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'''ब्लूटूथ''' बेतार (वायरलेस) संचार के लिए एक [[संचार प्रोटोकॉल|प्रोटोकॉल]] है। मोबाइल फोन, लैपटॉप, संगणक, प्रिंटर, अंकीय (डिजिटल) कैमरा और वीडियो गेम जैसे उपकरण इसके माध्यम से एक दूसरे से जुड़ कर जानकारी विनिमय कर सकते हैं। जुड़ने के लिए उपकरण [[रेडियो तरंग|रेडियो तरंगों]] का उपयोग करते हैं। ब्लूटूथ को मूलत: संगणक से अन्य उपकरणों को जोड़ने वाले तारों (केबलों) की संख्या को कम करने के लिए विकसित किया गया था। ब्लूटूथ को अपेक्षाकृत कम दूरी यहाँ तक कि सिर्फ् कुछ मीटर के लिए ही इस्तेमाल किया जा सकता है।
'''ब्लूटूथ''' बेतार (वायरलेस) संचार के लिए एक [[संचार प्रोटोकॉल|प्रोटोकॉल]] है। मोबाइल फोन, लैपटॉप, संगणक, प्रिंटर, अंकीय (डिजिटल) कैमरा और वीडियो गेम जैसे उपकरण इसके माध्यम से एक दूसरे से जुड़ कर जानकारी विनिमय कर सकते हैं। जुड़ने के लिए उपकरण [[रेडियो तरंग|रेडियो तरंगों]] का उपयोग करते हैं। ब्लूटूथ को मूलत: संगणक से अन्य उपकरणों को जोड़ने वाले तारों (केबलों) की संख्या को कम करने के लिए विकसित किया गया था। ब्लूटूथ को अपेक्षाकृत कम दूरी यहाँ तक कि सिर्फ् कुछ मीटर के लिए ही इस्तेमाल किया जा सकता है।


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# इन्परारेड एक वनटू-वन टैक्नोलॉजी है। उदाहरणार्थ आप अपने डेस्कटॉप कम्प्यूटर और लैपटॉप कम्प्यूटर के बीच डाटा भेज सकते हैं लेकिन लैपटॉप कम्प्यूटर और पर्सनल डिजिटल असिस्टेंट (पी़डी़ए़) के बीच एक समय में डाटा नहीं भेज सकते है।
# इन्परारेड एक वनटू-वन टैक्नोलॉजी है। उदाहरणार्थ आप अपने डेस्कटॉप कम्प्यूटर और लैपटॉप कम्प्यूटर के बीच डाटा भेज सकते हैं लेकिन लैपटॉप कम्प्यूटर और पर्सनल डिजिटल असिस्टेंट (पी़डी़ए़) के बीच एक समय में डाटा नहीं भेज सकते है।
ब्ल्यूटूथ नामकरण
ब्ल्यूटूथ नामकरण
ब्ल्यूटूथ नाम 10वीं सदी के डेनमार्क के राजा हैराल्ड ब्ल्यूटूथ से लिया गया है। ब्ल्यूटूथ टैक्नोलॉजी के अन्वेषकों के अनुसार हैराल्ड ने राजनयिक अर्थात डिप्लोमेसी की एक चाल जिसके अंतर्गत युद्धरत दल या पार्टियों ने एक दूसरे से समझौता करना शुरू कर दिया और इसी प्रक्रिया ने ब्ल्यूटूथ को इस टैक्नोलॉजी के नाम के साथ दिया जिसके अंतर्गत विभिन्न प्रकार के उपकरण या युक्तियाँ आपस में बात/सूचनाओं का आदानप्रदान कर सकते हैं।
ब्ल्यूटूथ नाम 10वीं सदी के डेनमार्क के राजा हैराल्ड ब्ल्यूटूथ से लिया गया है। ब्ल्यूटूथ टैक्नोलॉजी के अन्वेषकों के अनुसार हैराल्ड ने राजनयिक अर्थात डिप्लोमेसी की एक चाल जिसके अंतर्गत युद्धरत दल या पार्टियों ने एक दूसरे से समझौता करना शुरू कर दिया और इसी प्रक्रिया ने ब्ल्यूटूथ को इस टैक्नोलॉजी के नाम के साथ दिया जिसके अंतर्गत विभिन्न प्रकार के उपकरण या युक्तियाँ आपस में बात/सूचनाओं का आदानप्रदान कर सकते हैं।

== ब्ल्यूटूथ टैक्नोलॉजी ==
== ब्ल्यूटूथ टैक्नोलॉजी ==
ब्ल्यूटूथ एक रेडियो और संचार प्रोटोकॉल है जिसका अभिकल्प या डिजाइन मुख्य रूप से निम्न पॉवर द्वारा 1 मीटर, 10 मीटर, 100 मीटर सीमा में सस्ते ट्रान्सरिसीवर वाली माइक्रोचिप्स (प्रत्येक उपकरण में लगाकर) के द्वारा किया गया है। ब्ल्यूटूथ टैक्नोलॉजी द्वारा ये उपकरण आपस में सीमा (रेंज) के अंदर एक दूसरे से संपर्क बना सकते हैं। ये उपकरण एक रेडियो संचार प्रणाली का प्रयग करते हैं इसलिए इन्हें लाइनऑफ-साइट में रहने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। यहां तक कि ये उपकरण विभिन्न कमरों में स्थित हो सकते हैं तथा यह संपर्क प्रणाली तब तक कार्यशील रहती है जब तक कि अभिगरहित शक्ति या पावर पयार्प्त होती है। इसके कारण विभिन्न एन्टिना के अभिकल्प या डिजाइन, प्रेषण पथ क्षीणन या हरास और अन्य गणक तथा प्रेक्षित सीमाएँ या परास (रेंज) परिवर्तनशील हो जाती हैं। ब्ल्यूटूथ टैक्नोलॉजी के अन्तर्गत प्रेषण शक्ति या पॉवर किसी एक वर्ग में अवश्य हो, जो सारणी 3 में दर्शाए गए है। ब्ल्यूटूथ टैक्नोलॉजी में ऊर्जा की खपत काफी कम है। ब्ल्यूटूथ टैक्नोलॉजी प्रेषीय या ट्रांसमीटर की ऊर्जा आवश्यकतानुसार सीमित कर देती है। सिग्नल की ताकत रेंज के अनुसार परिवर्तित (कम/ज्यादा) हो जाती है। अगर आंकड़ो से तुलना की जाएँ तो एक ब्ल्यूटूथ युक्ति किसी भी अन्य मोबाइल फोन से 3 प्रतिशत कम ऊर्जा का उपयोग करती है।
ब्ल्यूटूथ एक रेडियो और संचार प्रोटोकॉल है जिसका अभिकल्प या डिजाइन मुख्य रूप से निम्न पॉवर द्वारा 1 मीटर, 10 मीटर, 100 मीटर सीमा में सस्ते ट्रान्सरिसीवर वाली माइक्रोचिप्स (प्रत्येक उपकरण में लगाकर) के द्वारा किया गया है। ब्ल्यूटूथ टैक्नोलॉजी द्वारा ये उपकरण आपस में सीमा (रेंज) के अंदर एक दूसरे से संपर्क बना सकते हैं। ये उपकरण एक रेडियो संचार प्रणाली का प्रयग करते हैं इसलिए इन्हें लाइनऑफ-साइट में रहने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। यहां तक कि ये उपकरण विभिन्न कमरों में स्थित हो सकते हैं तथा यह संपर्क प्रणाली तब तक कार्यशील रहती है जब तक कि अभिगरहित शक्ति या पावर पयार्प्त होती है। इसके कारण विभिन्न एन्टिना के अभिकल्प या डिजाइन, प्रेषण पथ क्षीणन या हरास और अन्य गणक तथा प्रेक्षित सीमाएँ या परास (रेंज) परिवर्तनशील हो जाती हैं। ब्ल्यूटूथ टैक्नोलॉजी के अन्तर्गत प्रेषण शक्ति या पॉवर किसी एक वर्ग में अवश्य हो, जो सारणी 3 में दर्शाए गए है। ब्ल्यूटूथ टैक्नोलॉजी में ऊर्जा की खपत काफी कम है। ब्ल्यूटूथ टैक्नोलॉजी प्रेषीय या ट्रांसमीटर की ऊर्जा आवश्यकतानुसार सीमित कर देती है। सिग्नल की ताकत रेंज के अनुसार परिवर्तित (कम/ज्यादा) हो जाती है। अगर आंकड़ो से तुलना की जाएँ तो एक ब्ल्यूटूथ युक्ति किसी भी अन्य मोबाइल फोन से 3 प्रतिशत कम ऊर्जा का उपयोग करती है।

17:25, 12 जनवरी 2018 का अवतरण

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चित्र:SumanBluetooth headset.jpg
एक ब्लूटूथ हैडसेट मोबाइल फोन से जोड़ने के लिए
यूएसबी एडेप्टर

ब्लूटूथ बेतार (वायरलेस) संचार के लिए एक प्रोटोकॉल है। मोबाइल फोन, लैपटॉप, संगणक, प्रिंटर, अंकीय (डिजिटल) कैमरा और वीडियो गेम जैसे उपकरण इसके माध्यम से एक दूसरे से जुड़ कर जानकारी विनिमय कर सकते हैं। जुड़ने के लिए उपकरण रेडियो तरंगों का उपयोग करते हैं। ब्लूटूथ को मूलत: संगणक से अन्य उपकरणों को जोड़ने वाले तारों (केबलों) की संख्या को कम करने के लिए विकसित किया गया था। ब्लूटूथ को अपेक्षाकृत कम दूरी यहाँ तक कि सिर्फ् कुछ मीटर के लिए ही इस्तेमाल किया जा सकता है।

ब्लूटूथ के लिए कई मानक हैं। आंकडे़ प्रसार दरें बदलती रहती हैं। वर्तमान में यह दर प्रति सेकंड 1-3 MBit पर हैं। आम तौर पर ब्लूटूथ अनुप्रयोग का उपयोग एक हेडसेट को मोबाइल फोन या एक कंप्यूटर माउस, कुंजीपटल या मुद्रक (प्रिंटर) को कंप्यूटर से जोड़ने के लिए किया जाता है। ब्ल्यूटूथ, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे पर्सनल डिजिटल असिस्टेंट (पीडीए), मोबाइल फोन, लैपटॉप, पर्सनल कम्प्यूटर, पिरन्टर, डिजिटल कैमरा और वीडियो गेम कन्सोल इत्यादि को जोड़ने एवं सूचनाओं को आदानप्रदान करने का एक तरीका प्रदान करता है। यह वास्तव में मूलरूप से एक नेटवर्किग मानक है जो दो स्तरों पर काम करता हैः

  1. प्रथम स्तर में यह भौतिक आधार पर रजामंदी (एगरीमेन्ट) प्रदान करता है,
  2. द्वितीय स्तर में यह प्रत्रोटोकॉल के आधार पर भी रजामंदी प्रदान करता है। द्वितीय स्तर में उपकरणों या उत्पादों को इस बात पर सहमत होना पड़ता है। कि बिट्सं का प्रेषण कब होता है। एक समय में कितनी बिट्स भेजी जाएंगी तथा विभिन्न पक्ष सूचनाओं के आदानप्रदान (कन्वसेर्शन) के दौरान कैसे सुनिश्चित कर सकते हैं कि अभिगरहित संदेश वहीं है जो भेजा गया है।

ब्ल्यूटूथ टैक्नोलॉजी की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह एक बेतार, सस्ती और स्वचालित टैक्नोलॉजी है। इस संदर्भ में अन्य तकनीकों का भी प्रयोग किया जा सकता है। इन तकनीकों में इन्परारेड संचार भी शामिल है। यद्यिप इन्परारेड संचार उपकरण काफी हद तक विश्वसनीय होते हैं और इनकी कीमत भी ज्यादा नहीं होती है लेकिन इनकी कुद खास कमियां भी है। ये कमियां हैं:

  1. इन्परारेड एक लाइनऑफ-साइट टैक्नोलॉजी है। उदाहरण के लिए हम टेलीविजन या डी़वी़डी प्लेयर के रिमोट को लेते हैं। टेलीविजन या डी़वी़डी़ प्लेयर को चलाने या बंद करने के लिए हमें रिमोट का केन्दर बिंदु उसी ओर करना पड़ेगा जिस और टेलीविजन या डी़वी़डी प्लेयर है
  2. इन्परारेड एक वनटू-वन टैक्नोलॉजी है। उदाहरणार्थ आप अपने डेस्कटॉप कम्प्यूटर और लैपटॉप कम्प्यूटर के बीच डाटा भेज सकते हैं लेकिन लैपटॉप कम्प्यूटर और पर्सनल डिजिटल असिस्टेंट (पी़डी़ए़) के बीच एक समय में डाटा नहीं भेज सकते है।

ब्ल्यूटूथ नामकरण ब्ल्यूटूथ नाम 10वीं सदी के डेनमार्क के राजा हैराल्ड ब्ल्यूटूथ से लिया गया है। ब्ल्यूटूथ टैक्नोलॉजी के अन्वेषकों के अनुसार हैराल्ड ने राजनयिक अर्थात डिप्लोमेसी की एक चाल जिसके अंतर्गत युद्धरत दल या पार्टियों ने एक दूसरे से समझौता करना शुरू कर दिया और इसी प्रक्रिया ने ब्ल्यूटूथ को इस टैक्नोलॉजी के नाम के साथ दिया जिसके अंतर्गत विभिन्न प्रकार के उपकरण या युक्तियाँ आपस में बात/सूचनाओं का आदानप्रदान कर सकते हैं।

ब्ल्यूटूथ टैक्नोलॉजी

ब्ल्यूटूथ एक रेडियो और संचार प्रोटोकॉल है जिसका अभिकल्प या डिजाइन मुख्य रूप से निम्न पॉवर द्वारा 1 मीटर, 10 मीटर, 100 मीटर सीमा में सस्ते ट्रान्सरिसीवर वाली माइक्रोचिप्स (प्रत्येक उपकरण में लगाकर) के द्वारा किया गया है। ब्ल्यूटूथ टैक्नोलॉजी द्वारा ये उपकरण आपस में सीमा (रेंज) के अंदर एक दूसरे से संपर्क बना सकते हैं। ये उपकरण एक रेडियो संचार प्रणाली का प्रयग करते हैं इसलिए इन्हें लाइनऑफ-साइट में रहने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। यहां तक कि ये उपकरण विभिन्न कमरों में स्थित हो सकते हैं तथा यह संपर्क प्रणाली तब तक कार्यशील रहती है जब तक कि अभिगरहित शक्ति या पावर पयार्प्त होती है। इसके कारण विभिन्न एन्टिना के अभिकल्प या डिजाइन, प्रेषण पथ क्षीणन या हरास और अन्य गणक तथा प्रेक्षित सीमाएँ या परास (रेंज) परिवर्तनशील हो जाती हैं। ब्ल्यूटूथ टैक्नोलॉजी के अन्तर्गत प्रेषण शक्ति या पॉवर किसी एक वर्ग में अवश्य हो, जो सारणी 3 में दर्शाए गए है। ब्ल्यूटूथ टैक्नोलॉजी में ऊर्जा की खपत काफी कम है। ब्ल्यूटूथ टैक्नोलॉजी प्रेषीय या ट्रांसमीटर की ऊर्जा आवश्यकतानुसार सीमित कर देती है। सिग्नल की ताकत रेंज के अनुसार परिवर्तित (कम/ज्यादा) हो जाती है। अगर आंकड़ो से तुलना की जाएँ तो एक ब्ल्यूटूथ युक्ति किसी भी अन्य मोबाइल फोन से 3 प्रतिशत कम ऊर्जा का उपयोग करती है।

ब्ल्यूटूथ टैक्नोलॉजी विनिर्देश और विशेषताएँ

ब्ल्यूटूथ विनिर्देशन का विकास पहली बार 1994 में हार्टसन द्वारा किया गया, जो उस समय एरिक्सन (नीद्रलैंड में एम्मेन स्थान पर स्थिति) रेडियो प्रणाली पर कार्य कर रहे थे। इन विनिदेशों को ब्ल्यूटूथ स्पेशल इंन्ट्रेस्ट ग्रूप् (एस़आई़जी) द्वारा औपचारिक बनाया गया। एस आई जी का गठन 20 मई 1999 को किया गया। इसकी स्थापना एरिक्सन, एरिक्सन सोनी, आई बी एम, इन्टेल, तोशिबा और नोकिया द्वारा किया गया ब्ल्यूटूथ टैक्नोलॉजी आई़ई़ई़ई802़ 15़1 के नाम से भी जानी जाती है।