"निश्चर द्रव्यमान": अवतरणों में अंतर

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जहाँ <math>c</math> [[प्रकाश का वेग|निर्वात में प्रकाश का वेग]] है।<ref>[http://www.prod.sandia.gov/cgi-bin/techlib/access-control.pl/2006/066063.pdf वेव नेचर ऑफ़ इलेक्ट्रॉन्स]</ref> व्यापक रूप में [[ऊर्जा]] में भिन्नता का सार्थक भौतिक महत्व है।<ref>{{cite book |last=मोडेल|first=माइकल |author2=रॉबर्ट सी॰ रीड|title=उष्मागतिकी और इसके अनुप्रयोग (Thermodynamics and Its Applications) |publisher=प्रेंटिस-हॉल|location=इंगलेवुड क्लिफ्फ्स, एन॰ जे॰ |year=1974 |isbn=0-13-914861-2}}</ref>


विराम द्रव्यमान की अवधारणा का उद्भव [[विशिष्ट आपेक्षिकता|आपेक्षिकता के विशिष्ट सिद्धांत]] से हुआ जो आइन्सटीन के प्रसिद्ध परिणाम ऊर्जा-द्रव्यमान के रूप में विकास हुआ।
विराम द्रव्यमान की अवधारणा का उद्भव [[विशिष्ट आपेक्षिकता|आपेक्षिकता के विशिष्ट सिद्धांत]] से हुआ जो आइन्सटीन के प्रसिद्ध परिणाम ऊर्जा-द्रव्यमान के रूप में विकास हुआ।

21:12, 17 नवम्बर 2018 का अवतरण

द्रव्यमन की विशेषताए

निश्चर द्रव्यमान, विराम द्रव्यमान, नैज द्रव्यमान, उपयुक्‍त द्रव्यमान या (परिबद्ध निकाय अथवा कण जो अपने संवेग केन्द्र निर्देश तंत्र में प्रक्षित किए जाते हैं कि स्थिति में) सामान्य द्रव्यमान, किसी वस्तु या वस्तुओं अथवा निकाय की कुल ऊर्जा और संवेग का गुणधर्म है जो सभी निर्देश तंत्रों में लोरेन्ट्स रूपांतरण के अधीन समान रहते हैं।

उदाहरण: द्विकण संघट्ट

द्विकण संघट्ट (अथवा द्विकण क्षय) के लिए प्राकृत इकाई में निश्चर द्रव्यमान का वर्ग:[1]

द्रव्यमान रहित कण

दो द्रव्यमान रहित कणों से निर्मित निकाय का निश्चर द्रव्यमान जिनके संवेग के मध्य कोण है का उपयुक्त व्यंजक निम्न है:[2]

संघट्ट प्रयोग

कण संघट्ट प्रयोगों में अक्सर किसी कण की कोणीय स्थिति दिगंशीय कोण और छद्मद्रुतता के पदों में परिभषित की जाती है। इसके अतिरिक्त अनुप्रस्थ संवेग सामान्यतः मापित किया जाता है। इस स्थिति में यदि कण द्रव्यमान रहित हैं, अथवा उच्च आपेक्षिक () हैं तो तो निश्चर द्रव्यमान निम्न प्राप्त होता है:[3]

विराम ऊर्जा

किसी कण की विराम ऊर्जा निम्न प्रकार परिभाषित की जाती है:

,

जहाँ निर्वात में प्रकाश का वेग है।[4] व्यापक रूप में ऊर्जा में भिन्नता का सार्थक भौतिक महत्व है।[5]

विराम द्रव्यमान की अवधारणा का उद्भव आपेक्षिकता के विशिष्ट सिद्धांत से हुआ जो आइन्सटीन के प्रसिद्ध परिणाम ऊर्जा-द्रव्यमान के रूप में विकास हुआ।

दूसरे शब्दों में, तुल्य डिराक निश्चर विराम द्रव्यमान की अवधरणा ज्यामितीय द्रव्य धारा के गुणनफल के तदनुरूप नैज ऊर्जा और गुणोत्तर एकीकृत सिद्धांत में द्रव्यमान की एकल परिभाषा के भाग के रूप में व्यापक विभव के पदों में परिभषित की जा सकती है।[6]

ये भी देखें

सन्दर्भ

  • लैंडाऊ, एल॰ डी॰, लिफ्शित्ज़, ई॰ एम॰ (1975). क्षेत्रों का चिरसम्मत सिद्धान्त (The Classical Theory of Fields): चतुर्थ संशोधित संस्करण (4-th revised English Edition): सैद्धान्तिक भौतिकी का पाठ्यक्रम भाग २ (Course of Theoretical Physics Vol. 2). बटरवर्थ हिनेमैन. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-7506-2768-9.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link)
  • हैल्ज़न, फ्रांसिस, मार्टिन, एलन (1984). क्वार्कस् & लेप्टॉनस्: आधुनिक कण भौतिकी में एक प्रारंभिक पाठ्यक्रम (Quarks & Leptons: An Introductory Course in Modern Particle Physics). जॉन विले एंड संस. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-471-88741-2.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link)

उद्धरण

  1. त्वरक और कण संसूचक (Accelerators and particle detectors) - विन्सेंज़ो कियोकिया (ज़ूरिक विश्वविद्यालय)
  2. शून्य प्रचक्रण कणों की द्विस्तर शृंखला के लिए बिस्मथ-कण का निश्चर द्रव्यमान बंटन (Bi-particle invariant mass distribution for a two-step decay chain of a spin-zero particle)
  3. शुद्ध-गतिकी (Kinematics) अनुच्छेद 38, जे॰ डी॰ जैक्सन (संशोधित जनवरी 2000) और डी॰ आर॰ टोवे (जून 2008)
  4. वेव नेचर ऑफ़ इलेक्ट्रॉन्स
  5. मोडेल, माइकल; रॉबर्ट सी॰ रीड (1974). उष्मागतिकी और इसके अनुप्रयोग (Thermodynamics and Its Applications). इंगलेवुड क्लिफ्फ्स, एन॰ जे॰: प्रेंटिस-हॉल. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-13-914861-2.
  6. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर