"उत्तोलक": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Nut cracker.jpg‎|right | thumb | सरौता, उत्तोलक के सिद्धान्त पर कार्य करता है।]]
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[[भौतिकी]], [[यांत्रिकी]] और [[यांत्रिक प्रौद्योगिकी]] में '''उत्तोलक''' या '''लीवर''' (फ्रेंच में '''लीव्रे''' का अर्थ '''उठाना''' होता है) को एक [[सरल यंत्र]] कहा जाता है। उत्तोलक कई रूपों में विद्यमान होते हैं। अपने सरलतम रूप में यह एक लम्बी छड़ हो सकती है जिसके एक सिरे के पास एक [[अवलम्ब]] (fulcrum) लगाकर किसी भारी वस्तु को उठाने के काम में लिया जा सकता है। उत्तोलक, बलाघूर्ण के सिद्धान्त (theory of moments) पर कार्य करता है। आम जीवन में उत्तोलक का बहुत ही महत्व है और हर जगह इसे देखा जा सकता है। '''सी-सा झूला''', एक उत्तोलक है।
[[भौतिकी]], [[यांत्रिकी]] और [[यांत्रिक प्रौद्योगिकी]] में '''उत्तोलक''' या '''लीवर''' (फ्रेंच में '''लीव्रे''' का अर्थ '''उठाना''' होता है) को एक [[सरल यंत्र]] कहा जाता है। उत्तोलक कई रूपों में विद्यमान होते हैं। अपने सरलतम रूप में यह एक लम्बी छड़ हो सकती है जिसके एक सिरे के पास एक [[अवलम्ब]] (fulcrum) लगाकर किसी भारी वस्तु को उठाने के काम में लिया जा सकता है। उत्तोलक, बलाघूर्ण के सिद्धान्त (theory of moments) पर कार्य करता है। आम जीवन में उत्तोलक का बहुत ही महत्व है और हर जगह इसे देखा जा सकता है। '''सी-सा झूला''', एक उत्तोलक है।
# प्रथम श्रेणी का उत्तोलक :- कैंची , पिलाश , कील उखाड़ने की मशीन , साईकिल का ब्रेक l

# द्वितीय श्रेणी का उत्तोलक :- सरौता , नींबू निचोड़ने की मशीन l

# तृतीय श्रेणी का उत्तोलक :- चिमटा , किसान का हल , मनुष्य का हाथ

1. प्रथम श्रेणी का उत्तोलक :- कैंची , पिलाश , कील उखाड़ने की मशीन , साईकिल का ब्रेक l

2. द्वितीय श्रेणी का उत्तोलक :- सरौता , नींबू निचोड़ने की मशीन l

3. तृतीय श्रेणी का उत्तोलक :- चिमटा , किसान का हल , मनुष्य का हाथ


==इन्हें भी देखें==
==इन्हें भी देखें==

07:39, 14 दिसम्बर 2018 का अवतरण

चित्र:लीवर कार्य करते हुए.jpg
उत्तोलक की सहायता से एक बिन्दु पर कम बल लगाकर किसी दूसरे बिन्दु पर अधिक बल प्राप्त किया जा सकता है। सौ किलोग्राम का भार उत्तोलक की सहायता से एक किग्रा भार (बल) से उठाते हुए।
सरौता, उत्तोलक के सिद्धान्त पर कार्य करता है।

भौतिकी, यांत्रिकी और यांत्रिक प्रौद्योगिकी में उत्तोलक या लीवर (फ्रेंच में लीव्रे का अर्थ उठाना होता है) को एक सरल यंत्र कहा जाता है। उत्तोलक कई रूपों में विद्यमान होते हैं। अपने सरलतम रूप में यह एक लम्बी छड़ हो सकती है जिसके एक सिरे के पास एक अवलम्ब (fulcrum) लगाकर किसी भारी वस्तु को उठाने के काम में लिया जा सकता है। उत्तोलक, बलाघूर्ण के सिद्धान्त (theory of moments) पर कार्य करता है। आम जीवन में उत्तोलक का बहुत ही महत्व है और हर जगह इसे देखा जा सकता है। सी-सा झूला, एक उत्तोलक है।

  1. प्रथम श्रेणी का उत्तोलक :- कैंची , पिलाश , कील उखाड़ने की मशीन , साईकिल का ब्रेक l
  2. द्वितीय श्रेणी का उत्तोलक :- सरौता , नींबू निचोड़ने की मशीन l
  3. तृतीय श्रेणी का उत्तोलक :- चिमटा , किसान का हल , मनुष्य का हाथ

इन्हें भी देखें