।

लक्ष्मी किसी तरह एक पुलिस अफसर से गन छिन लेती है और राजू को फरार होने में मदद करती है। राजू किसी तरह पारुल की शादी रोकने के लिए जाता है, पर उसे काफी देर हो चुकी होती है। पारुल जहर पी कर आत्महत्या कर लेती है। वहीं पुलिस उसे फिर से गिरफ्तार कर लेती है, वहीं सूर्यदेव उसकी बहन के साथ बलात्कार करता है, जिससे वो अपना मानसिक संतुलन खो देती है।

राजू अपनी बहन को एक छोटे से गाँव ले जाता है, और लोगों से छिपा कर रखता है, ताकि कोई उसे गर्भवती के रूप में न देख ले। वहीं वो अपना नाम बदल कर बिरजू कर लेता है। वहाँ उसकी मुलाक़ात बिजली (शिल्पा शेट्टी) से होती है, जो उससे शादी करना चाहते रहती है। राजू को पता नहीं होता है, कि वो लड़की असल में एक पुलिस अफसर, बरखा शर्मा है, जो उसके खिलाफ सबूत इकट्ठा कर उसे पकड़ने आई है। किसी तरह वो राजू से बुलवा ही लेती है कि उसी ने पारुल के अंकल की हत्या की है और उसे गिरफ्तार कर लेती है।

मुख्य कलाकार

संगीत

सभी गीत समीर द्वारा लिखित; सारा संगीत दिलीप सेन—समीर सेन द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायकअवधि
1."आँखों में तुम हो"कुमार सानु, साधना सरगम5:27
2."मैं तेरा मजनूँ"कुमार सानु, पूर्णिमा6:56
3."अँगिया में अंग न समाएँ"पूर्णिमा4:59
4."तेरा क्या लगता है"ईला अरुण, अलका याज्ञिक, सोनू निगम6:21
5."ये कन्या कुँवारी है"हरिहरन, सुदेश भोंसले, अलका याज्ञिक6:29
6."मुस्कुरा के जियो जिंदगी"कुमार सानु6:27

नामांकन और पुरस्कार

वर्ष नामित कार्य पुरस्कार परिणाम
1995 सोनाली बेंद्रे लक्स वर्ष का चेहरा पुरस्कार जीत

बाहरी कड़ियाँ