"राष्ट्रभाषा": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
कारण भारताला कोणतीच राष्ट्रभाषा नाहीये
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पाठ में सुधार (छोटा)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''राष्ट्रभाषा''' एक देश की संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा होती है, जिसे सम्पूर्ण राष्ट्र में भाषा कार्यों में (जैसे लिखना, पढ़ना और वार्तालाप) के लिए प्रमुखता से प्रयोग में लाया जाता है। वह भाषा जिसमें राष्ट्र के काम किए जायें। राष्ट्र के काम-धाम या सरकारी कामकाज के लिये स्वीकृत भाषा। और भारत को कोही राष्ट्रभाषा नही है ।
'''राष्ट्रभाषा''' एक देश की संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा होती है, जिसे सम्पूर्ण राष्ट्र में भाषा कार्यों में (जैसे लिखना, पढ़ना और वार्तालाप) के लिए प्रमुखता से प्रयोग में लाया जाता है। वह भाषा जिसमें राष्ट्र के काम किए जायें। राष्ट्र के काम-धाम या सरकारी कामकाज के लिये स्वीकृत भाषा।


==देश और राष्ट्र भाषा==
==देश और राष्ट्र भाषा==
पंक्ति 6: पंक्ति 6:


===[[भारत का प्रधानमन्त्री|भारत]] ===
===[[भारत का प्रधानमन्त्री|भारत]] ===
'''आज हिमालय की चोटी से फिर हमने ललकारा है .'''
'''आज हिमालय की चोटी से फिर हमने ललकारा है।'''


'''दूर हटो ए दुनियावालो .हिंदुस्तान हमारा है'''
'''दूर हटो ए दुनियावालो .हिंदुस्तान हमारा है'''

07:52, 6 मार्च 2018 का अवतरण

राष्ट्रभाषा एक देश की संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा होती है, जिसे सम्पूर्ण राष्ट्र में भाषा कार्यों में (जैसे लिखना, पढ़ना और वार्तालाप) के लिए प्रमुखता से प्रयोग में लाया जाता है। वह भाषा जिसमें राष्ट्र के काम किए जायें। राष्ट्र के काम-धाम या सरकारी कामकाज के लिये स्वीकृत भाषा।

देश और राष्ट्र भाषा

बांग्लादेश

बांग्लादेश के लोगों ने केवल बंगाली भाषा को ही अपने देश की एक मात्र राष्ट्र भाषा के रूप में अपनाया है।

भारत

आज हिमालय की चोटी से फिर हमने ललकारा है।

दूर हटो ए दुनियावालो .हिंदुस्तान हमारा है

भारतीय संविधान के निर्माण करने वाले डॉ॰ अंबेडकर चाहते थे कि संस्कृत इस देश की राष्ट्र भाषा बने, लेकिन अभी तक किसी भी भाषा को राष्ट्र भाषा के रूप में नहीं माना गया है। सरकार ने 22 भाषाओं को आधिकारिक भाषा के रूप में जगह दी है। जिसमें केन्द्र सरकार या राज्य सरकार अपने जगह के अनुसार किसी भी भाषा को आधिकारिक भाषा के रूप में चुन सकती है। केन्द्र सरकार ने अपने कार्यों के लिए हिन्दी और अंग्रेजी भाषा को आधिकारिक भाषा के रूप में जगह दी है। इसके अलावा अलग अलग राज्यों में स्थानीय भाषा के अनुसार भी अलग अलग आधिकारिक भाषाओं को चुना गया है। फिलहाल 22 आधिकारिक भाषाओं में असमी, उर्दू, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, ओडिया, पंजाबी, संस्कृत, संतली, सिंधी, तमिल, तेलुगू, बोड़ो, डोगरी, बंगाली और गुजराती है।

वर्तमान में सभी 22 भाषाओं को आधिकारिक भाषा का दर्जा प्राप्त है। 2010 में गुजरात उच्च न्यायालय ने भी सभी भाषाओं को समान अधिकार के साथ रखने की बात की थी, हालांकि न्यायालयों और कई स्थानों में केवल अंग्रेजी भाषा को ही जगह दिया गया है।

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ