"गोधरा काण्ड": अवतरणों में अंतर
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27 फ़रवरी 2002 को [[गुजरात]] में स्थित '''[[गोधरा]]''' शहर में एक रेलगाड़ी में आग लगने से 59 यात्री मारे गए जिनमें अधिकांश लोग [[हिन्दू]] बिरादरी से थे।<ref name="tribunal">{{cite web|title=Crimes against Humanity (3 volumes)|url=http://www.sabrang.com/tribunal/|website=www.sabrang.com|publisher=Official report on godhra riots by the Concerned Citizens Tribunal|accessdate=5 July 2017}}</ref>{{sfn|The Times of India|2011}} इस घटना का इलज़ाम मुख्य रूप से मुस्लमानों पर लगाया गया जिसके नतीजा में गुजरात में [[2002 की गुजरात हिंसा|2002 के दंगे]] |
27 फ़रवरी 2002 को [[गुजरात]] में स्थित '''[[गोधरा]]''' शहर में एक रेलगाड़ी में आग लगने से 59 यात्री मारे गए जिनमें अधिकांश लोग [[हिन्दू]] बिरादरी से थे।<ref name="tribunal">{{cite web|title=Crimes against Humanity (3 volumes)|url=http://www.sabrang.com/tribunal/|website=www.sabrang.com|publisher=Official report on godhra riots by the Concerned Citizens Tribunal|accessdate=5 July 2017}}</ref>{{sfn|The Times of India|2011}} इस घटना का इलज़ाम मुख्य रूप से मुस्लमानों पर लगाया गया जिसके नतीजा में गुजरात में [[2002 की गुजरात हिंसा|2002 के दंगे]] हुए और बहुत सारे मुस्लिम की हत्यााकर दी गई ।{{sfn|Ghassem-Fachandi|2012|p=283}}{{sfn|Jaffrelot|2003|p=16}} केन्द्रीय भारतीय सरकार द्वारा नियुक्त एक जाँच कमीशन का ख़्याल था कि आग दुर्घटना थी लेकिन आगे चलकर यह कमीशन असंवैधानिक घोषित किया गया था।{{sfn|Jaffrelot|2012|p=80}} लेकिन भारत सरकार द्वारा नियुक्त की गई अन्य जाँच कमीशनों ने घटना की असल पर निश्चित रूप से कोई रोशनी नहीं डाल सकी।{{sfn|Jeffery|2011|p=1988}}<ref name="Metcalf 2012">{{cite book|last=Metcalf|first=Barbara D.|title=A Concise History of Modern India|year=2012|publisher=Cambridge University Press|isbn=978-1107026490|page=280}}</ref> |
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हालांकि ग्यारह साल बाद भारत की एक अदालत ने मुसलमान बिरादरी के 31 लोगों को इस घटना के लिए दोषी ठहराया।{{sfn|Jeffery|2011|p=1988}}<ref name="Metcalf 2012">{{cite book|last=Metcalf|first=Barbara D.|title=A Concise History of Modern India|year=2012|publisher=Cambridge University Press|isbn=978-1107026490|page=280}}</ref> |
हालांकि ग्यारह साल बाद भारत की एक अदालत ने मुसलमान बिरादरी के 31 लोगों को इस घटना के लिए दोषी ठहराया।{{sfn|Jeffery|2011|p=1988}}<ref name="Metcalf 2012">{{cite book|last=Metcalf|first=Barbara D.|title=A Concise History of Modern India|year=2012|publisher=Cambridge University Press|isbn=978-1107026490|page=280}}</ref> |
20:41, 28 सितंबर 2018 का अवतरण
गोधरा काण्ड | |
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स्थान | गोधरा, गुजरात, भारत |
निर्देशांक | 22°45′48″N 73°36′22″E / 22.76333°N 73.60611°Eनिर्देशांक: 22°45′48″N 73°36′22″E / 22.76333°N 73.60611°E |
तिथि |
27 फ़रवरी 2002 7:43 a.m. |
मृत्यु | 59 |
घायल | 48 |
27 फ़रवरी 2002 को गुजरात में स्थित गोधरा शहर में एक रेलगाड़ी में आग लगने से 59 यात्री मारे गए जिनमें अधिकांश लोग हिन्दू बिरादरी से थे।[1][2] इस घटना का इलज़ाम मुख्य रूप से मुस्लमानों पर लगाया गया जिसके नतीजा में गुजरात में 2002 के दंगे हुए और बहुत सारे मुस्लिम की हत्यााकर दी गई ।[3][4] केन्द्रीय भारतीय सरकार द्वारा नियुक्त एक जाँच कमीशन का ख़्याल था कि आग दुर्घटना थी लेकिन आगे चलकर यह कमीशन असंवैधानिक घोषित किया गया था।[5] लेकिन भारत सरकार द्वारा नियुक्त की गई अन्य जाँच कमीशनों ने घटना की असल पर निश्चित रूप से कोई रोशनी नहीं डाल सकी।[6][7]
हालांकि ग्यारह साल बाद भारत की एक अदालत ने मुसलमान बिरादरी के 31 लोगों को इस घटना के लिए दोषी ठहराया।[6][7]
सन्दर्भ
- ↑ "Crimes against Humanity (3 volumes)". www.sabrang.com. Official report on godhra riots by the Concerned Citizens Tribunal. अभिगमन तिथि 5 July 2017.
- ↑ The Times of India 2011.
- ↑ Ghassem-Fachandi 2012, पृ॰ 283.
- ↑ Jaffrelot 2003, पृ॰ 16.
- ↑ Jaffrelot 2012, पृ॰ 80.
- ↑ अ आ Jeffery 2011, पृ॰ 1988.
- ↑ अ आ Metcalf, Barbara D. (2012). A Concise History of Modern India. Cambridge University Press. पृ॰ 280. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1107026490.