"करबला": अवतरणों में अंतर
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'''करबला''' [[ईराक]] का एक प्रमुख शहर है। यहा पर इमाम हज़रत [[हुसैन]] ने अपने नाना हजरत [[मुहम्मद]] स्० के सिधान्तो की रक्षा के लिए बहुत बड़ा बलिदान दिया था। इस स्थान पर आपको और आपके लगभग पूरे परिवार और अनुयायियों को यजिद नामक व्यक्ति के आदेश पर सन् 680 (हिजरी 61) में शहीद किया गया था जो उस समय शासन करता था और [[इस्लाम धर्म]] में अपने अनुसार बुराईयाँ जेसे शराबखोरि, अय्याशी, वगरह लाना चाह्ता था।। |
'''करबला''' [[ईराक]] का एक प्रमुख शहर है। यहा पर इमाम हज़रत [[हुसैन]] ने अपने नाना हजरत [[मुहम्मद]] स्० के सिधान्तो की रक्षा के लिए बहुत बड़ा बलिदान दिया था। इस स्थान पर आपको और आपके लगभग पूरे परिवार और अनुयायियों को यजिद नामक व्यक्ति के आदेश पर सन् 680 (हिजरी 61) में शहीद किया गया था जो उस समय शासन करता था और [[इस्लाम धर्म]] में अपने अनुसार बुराईयाँ जेसे शराबखोरि, अय्याशी, वगरह लाना चाह्ता था।। |
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यह क्षेत्र सीरियाई मरुस्थल के कोने में स्थित है। करबला [[शिया]] स्मुदाय में [[मक्का]] के बाद दूसरी सबसे प्रमुख जगह है। कई मुसलमान अपने मक्का की यात्रा के बाद करबला भी जाते हैं। इस स्थान पर इमाम हुसैन का मक़बरा भी है जहाँ सुनहले रंग की गुम्बद बहुत आकर्षक है। इसे 1801 में सऊदी के राजा के पूरवजो ने नष्ट भी किया था पर [[फ़ारस]] (ईरान) के लोगों द्वारा यह फ़िर से बनाया गया।<ref>{{cite web| title=कर्बला |url = http://www.encyclopedia.com/doc/1E1-Karbala.html }}</ref> |
यह क्षेत्र [[सीरियाई मरुस्थल]] के कोने में स्थित है। करबला [[शिया]] स्मुदाय में [[मक्का]] के बाद दूसरी सबसे प्रमुख जगह है। कई मुसलमान अपने मक्का की यात्रा के बाद करबला भी जाते हैं। इस स्थान पर इमाम हुसैन का मक़बरा भी है जहाँ सुनहले रंग की गुम्बद बहुत आकर्षक है। इसे 1801 में सऊदी के राजा के पूरवजो ने नष्ट भी किया था पर [[फ़ारस]] (ईरान) के लोगों द्वारा यह फ़िर से बनाया गया।<ref>{{cite web| title=कर्बला |url = http://www.encyclopedia.com/doc/1E1-Karbala.html }}</ref> |
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इमाम हुसैन (हुसैन बिन अली) के इस बलिदान को मुस्लिम मुहर्रम के रूप में आज भी याद करते हैं।<ref>{{cite web|title=कर्बला का इतिहास|accessdate=17 नवम्बर 2008|language=अंग्रेज़ी|url= http://www.islamicinformationcentre.co.uk/karbala.htm}}</ref> |
इमाम हुसैन (हुसैन बिन अली) के इस बलिदान को मुस्लिम मुहर्रम के रूप में आज भी याद करते हैं।<ref>{{cite web|title=कर्बला का इतिहास|accessdate=17 नवम्बर 2008|language=अंग्रेज़ी|url= http://www.islamicinformationcentre.co.uk/karbala.htm}}</ref> |
04:26, 13 अप्रैल 2018 का अवतरण
करबला كَربَلَاء कर्बला Karbalāʾ Kerbala | |
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{{{type}}} | |
करबला में स्थिति इमाम हुसैन मस्जिद | |
ईराक में स्थिति | |
निर्देशांक: 32°37′N 44°02′E / 32.617°N 44.033°E | |
देश | ईराक |
प्रान्त | करबला |
स्थापित | 690 ईस्बी |
जनसंख्या (2014) | |
• कुल | 690,100[1] |
करबला ईराक का एक प्रमुख शहर है। यहा पर इमाम हज़रत हुसैन ने अपने नाना हजरत मुहम्मद स्० के सिधान्तो की रक्षा के लिए बहुत बड़ा बलिदान दिया था। इस स्थान पर आपको और आपके लगभग पूरे परिवार और अनुयायियों को यजिद नामक व्यक्ति के आदेश पर सन् 680 (हिजरी 61) में शहीद किया गया था जो उस समय शासन करता था और इस्लाम धर्म में अपने अनुसार बुराईयाँ जेसे शराबखोरि, अय्याशी, वगरह लाना चाह्ता था।।
यह क्षेत्र सीरियाई मरुस्थल के कोने में स्थित है। करबला शिया स्मुदाय में मक्का के बाद दूसरी सबसे प्रमुख जगह है। कई मुसलमान अपने मक्का की यात्रा के बाद करबला भी जाते हैं। इस स्थान पर इमाम हुसैन का मक़बरा भी है जहाँ सुनहले रंग की गुम्बद बहुत आकर्षक है। इसे 1801 में सऊदी के राजा के पूरवजो ने नष्ट भी किया था पर फ़ारस (ईरान) के लोगों द्वारा यह फ़िर से बनाया गया।[2]
इमाम हुसैन (हुसैन बिन अली) के इस बलिदान को मुस्लिम मुहर्रम के रूप में आज भी याद करते हैं।[3]
सन्दर्भ
- ↑ "Iraq: Governorates, Regions & Major Cities - Population Statistics in Maps and Charts".
- ↑ "कर्बला".
- ↑ "कर्बला का इतिहास" (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 17 नवम्बर 2008.
इसे सुन्नि और शिय दोनो मन्अते हय लेकिन दोनो के मनने के अन्द। ज अल्ग अल्ग है