"सबलगढ़ किला": अवतरणों में अंतर

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[[मुरैना]] के '''[[सबलगढ़]] नगर''' में स्थित यह किला मुख्य नियंत्रण स्थल मंडरायल से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर है। मध्यकाल में बना यह किला एक पहाड़ी के शिखर बना हुआ है। इस किले की नींव सबला गुर्जर ने डाली थी जबकि करौली के महाराजा गोपाल सिंह ने 18वीं शताब्दी में इसे पूरा करवाया था। कुछ समय बाद सिंकदर लोदी ने इस किले को अपने नियंत्रण में ले लिया था लेकिन बाद में करौली के राजा ने इस पर पुन: अधिकार कर लिया। किले के पीछे सिंधिया काल में बना एक बांध है, जहां की सुंदरता देखते ही बनती है। सबलगढ़ का किला अत्यंत सुन्दर एवं मनमोहक है।
[[मुरैना]] के '''[[सबलगढ़]] नगर''' में स्थित यह किला मुरैना से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर है। मध्यकाल में बना यह किला एक पहाड़ी के शिखर बना हुआ है। इस किले की नींव सबला गुर्जर ने डाली थी जबकि करौली के महाराजा गोपाल सिंह ने 18वीं शताब्दी में इसे पूरा करवाया था। कुछ समय बाद सिंकदर लोदी ने इस किले को अपने नियंत्रण में ले लिया था लेकिन बाद में करौली के राजा ने मराठों की मदद से इस पर पुन: अधिकार कर लिया। किले के पीछे सिंधिया काल में बना एक बांध है, जहां की सुंदरता देखते ही बनती है। सबलगढ़ का किला अत्यंत सुन्दर एवं मनमोहक है।



यहां के बारे में एक और बात खासी महत्वपूर्ण है कि यहाँ 19वीं शताव्दी में भीषण भुखमरी फैली जिसकी चपेट में सबलगढ़,और आसपास के सभी क्षेत्र आ गए, प्रजा द्वारा मदद की गुहार लगाने पर करौली रियासत के राजा के आदेश पर मंडरायल दुर्ग से सबलगढ़ किले के लिए कई बर्षो तक रसद सामग्री और जीवन व्यतीत करने की सामग्री प्रदान की पूर्ति की गई।



{{भारत के दुर्ग}}
{{भारत के दुर्ग}}

16:17, 18 सितंबर 2018 का अवतरण

सबलगढ़ दुर्ग
करौली राजवंश का भाग
सबलगढ़, मध्य प्रदेश
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प्रकाररक्षा किला
स्थल जानकारी
नियंत्रकमध्य प्रदेश सरकार
जनप्रवेशहां
दशास्मारक
स्थल इतिहास
निर्मित१७-१८ वी सताब्दी
निर्मातामहाराजा गोपाल सिंह
प्रयोगाधीननहीं
सामग्रीपत्थर, बलुआ पत्थर

मुरैना के सबलगढ़ नगर में स्थित यह किला मुरैना से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर है। मध्यकाल में बना यह किला एक पहाड़ी के शिखर बना हुआ है। इस किले की नींव सबला गुर्जर ने डाली थी जबकि करौली के महाराजा गोपाल सिंह ने 18वीं शताब्दी में इसे पूरा करवाया था। कुछ समय बाद सिंकदर लोदी ने इस किले को अपने नियंत्रण में ले लिया था लेकिन बाद में करौली के राजा ने मराठों की मदद से इस पर पुन: अधिकार कर लिया। किले के पीछे सिंधिया काल में बना एक बांध है, जहां की सुंदरता देखते ही बनती है। सबलगढ़ का किला अत्यंत सुन्दर एवं मनमोहक है।