"ट्रांजिस्टर": अवतरणों में अंतर

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|[[चित्र:BJT symbol NPN.svg|45px|center]]||[[चित्र:BJT symbol PNP.svg|45px|center]]||[[चित्र:JFET N-Channel Labelled.svg|center]]||[[चित्र:JFET P-Channel Labelled.svg|center]]
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|NPN-ट्रांजिस्टर||PNP-ट्रांजिस्टर||n-चैनेल जेफेट||p-चैनेल जेफेट
|NPN-Transistor||PNP-Transistor||JFET||IGFET
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07:02, 15 नवम्बर 2017 का अवतरण

अलग-अलग रेटिंग के कुछ प्रथनक

ट्रान्जिस्टर (प्रथनक) एक अर्धचालक युक्ति है जिसे मुख्यतः प्रवर्धक (Amplifier) के रूप में प्रयोग किया जाता है। कुछ लोग इसे बीसवीं शताब्दी की सबसे महत्वपूर्ण खोज मानते हैं।

ट्रान्जिस्टर का उपयोग अनेक प्रकार से होता है। इसे प्रवर्धक, स्विच, वोल्टेज नियामक (रेगुलेटर), संकेत न्यूनाधिक (सिग्नल माडुलेटर), थरथरानवाला (आसिलेटर) आदि के रूप में काम में लाया जाता है। पहले जो कार्य ट्रायोड से किये जाते थे वे अधिकांशत: अब ट्रान्जिस्टर के द्वारा किये जाते हैं।

प्रकार

ट्रांजिस्टर दो प्रकार के होते हैं।

(1) एनपीएन (NPN)
(2) पीएनपी (PNP)
  • फिल्ड इफेक्ट ट्रांजिस्टर या फेट (FET)
(1) जेफेट (JFET)
(2) मॉसफेट (MOSFET)
NPN-ट्रांजिस्टर PNP-ट्रांजिस्टर n-चैनेल जेफेट p-चैनेल जेफेट

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