"राग गौड़सारङ्ग": अवतरणों में अंतर
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'''गौड़ सारंग''', [[भारतीय संगीत]] का एक [[राग]] है। इसके गायन का समय दोपहर (मध्याह्न काल) है। |
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'''ठाठ''' - कल्याण (मतान्तर में कई लोग इसे विलावल ठाठ से उत्पन्न भी मानते हैं) |
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* तीव्र म का अल्प प्रयोग केवल आरोह में प के साथ ही होता है। |
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* नि का प्रयोग भी अल्प है। |
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* ' प रे' स्वर संगति का बहुतायत से प्रयोग किया जाता है। |
* ' प रे' स्वर संगति का बहुतायत से प्रयोग किया जाता है। |
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==सन्दर्भ== |
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==बाहरी कड़ियाँ== |
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*[http://bharatiya-sangeet.blogspot.in/2016/09/blog-post.html राग गौड़ सारंग] |
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[[श्रेणी:राग]] |
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05:46, 25 दिसम्बर 2017 का अवतरण
गौड़ सारंग, भारतीय संगीत का एक राग है। इसके गायन का समय दोपहर (मध्याह्न काल) है।
ठाठ - कल्याण (मतान्तर में कई लोग इसे विलावल ठाठ से उत्पन्न भी मानते हैं)
वादी - ग
संवादी- ध
जाति- सम्पूर्ण (*वक्र सम्पूर्ण- अर्थात आरोह व अवरोह में सभी स्वरों का प्रयोग *वक्र होता है)
- विशेषताएं -
- तीव्र म का अल्प प्रयोग केवल आरोह में प के साथ ही होता है।
- नि का प्रयोग भी अल्प है।
- ' प रे' स्वर संगति का बहुतायत से प्रयोग किया जाता है।