"शुद्ध और अनुप्रयोगिक रसायन का अंतरराष्ट्रीय संघ": अवतरणों में अंतर

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'''शुद्ध और अनुप्रयोगिक रसायन का अन्तरराष्ट्रीय संघ''' ((IUPAC: इंटरनैशनल यूनियन फॉर प्योर एंड एप्लाइड केमिस्ट्री) उच्चारणः आइ-यू-पैक)) एक [[गैर सरकारी संगठन]] है जिसकी स्थापना 1919 में [[रसायन शास्त्र]] की उन्नति के लिए की गयी थी। इसके सदस्य राष्ट्रीय रसायन समितियाँ हैं। यह संगठन [[रासायनिक तत्त्व|रासायनिक तत्वों]] और उनके यौगिकों के नामकरण के लिए मानक विकसित करने के लिए अधिकृत है, जो यह इसकी नाम और चिह्न की अन्तर्विभागीय समिति (आइ यू पी ए सी नॉमेनक्लॅचर) के माध्यम से करता है। यह [[अन्तरराष्ट्रीय विज्ञान परिषद]] (आई सी एस यू) का भी एक सदस्य है।
'''शुद्ध और अनुप्रयोगिक रसायन का अन्तरराष्ट्रीय संघ''' ((IUPAC: इंटरनैशनल यूनियन फॉर प्योर एंड एप्लाइड केमिस्ट्री) उच्चारणः आइ-यू-पैक)) एक [[गैर सरकारी संगठन]] है जिसकी स्थापना 1919 में [[रसायन शास्त्र]] की उन्नति के लिए की गयी थी। इसके सदस्य राष्ट्रीय रसायन समितियाँ हैं। यह संगठन [[रासायनिक तत्त्व|रासायनिक तत्वों]] और उनके यौगिकों के नामकरण के लिए मानक विकसित करने के लिए अधिकृत है, जो यह इसकी नाम और चिह्न की अन्तर्विभागीय समिति (आइ यू पी ए सी नॉमेनक्लॅचर) के माध्यम से करता है। यह [[अन्तरराष्ट्रीय विज्ञान परिषद]] (आई सी एस यू) का भी एक सदस्य है।


Rule of The Mr.S
== इन्हें भी देखें==
MBGR£S
*[[आईयूपीएसी नामपद्धति]] - IUPAC द्वारा प्रवर्तित रसायनों की नामपद्धति
जहाँ पर MBGR का मध्य बिन्दु S हैँ। इस नियम की
उतपत्ति Shyamji ने की।
इसलिये इसे Mr.S का नियम कहते हैँ।
M<---->(+) आयन
B<----->(-) आयन
G<----->(+) आयन
R<----->(-) आयन


संरचना=
[[श्रेणी:रसायन विज्ञान]]

(-)R. + .G(+)
|----------|
+ | .£S | +
|----------|
(+)M. + .B(-)

यदि,
£S = H2O (जल)
तो,
M = H+ (हाइड्रोजन)
B = OH- (हाइड्राक्साइड)
G = H+ (हाइड्रोजन)
R = OH- (हाइड्राक्साइड)
इस प्रकार,
M + B = H20
B + G = H20
G + R = H20
R + M = H20
अत:
H + OH => H2O
MBGR£S
[नोट- अभी Mr.S के नियम
में संकेतो के नाम उल्लेखित
नही किये गये।]
RRGVS / Mr.TESTY

01:51, 3 अगस्त 2018 का अवतरण

IUPAC प्रतीक चिन्ह

शुद्ध और अनुप्रयोगिक रसायन का अन्तरराष्ट्रीय संघ ((IUPAC: इंटरनैशनल यूनियन फॉर प्योर एंड एप्लाइड केमिस्ट्री) उच्चारणः आइ-यू-पैक)) एक गैर सरकारी संगठन है जिसकी स्थापना 1919 में रसायन शास्त्र की उन्नति के लिए की गयी थी। इसके सदस्य राष्ट्रीय रसायन समितियाँ हैं। यह संगठन रासायनिक तत्वों और उनके यौगिकों के नामकरण के लिए मानक विकसित करने के लिए अधिकृत है, जो यह इसकी नाम और चिह्न की अन्तर्विभागीय समिति (आइ यू पी ए सी नॉमेनक्लॅचर) के माध्यम से करता है। यह अन्तरराष्ट्रीय विज्ञान परिषद (आई सी एस यू) का भी एक सदस्य है।

Rule of The Mr.S

         MBGR£S
 जहाँ पर MBGR का मध्य बिन्दु S हैँ। इस नियम की

उतपत्ति Shyamji ने की।

इसलिये इसे Mr.S का नियम कहते हैँ। 
   M<---->(+) आयन
   B<----->(-) आयन
   G<----->(+) आयन
   R<----->(-) आयन

संरचना=

   (-)R.       +       .G(+)
        |----------|
                                              +   |    .£S    |   +   
                        
        |----------| 
  (+)M.       +        .B(-)
 यदि, 
         £S = H2O (जल)

तो,

    M =  H+ (हाइड्रोजन)
    B  = OH- (हाइड्राक्साइड)
    G  =  H+ (हाइड्रोजन)
    R  = OH- (हाइड्राक्साइड)
इस प्रकार,
    M + B = H20
    B  + G = H20
    G + R  = H20
    R + M = H20
 अत:
     H + OH => H2O
          MBGR£S
  

[नोट- अभी Mr.S के नियम

  में संकेतो के नाम उल्लेखित
   नही किये गये।]
   RRGVS / Mr.TESTY