"वैष्णव सम्प्रदाय": अवतरणों में अंतर

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'''वैष्णव सम्प्रदाय''', भगवान [[विष्णु]] को [[ईश्वर]] मानने वालों का सम्प्रदाय है।
'''वैष्णव सम्प्रदाय''', भगवान [[विष्णु]] को [[ईश्वर]] मानने वालों का सम्प्रदाय है।
इसके अन्तर्गत चार सम्प्रदाय मुख्य रूप से आते हैं।
इसके अन्तर्गत चार सम्प्रदाय मुख्य रूप से आते हैं।
पहले हैं आचार्य रामानुज, निंबार्काचार्य, वल्लभाचार्य, मध्वाचार्य।
पहले हैं आचार्य रामानुज, निमबार्काचार्य, बल्लभाचार्य, माधवाचार्य।
इसके अलावा महाराष्ट्र का वारकरी सांप्रदाय भारत में एक महत्वपूर्ण वैष्णव सम्प्रदाय है जो भगवान विट्ठल की भक्ती पर ध्यान केंद्रित करते है। श्रीविठ्ठल स्वयं भगवान श्रीकृष्ण हि है। संत ज्ञानदेव, नामदेव, एकनाथ, तुकाराम, जनाबाई, विसोबा खेचर, सेना न्हावी, नरहरी सोनार, सावता माळी, गोरा कुंभार, कान्होपात्रा, चोखामेला, शेख मोहम्मद जैसे कई सन्तोंने वारकरी सांप्रदाय अपनाया और उसे बढावा दिया। उत्तर भारत में आचार्य रामानन्द भी वैष्णव सम्प्रदाय के आचार्य हुए और चैतन्यमहाप्रभु भी वैष्णव आचार्य है जो बंगाल में हुए। रामान्दाचार्य जी ने सर्व धर्म समभाव की भावना को बल देते हुए कबीर, रहीम सभी वर्णों (जाति) के व्यक्तियों को सगुण भक्ति का उपदेश किया। आगे रामानन्द संम्प्रदाय में गोस्वामी तुलसीदास हुए जिन्होने श्री [[रामचरितमानस]] की रचना करके जनसामान्य तक भगवत महिमा को पहुँचाया। उनकी अन्य रचनाएँ - विनय पत्रिका, दोहावली, गीतावली, बरवै रामायण एक ज्योतिष ग्रन्थ रामाज्ञा प्रश्नावली का भी निर्माण किया।
इसके अलावा उत्तर भारत में आचार्य रामानन्द भी वैष्णव सम्प्रदाय के आचार्य हुए और चैतन्यमहाप्रभु भी वैष्णव आचार्य है जो बंगाल में हुए। रामान्दाचार्य जी ने सर्व धर्म समभाव की भावना को बल देते हुए कबीर, रहीम सभी वर्णों (जाति) के व्यक्तियों को सगुण भक्ति का उपदेश किया। आगे रामानन्द संम्प्रदाय में गोस्वामी तुलसीदास हुए जिन्होने श्री [[रामचरितमानस]] की रचना करके जनसामान्य तक भगवत महिमा को पहुँचाया। उनकी अन्य रचनाएँ - विनय पत्रिका, दोहावली, गीतावली, बरवै रामायण एक ज्योतिष ग्रन्थ रामाज्ञा प्रश्नावली का भी निर्माण किया।


== बाहरी कड़ियाँ ==
== बाहरी कड़ियाँ ==

16:14, 11 अक्टूबर 2018 का अवतरण

वैष्णव सम्प्रदाय, भगवान विष्णु को ईश्वर मानने वालों का सम्प्रदाय है। इसके अन्तर्गत चार सम्प्रदाय मुख्य रूप से आते हैं। पहले हैं आचार्य रामानुज, निमबार्काचार्य, बल्लभाचार्य, माधवाचार्य। इसके अलावा उत्तर भारत में आचार्य रामानन्द भी वैष्णव सम्प्रदाय के आचार्य हुए और चैतन्यमहाप्रभु भी वैष्णव आचार्य है जो बंगाल में हुए। रामान्दाचार्य जी ने सर्व धर्म समभाव की भावना को बल देते हुए कबीर, रहीम सभी वर्णों (जाति) के व्यक्तियों को सगुण भक्ति का उपदेश किया। आगे रामानन्द संम्प्रदाय में गोस्वामी तुलसीदास हुए जिन्होने श्री रामचरितमानस की रचना करके जनसामान्य तक भगवत महिमा को पहुँचाया। उनकी अन्य रचनाएँ - विनय पत्रिका, दोहावली, गीतावली, बरवै रामायण एक ज्योतिष ग्रन्थ रामाज्ञा प्रश्नावली का भी निर्माण किया।

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