"कन्नौज": अवतरणों में अंतर

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'''कन्नौज'मध्यकाल में गुर्जर प्रतिहारो की राजधानी थी [[भारत]] में [[उत्तर प्रदेश]] प्रांत के [[कन्नौज जिला|कन्नौज जिले]] का मुख्यालय एवं प्रमुख [[नगरपालिका]] है। शहर का नाम [[संस्कृत]] के '''कान्यकुब्ज''' शब्द से बना है। कन्नौज एक प्राचीन नगरी है एवं कभी [[हिंदू]] साम्राज्य की राजधानी के रूप में प्रतिष्ठित रहा है। माना जाता है कि [[कान्यकुब्ज ब्राह्मण]] मूल रूप से इसी स्थान के हैं। विन्ध्योत्तर निवासी एक ब्राह्मणौंकी समुह है जिनको [[पंचगौड]] कहते हैं। उनमें [[गौड]] , [[सारस्वत]] , [[औत्कल]] , [[मैथिल]] ,और [[कान्यकुब्ज]] है। उनकी ऐसी प्रसिद्ध लोकोक्ति प्रचलित है- ""सर्वे द्विजाः कान्यकुब्जाःमागधीं माथुरीं विना"" कान्यकुब्जी ब्राह्मण अपनी इतिहासको बचाये रखें | वर्तमान कन्नौज शहर अपने [[इत्र]] व्यवसाय के अलावा [[तंबाकू]] के व्यापार के लिए मशहूर है। कन्नौज की जनसंख्या २००१ की [[जनगणना]] के अनुसार ७१,५३० आंकी गयी थी। यहाँ मुख्य रूप से [[कन्नौजी भाषा/ कनउजी]] भाषा के तौर पर इस्तेमाल की जाती है।
'''कन्नौज''', [[भारत]] में [[उत्तर प्रदेश]] प्रांत के [[कन्नौज जिला|कन्नौज जिले]] का मुख्यालय एवं प्रमुख [[नगरपालिका]] है। शहर का नाम [[संस्कृत]] के '''कान्यकुब्ज''' शब्द से बना है। कन्नौज एक प्राचीन नगरी है एवं कभी [[हिंदू]] साम्राज्य की राजधानी के रूप में प्रतिष्ठित रहा है। माना जाता है कि [[कान्यकुब्ज ब्राह्मण]] मूल रूप से इसी स्थान के हैं। विन्ध्योत्तर निवासी एक ब्राह्मणौंकी समुह है जिनको [[पंचगौड]] कहते हैं। उनमें [[गौड]] , [[सारस्वत]] , [[औत्कल]] , [[मैथिल]] ,और [[कान्यकुब्ज]] है। उनकी ऐसी प्रसिद्ध लोकोक्ति प्रचलित है- ""सर्वे द्विजाः कान्यकुब्जाःमागधीं माथुरीं विना"" कान्यकुब्जी ब्राह्मण अपनी इतिहासको बचाये रखें | वर्तमान कन्नौज शहर अपने [[इत्र]] व्यवसाय के अलावा [[तंबाकू]] के व्यापार के लिए मशहूर है। कन्नौज की जनसंख्या २००१ की [[जनगणना]] के अनुसार ७१,५३० आंकी गयी थी। यहाँ मुख्य रूप से [[कन्नौजी भाषा/ कनउजी]] भाषा के तौर पर इस्तेमाल की जाती है।


यहाँ के किसानों की मुख्य फसल [[आलू]] है।
यहाँ के किसानों की मुख्य फसल [[आलू]] है।


== परिचय ==
== परिचय ==
कन्नौज, उत्तर प्रदेश का एक जिला है। यह नगर, [[गंगा]] के बायीं ओर [[ग्रैंड ट्रंक रोड]] से 3 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। किसी समय [[गंगा नदी]] इस नगर के पार्श्व से बहती थी। [[रामायण]] में इस नगर का उल्लेख मिलता है। [[तॉलेमी]] ने ईसा के काल में कन्नौज को 'कनोगिज़ा' लिखा है। पाँचवीं शताब्दी में यह [[गुप्त साम्राज्य]] का एक प्रमुख नगर था। छठी शताब्दी में श्वेत हूणों के आक्रमण से यह काफी विनिष्ट हो गया था। चीनी यात्री [[ह्वेन त्सांग]], ने, जो [[हर्षवर्धन]] के समय भारत आया था, इस नगर का उल्लेख किया है। छठी शताब्दी से लेकर 11वीं शताब्दी तक यह [[गुर्जर]] राजाओं की राजधानी रही है के बाद में मुसलमानों के आक्रमण के कारण यह नगर काफी विनिष्ट हुआ। 1194 ई. में [[मुहम्मद गौरी]] ने इस नगर पर अपना स्वत्व जमाया। 'आइने अकबरी' द्वारा ज्ञात होता है कि [[अकबर]] के समय में यहाँ सरकार का मुख्य कार्यालय था। प्राचीन काल के भग्नावशेष आज भी लगभग छह कि.मी.व्यास के अर्धवृत्तीय क्षेत्र में वर्तमान हैं। कन्नौज इत्र और इतिहास की नगर रहा है | कन्नौज अपने मन्दिरो के लिये विशेष जाना जाता है | कन्नौज प्रमुख रुप से सिद्धपीठ बाबा गौरी शंकर मन्दिर एवं सिद्धपीठ माँ फूलमती मंदिर के लिये जाना जाता है | इसके अलावा यहाँ अनेकों मंदिर हैं, जो की इस नगर की छवि कों और आकर्षित बनाते हैं | वर्तमान में कन्नौज नगर पालिका अध्यक्ष माननीय "शैलेन्द्र अग्निहोत्री जी (वंदेमातरम)" हैं |
कन्नौज, उत्तर प्रदेश का एक जिला है। यह नगर, [[गंगा]] के बायीं ओर [[ग्रैंड ट्रंक रोड]] से 3 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। किसी समय [[गंगा नदी]] इस नगर के पार्श्व से बहती थी। [[रामायण]] में इस नगर का उल्लेख मिलता है। [[तॉलेमी]] ने ईसा के काल में कन्नौज को 'कनोगिज़ा' लिखा है। पाँचवीं शताब्दी में यह [[गुप्त साम्राज्य]] का एक प्रमुख नगर था। छठी शताब्दी में श्वेत हूणों के आक्रमण से यह काफी विनिष्ट हो गया था। चीनी यात्री [[ह्वेन त्सांग]], ने, जो [[हर्षवर्धन]] के समय भारत आया था, इस नगर का उल्लेख किया है। 11वीं शताब्दी के आंरभिक काल में मुसलमानों के आक्रमण के कारण यह नगर काफी विनिष्ट हुआ। 1194 ई. में [[मुहम्मद गौरी]] ने इस नगर पर अपना स्वत्व जमाया। 'आइने अकबरी' द्वारा ज्ञात होता है कि [[अकबर]] के समय में यहाँ सरकार का मुख्य कार्यालय था। प्राचीन काल के भग्नावशेष आज भी लगभग छह कि.मी.व्यास के अर्धवृत्तीय क्षेत्र में वर्तमान हैं। कन्नौज इत्र और इतिहास की नगर रहा है | कन्नौज अपने मन्दिरो के लिये विशेष जाना जाता है | कन्नौज प्रमुख रुप से सिद्धपीठ बाबा गौरी शंकर मन्दिर एवं सिद्धपीठ माँ फूलमती मंदिर के लिये जाना जाता है | इसके अलावा यहाँ अनेकों मंदिर हैं, जो की इस नगर की छवि कों और आकर्षित बनाते हैं | वर्तमान में कन्नौज नगर पालिका अध्यक्ष माननीय "शैलेन्द्र अग्निहोत्री जी (वंदेमातरम)" हैं |


== कड़ियाँ ==
== कड़ियाँ ==

06:29, 5 अक्टूबर 2018 का अवतरण

कन्नौज
—  शहर  —
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०)
देश  भारत
राज्य उत्तर प्रदेश
चक्रवर्ती सम्राट हर्षवर्धन
राजा जयचंद
जनसंख्या ७१,५३० (२००१ के अनुसार )
क्षेत्रफल
ऊँचाई (AMSL)

• १३९ मीटर

निर्देशांक: 27°04′N 79°55′E / 27.07°N 79.92°E / 27.07; 79.92

कन्नौज, भारत में उत्तर प्रदेश प्रांत के कन्नौज जिले का मुख्यालय एवं प्रमुख नगरपालिका है। शहर का नाम संस्कृत के कान्यकुब्ज शब्द से बना है। कन्नौज एक प्राचीन नगरी है एवं कभी हिंदू साम्राज्य की राजधानी के रूप में प्रतिष्ठित रहा है। माना जाता है कि कान्यकुब्ज ब्राह्मण मूल रूप से इसी स्थान के हैं। विन्ध्योत्तर निवासी एक ब्राह्मणौंकी समुह है जिनको पंचगौड कहते हैं। उनमें गौड , सारस्वत , औत्कल , मैथिल ,और कान्यकुब्ज है। उनकी ऐसी प्रसिद्ध लोकोक्ति प्रचलित है- ""सर्वे द्विजाः कान्यकुब्जाःमागधीं माथुरीं विना"" कान्यकुब्जी ब्राह्मण अपनी इतिहासको बचाये रखें | वर्तमान कन्नौज शहर अपने इत्र व्यवसाय के अलावा तंबाकू के व्यापार के लिए मशहूर है। कन्नौज की जनसंख्या २००१ की जनगणना के अनुसार ७१,५३० आंकी गयी थी। यहाँ मुख्य रूप से कन्नौजी भाषा/ कनउजी भाषा के तौर पर इस्तेमाल की जाती है।

यहाँ के किसानों की मुख्य फसल आलू है।

परिचय

कन्नौज, उत्तर प्रदेश का एक जिला है। यह नगर, गंगा के बायीं ओर ग्रैंड ट्रंक रोड से 3 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। किसी समय गंगा नदी इस नगर के पार्श्व से बहती थी। रामायण में इस नगर का उल्लेख मिलता है। तॉलेमी ने ईसा के काल में कन्नौज को 'कनोगिज़ा' लिखा है। पाँचवीं शताब्दी में यह गुप्त साम्राज्य का एक प्रमुख नगर था। छठी शताब्दी में श्वेत हूणों के आक्रमण से यह काफी विनिष्ट हो गया था। चीनी यात्री ह्वेन त्सांग, ने, जो हर्षवर्धन के समय भारत आया था, इस नगर का उल्लेख किया है। 11वीं शताब्दी के आंरभिक काल में मुसलमानों के आक्रमण के कारण यह नगर काफी विनिष्ट हुआ। 1194 ई. में मुहम्मद गौरी ने इस नगर पर अपना स्वत्व जमाया। 'आइने अकबरी' द्वारा ज्ञात होता है कि अकबर के समय में यहाँ सरकार का मुख्य कार्यालय था। प्राचीन काल के भग्नावशेष आज भी लगभग छह कि.मी.व्यास के अर्धवृत्तीय क्षेत्र में वर्तमान हैं। कन्नौज इत्र और इतिहास की नगर रहा है | कन्नौज अपने मन्दिरो के लिये विशेष जाना जाता है | कन्नौज प्रमुख रुप से सिद्धपीठ बाबा गौरी शंकर मन्दिर एवं सिद्धपीठ माँ फूलमती मंदिर के लिये जाना जाता है | इसके अलावा यहाँ अनेकों मंदिर हैं, जो की इस नगर की छवि कों और आकर्षित बनाते हैं | वर्तमान में कन्नौज नगर पालिका अध्यक्ष माननीय "शैलेन्द्र अग्निहोत्री जी (वंदेमातरम)" हैं |

कड़ियाँ