"सिवनी ज़िला": अवतरणों में अंतर
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सिवनी जिले का गठन 1 नवम्बर 1956 में प्राथमिक रूप से जनजातीय बहुल जिले के रूप में किया गया। |
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सिवनी जिले का नाम सेओना नामक वृक्ष के नाम पर किया गया। यह वृक्ष इस जिले में बहुतायत में पाया जाता है। |
सिवनी जिले का नाम सेओना नामक वृक्ष के नाम पर किया गया। यह वृक्ष इस जिले में बहुतायत में पाया जाता है। |
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इस वृक्ष का उपयोग ढोलक बनाने में किया जाता है। यह जिला सतपुड़ा पर्वत के उत्तर-दक्षिण में स्थित |
इस वृक्ष का उपयोग ढोलक बनाने में किया जाता है। यह जिला सतपुड़ा पर्वत के उत्तर-दक्षिण में स्थित हैं।यह जिला इमारती लकड़ी का मुख्य स्रोत है। सागौन इस जिले में मुख्य रूप से पाया जाता है। |
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[[सिवनी जिला]] मुख्यालय नागपुर-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 7 और जबलपुर नागपुर के बीच स्थित है। |
[[सिवनी जिला]] मुख्यालय नागपुर-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 7 और जबलपुर नागपुर के बीच स्थित है। |
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जिले का कुल क्षेत्रफल 8785 वर्ग कि.मी.. है। |
जिले का कुल क्षेत्रफल 8785 वर्ग कि.मी.. है। |
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इस जिले को 4 राजस्व सबडिवीजन सिवनी, लखनादौन, केवलारी, घंसौर और 8 तहसील |
इस जिले को 4 राजस्व सबडिवीजन सिवनी, लखनादौन, केवलारी, घंसौर और 8 तहसील में बांटा गया है, जिसमे |
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#सिवनी |
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#[[लखनादौन]] |
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जिले की विधानसभा |
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#[[लखनादौन]] |
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जिले के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है। |
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यह के पड़ोसी जिले उत्तर दिश की ओर [[जबलपुर]],मंडला, नरसिँहपुर जिले है पूर्व दिशा कि ओर [[बालाघाट जिला]] पश्चिम दिश की ओर [[छिंदवाड़ा ज़िला]] और दक्षिण दिशा कि ओर [[नागपुर]] |
यह के पड़ोसी जिले उत्तर दिश की ओर [[जबलपुर]],मंडला, नरसिँहपुर जिले है पूर्व दिशा कि ओर [[बालाघाट जिला]] पश्चिम दिश की ओर [[छिंदवाड़ा ज़िला]] और दक्षिण दिशा कि ओर [[नागपुर]] हैं। |
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यहां से 30 कि॰मी॰ दूर नागपुर मार्ग पर मप्र पर्यटन विकास निगम का एक होटल भी है जिसका रेस्टारेंट सागौन के पत्तों से बना हुआ है। |
यहां से 30 कि॰मी॰ दूर नागपुर मार्ग पर मप्र पर्यटन विकास निगम का एक होटल भी है जिसका रेस्टारेंट सागौन के पत्तों से बना हुआ है। |
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== दलसागर तालाब == |
== दलसागर तालाब == |
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शासकीय बस स्टेंड से कुछ दूरी पर बाएँ तरफ है। यहां तालाब के बीच में टापू बना है। तालाब राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे लगभग 50 एकड भू क्षेत्र में फैला है। तालाब के किनारे सुन्दर घाट, चौपाटी, स्वच्छ परिसर एवं बीचों बीच वन टापू पर हरे भरे खूबसूरत पेड लगे |
शासकीय बस स्टेंड से कुछ दूरी पर बाएँ तरफ है। यहां तालाब के बीच में टापू बना है। तालाब राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे लगभग 50 एकड भू क्षेत्र में फैला है। तालाब के किनारे सुन्दर घाट, चौपाटी, स्वच्छ परिसर एवं बीचों बीच वन टापू पर हरे भरे खूबसूरत पेड लगे हैं। नौकाविहार की सुविधापूर्ण व्यवस्था होने के कारण यह एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हुआ है। यह जिले की एक ऐतिहासिक धरोहर तथा सिवनी नगर की पहचान है। |
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== [[वैनगंगा नदी]]== |
== [[वैनगंगा नदी]]== |
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यहां मध्यप्रदेश की एक प्रमुख नदी है [[वैनगंगा नदी]] सिवनी जिले की जीवनधारा के रूप में जानी जाती है। इस नदी का उद्गम स्थल गोपालगंज से लगभग 6 कि.मी. पूर्वी दिशा में ग्राम मुंडारा |
यहां मध्यप्रदेश की एक प्रमुख नदी है [[वैनगंगा नदी]] सिवनी जिले की जीवनधारा के रूप में जानी जाती है। इस नदी का उद्गम स्थल गोपालगंज से लगभग 6 कि.मी. पूर्वी दिशा में ग्राम मुंडारा में हुआ है।एशिया का सबसे बड़ा मिट्टी से निर्मित [[भीमगढ संजय सरोवर बांध]] हैं यहाँ बाँध [[वैनगंगा नदी]] पर जिले के [[छपारा]] ब्लाक के अंतर्गत भीमगढ़ में बना हुआ है। यह नदी सिवनी की अर्द्व परिक्रमा करती हुई लखनवाड़ा दिघोरी [[बंडोल]] [[छपारा]] होते हुए [[बालाघाट जिला]], भंडारा तथा चांदा जिले से बहती हुई [[वैनगंगा नदी]] वर्धा नदी में मिल जाती है। आगे जाकर कन्हान,बावनथडी तथा [[पेंच नदी]] भी [[वैनगंगा नदी]] से मिल जाती है वर्धा,कन्हान,[[पेंच नदी]],तथा बावनथडी इसकी सहायक नदीयाँ है। |
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आगे जाकर वैनगंगा नदी भी [[गोदावरी नदी]] में मिल जाती |
आगे जाकर वैनगंगा नदी भी [[गोदावरी नदी]] में मिल जाती हैं। इस प्रकार ये नदी गोदावरी नदी जैसी महानदी मैं मिलकर अपना उद्देशय पूर्ण कर लेती हैं। |
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==पेंच राष्ट्रीय उद्यान== |
==पेंच राष्ट्रीय उद्यान== |
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जिले का मुख्य आकर्षण पेंच टाइगर सेंचुरी है जो [[जबलपुर]] से 192 और [[नागपुर]] से 92 कि॰मी॰ की दूरी पर है। |
जिले का मुख्य आकर्षण पेंच टाइगर सेंचुरी है जो [[जबलपुर]] से 192 और [[नागपुर]] से 92 कि॰मी॰ की दूरी पर है। |
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इसके पयर्टन का उत्कृष्ट मौसम मार्च से जून है। |
इसके पयर्टन का उत्कृष्ट मौसम मार्च से जून है। |
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राष्ट्रीय उद्यान की शुरूआत 1 अक्टूबर से और बंद 30 जून को होता |
राष्ट्रीय उद्यान की शुरूआत 1 अक्टूबर से और बंद 30 जून को होता हैं। मौसमः मार्च से जून |
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[[पेंच राष्ट्रीय उद्यान]] |
[[पेंच राष्ट्रीय उद्यान]] |
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757.85 किलोमीटर पर फैला है यह बफर जोन के अन्तर्गत आता है [[पेंच नदी]] इसी राष्ट्रीय उद्यान से होकर गई जिससे जंगली जानवर के लिए ये नदी जीवनदायनी से कम |
757.85 किलोमीटर पर फैला है यह बफर जोन के अन्तर्गत आता है [[पेंच नदी]] इसी राष्ट्रीय उद्यान से होकर गई जिससे जंगली जानवर के लिए ये नदी जीवनदायनी से कम नहीं हैं। इस बाघ अभ्यारण में बाघ, नीलगाय, बारहसिंगा, हिरन, मोर, बन्दर, काले हिरन, सांभर, जंगली सुअर, सोनकुत्ता एवं अन्य जानवर तथा अनेक प्रकार के पक्षी बहुतायत में पाये जाते है। खासकर बाघ को देखेने पर्यटक दूर दूर से आते हैं। |
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== मोँगली लैँड == |
== मोँगली लैँड == |
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[[नोबेल पुरस्कार]] विजेता [[रुडयार्ड किपलिंग]] जब भारत लौटे और लगभग अगले साढ़े छह साल तक यहीं रह कर काम किया।लिखी गयी कहानी [[द जंगल बुक]] जंगल बुक के कथानक में मोगली नामक एक बालक है जो जंगल |
[[नोबेल पुरस्कार]] विजेता [[रुडयार्ड किपलिंग]] जब भारत लौटे और लगभग अगले साढ़े छह साल तक यहीं रह कर काम किया।लिखी गयी कहानी [[द जंगल बुक]] जंगल बुक के कथानक में मोगली नामक एक बालक है जो जंगल में खो जाता है और उसका पालन पोषण भेड़ियों का एक झुंड करता है, अंत में वह गाँव में लौट जाता है। |
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इसलिए इस जिले को मोंगली लैँड के नाम से भी जाना जाता है। |
इसलिए इस जिले को मोंगली लैँड के नाम से भी जाना जाता है। |
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== नवरात्र उत्सव == |
== नवरात्र उत्सव == |
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जिले में चैत्र और शारदीय नवरात्री बड़े ही उत्साह और धूमधाम से मानाया जाता है शारदीय नवरात्री में विशेष अकर्षण का केन्द्र यह की भव्य झाँकियाँ होती है यह नौ दिन पूरा शहर लाइटो से जगमगा जाता है दूर - दूर से लोग इन भव्य झांकियो को देखने आते |
जिले में चैत्र और शारदीय नवरात्री बड़े ही उत्साह और धूमधाम से मानाया जाता है शारदीय नवरात्री में विशेष अकर्षण का केन्द्र यह की भव्य झाँकियाँ होती है यह नौ दिन पूरा शहर लाइटो से जगमगा जाता है दूर - दूर से लोग इन भव्य झांकियो को देखने आते हैं और दशहरा के दिन रावण का पुतला दहन के साथ ही यह आयोजन समाप्त होता हैं। |
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== दर्शनीय स्थल == |
== दर्शनीय स्थल == |
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* दलसागर तालाब |
* दलसागर तालाब |
12:53, 20 नवम्बर 2017 का अवतरण
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सिवनी जिला Seoni | |||||||
— शहर — | |||||||
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |||||||
देश | भारत | ||||||
राज्य | मध्य प्रदेश | ||||||
ज़िला | सिवनी | ||||||
कलेक़्टर गोपाल चन्द्र डाड
(आई.ए.एस.) |
नगरपालिका अध्यक्ष आरती शुक्ला | विधायक दिनेश राय मुनमुन | सांसद सिवनी/ बालाघाट बोधसिँह भगत | संभाग - जबलपुर | |||
---|---|---|---|---|---|---|---|
जनसंख्या | 102,343 (2011 के अनुसार [update]) | ||||||
आधिकारिक भाषा(एँ) | हिन्दी | ||||||
क्षेत्रफल • ऊँचाई (AMSL) |
• 611 मीटर( 2,005 फीट) मीटर | ||||||
विभिन्न कोड
|
निर्देशांक: 22°05′N 79°32′E / 22.08°N 79.53°E
सिवनी जिले का गठन 1 नवम्बर 1956 में प्राथमिक रूप से जनजातीय बहुल जिले के रूप में किया गया। सिवनी जिले का नाम सेओना नामक वृक्ष के नाम पर किया गया। यह वृक्ष इस जिले में बहुतायत में पाया जाता है। इस वृक्ष का उपयोग ढोलक बनाने में किया जाता है। यह जिला सतपुड़ा पर्वत के उत्तर-दक्षिण में स्थित हैं।यह जिला इमारती लकड़ी का मुख्य स्रोत है। सागौन इस जिले में मुख्य रूप से पाया जाता है। सिवनी जिला मुख्यालय नागपुर-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 7 और जबलपुर नागपुर के बीच स्थित है। जिले का कुल क्षेत्रफल 8785 वर्ग कि.मी.. है। इस जिले को 4 राजस्व सबडिवीजन सिवनी, लखनादौन, केवलारी, घंसौर और 8 तहसील में बांटा गया है, जिसमे
जिले की विधानसभा
जिले के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है। यह के पड़ोसी जिले उत्तर दिश की ओर जबलपुर,मंडला, नरसिँहपुर जिले है पूर्व दिशा कि ओर बालाघाट जिला पश्चिम दिश की ओर छिंदवाड़ा ज़िला और दक्षिण दिशा कि ओर नागपुर हैं। यहां से 30 कि॰मी॰ दूर नागपुर मार्ग पर मप्र पर्यटन विकास निगम का एक होटल भी है जिसका रेस्टारेंट सागौन के पत्तों से बना हुआ है।
दलसागर तालाब
शासकीय बस स्टेंड से कुछ दूरी पर बाएँ तरफ है। यहां तालाब के बीच में टापू बना है। तालाब राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे लगभग 50 एकड भू क्षेत्र में फैला है। तालाब के किनारे सुन्दर घाट, चौपाटी, स्वच्छ परिसर एवं बीचों बीच वन टापू पर हरे भरे खूबसूरत पेड लगे हैं। नौकाविहार की सुविधापूर्ण व्यवस्था होने के कारण यह एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हुआ है। यह जिले की एक ऐतिहासिक धरोहर तथा सिवनी नगर की पहचान है।
वैनगंगा नदी
यहां मध्यप्रदेश की एक प्रमुख नदी है वैनगंगा नदी सिवनी जिले की जीवनधारा के रूप में जानी जाती है। इस नदी का उद्गम स्थल गोपालगंज से लगभग 6 कि.मी. पूर्वी दिशा में ग्राम मुंडारा में हुआ है।एशिया का सबसे बड़ा मिट्टी से निर्मित भीमगढ संजय सरोवर बांध हैं यहाँ बाँध वैनगंगा नदी पर जिले के छपारा ब्लाक के अंतर्गत भीमगढ़ में बना हुआ है। यह नदी सिवनी की अर्द्व परिक्रमा करती हुई लखनवाड़ा दिघोरी बंडोल छपारा होते हुए बालाघाट जिला, भंडारा तथा चांदा जिले से बहती हुई वैनगंगा नदी वर्धा नदी में मिल जाती है। आगे जाकर कन्हान,बावनथडी तथा पेंच नदी भी वैनगंगा नदी से मिल जाती है वर्धा,कन्हान,पेंच नदी,तथा बावनथडी इसकी सहायक नदीयाँ है। आगे जाकर वैनगंगा नदी भी गोदावरी नदी में मिल जाती हैं। इस प्रकार ये नदी गोदावरी नदी जैसी महानदी मैं मिलकर अपना उद्देशय पूर्ण कर लेती हैं।
पेंच राष्ट्रीय उद्यान
जिले का मुख्य आकर्षण पेंच टाइगर सेंचुरी है जो जबलपुर से 192 और नागपुर से 92 कि॰मी॰ की दूरी पर है। इसके पयर्टन का उत्कृष्ट मौसम मार्च से जून है। राष्ट्रीय उद्यान की शुरूआत 1 अक्टूबर से और बंद 30 जून को होता हैं। मौसमः मार्च से जून पेंच राष्ट्रीय उद्यान 757.85 किलोमीटर पर फैला है यह बफर जोन के अन्तर्गत आता है पेंच नदी इसी राष्ट्रीय उद्यान से होकर गई जिससे जंगली जानवर के लिए ये नदी जीवनदायनी से कम नहीं हैं। इस बाघ अभ्यारण में बाघ, नीलगाय, बारहसिंगा, हिरन, मोर, बन्दर, काले हिरन, सांभर, जंगली सुअर, सोनकुत्ता एवं अन्य जानवर तथा अनेक प्रकार के पक्षी बहुतायत में पाये जाते है। खासकर बाघ को देखेने पर्यटक दूर दूर से आते हैं।
मोँगली लैँड
नोबेल पुरस्कार विजेता रुडयार्ड किपलिंग जब भारत लौटे और लगभग अगले साढ़े छह साल तक यहीं रह कर काम किया।लिखी गयी कहानी द जंगल बुक जंगल बुक के कथानक में मोगली नामक एक बालक है जो जंगल में खो जाता है और उसका पालन पोषण भेड़ियों का एक झुंड करता है, अंत में वह गाँव में लौट जाता है। इसलिए इस जिले को मोंगली लैँड के नाम से भी जाना जाता है।
नवरात्र उत्सव
जिले में चैत्र और शारदीय नवरात्री बड़े ही उत्साह और धूमधाम से मानाया जाता है शारदीय नवरात्री में विशेष अकर्षण का केन्द्र यह की भव्य झाँकियाँ होती है यह नौ दिन पूरा शहर लाइटो से जगमगा जाता है दूर - दूर से लोग इन भव्य झांकियो को देखने आते हैं और दशहरा के दिन रावण का पुतला दहन के साथ ही यह आयोजन समाप्त होता हैं।
दर्शनीय स्थल
- दलसागर तालाब
- दिगम्बर जैन मंदिर
- मां वैष्णव देवी जी का मंदिर सिलादेही
- वैनगंगा नदी का उद्गम स्थल मुंडारा
- कातलबोडी
- सांई मंदिर नगझर
- दिघोरी
- हनुमान मंदिर जाम
- कात्यायनी सिध्दपीठ बंडोल
- भीमगढ बांध छपारा
- मां बंजारी देवीजी का मंदिर छपारा
- श्री शिवधाम मठघोघरा
- मां अम्बामाई देवीजी का मंदिर आमागढ
- अमोदागढ छुई
- पेंच राष्ट्रीय उद्यान कर्माझिरी
- रिछारिया बाबाजी का मंदिर धनौरा
- पायली रेस्ट हाउस घंसौर
- शनि मंदिर पलारी
जनसांख्यिकी
सन् 2001 की जनगणना के अनुसार जिले की जनसंख्या 1166608 है। जिसमें 1045921 ग्रामीण एवं 120687 शहरी जनसंख्या है। जिले में 429104 अनुसूचित जनजाति के लोग है।