"विद्युत ऊर्जा": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
छो 117.229.40.9 (Talk) के संपादनों को हटाकर 106.210.158.109 के आखिरी अवतरण को पूर्ववत...
पंक्ति 37: पंक्ति 37:
: <math>W = R\cdot i^2\cdot t</math>
: <math>W = R\cdot i^2\cdot t</math>
यहाँ <math>W</math> [[जूल]] में, <math>R</math> [[ओम]] में, <math>i</math> [[अम्पीयर]] में तथा <math>t</math> [[सेकेण्ड]] में है।
यहाँ <math>W</math> [[जूल]] में, <math>R</math> [[ओम]] में, <math>i</math> [[अम्पीयर]] में तथा <math>t</math> [[सेकेण्ड]] में है।

== सन्दर्भ ==urja


== देखें ==
== देखें ==
* [[विद्युत शक्ति]]
* [[विद्युत स्थितिज ऊर्जा]]
* [[ऊर्जा]]
* [[ऊर्जा]]
* [[शक्ति (भौतिकी)|शक्ति]]
* [[शक्ति (भौतिकी)|शक्ति]]
पंक्ति 49: पंक्ति 49:
== बाहरी कड़ियाँ ==
== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://business.gov.in/hindi/infrastructure/power.php विद्युत : मूल अधोसंरचना]
* [http://business.gov.in/hindi/infrastructure/power.php विद्युत : मूल अधोसंरचना]

==सन्दर्भ==
{{टिप्पणीसूची}}


[[श्रेणी:ऊर्जा]]
[[श्रेणी:ऊर्जा]]
पंक्ति 57: पंक्ति 54:
[[श्रेणी:विद्युत ऊर्जा| *]]
[[श्रेणी:विद्युत ऊर्जा| *]]


[[en:Electrical energy]]
[[en:Electric potential energy]]
[[es:Energía potencial electrostática]]
[[fa:انرژی پتانسیل الکتریکی]]
[[he:אנרגיה פוטנציאלית חשמלית]]
[[it:Energia potenziale elettrica]]
[[pt:Energia potencial elétrica]]
[[scn:Enirgia putinziali elettrica]]
[[tr:Elektriksel potansiyel enerji]]

15:27, 15 अक्टूबर 2017 का अवतरण

विद्युत ऊर्जा

विद्युत शक्ति एक प्रणाली के भीतर पारम्परिक आवेशित कणों के बीच कूलम्ब बल से जुडी़ स्थितिज ऊर्जा होती है। यहाँ अपरिमित स्थित कणों के बीच सन्दर्भित विभवीय ऊर्जा शून्य होती है।[1]:§25-1 इसकी परिभाषा है: कार्य की मात्रा, जो आवेशित भार रहित कणों पर लगायी जाये, जिससे वे अपरिमित दूरी से किसी निश्चित दूरी तक लाये जा सकें।

.

परिचय

विद्युत आधुनिक जीवन के सभी क्षेत्रों के लिए अनिवार्य आवश्‍यकता है और इसे मूल मानवीय आवश्‍यकता के रूप में माना गया है। यह महत्‍वपूर्ण मूल संरचना (इन्फ्रास्ट्रक्चर) है जिस पर देश का सामाजिक-आर्थिक विकास निर्भर करता है। प्रतिस्‍पर्धी दरों पर भरोसेमंद और गुणवत्‍ता विद्युत की उपलब्‍धता अर्थव्‍यवस्‍था के सभी क्षेत्रों के विकास को बनाए रखने के लिए बहुत ही महत्‍वपूर्ण है अर्थात प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक। यह घरेलू बाजारों को वैश्विक रूप से प्रतिस्‍पर्धी बनाने में सहायता करती है और इस प्रकार से लोगों का जीवन स्‍तर सुधारता है।

भारत में विद्युत ऊर्जा

भारत के संविधान के अंतर्गत बिजली समवर्ती सूची का विषय है जिसकी सातवीं अनुसूची की सूची iii में प्रविष्टि संख्‍या 38 है। भारत विश्‍व का छठा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्‍ता है जो विश्‍व के कुल ऊर्जा खपत का 3.5 प्रतिशत उपभोग करता है। तापीय, जल बिजली और नाभिकीय ऊर्जा भारत में बिजली उत्‍पादन के मुख्‍य स्रोत हैं। कुल संस्‍थापित विद्युत उत्‍पादन क्षमता 1,47,402.81 मेगावॉट (31 दिसम्‍बर, 2008 के अनुसार), रही है, जिसमें 93,392.64 मेगावॉट (थर्मल); 36,647.76 मेगावॉट (हाइड्रो); 4,120 मेगावॉट (न्‍यूक्लियर); और 13,242.41 मेगावॉट (अक्षय ऊर्जा स्रोत) शामिल हैं।

ऊर्जा एवं विद्युत धारा

शक्ति एवं ऊर्जा में सम्बन्ध

स्थायी अवस्था में, प्रदान की गई विद्युत ऊर्जा आवेश के समानुपाती होती है:

,

यहाँ W ऊर्जा (जूल में) है, Q आवेश (कूलॉम्ब में) तथा विभवान्तर (वोल्ट में) है।

इसमें , रखने पर (आव्श=धारा x समय):

,

जहाँ शक्ति (वाट में) तथा t समय (सेकेण्ड) में है।

मात्रक

किलोवाट-घण्टा (kWh) विद्युत ऊर्जा का सुविधाजनक मात्रक है जो बड़ी मात्रा में विद्युत ऊर्जा की मात्रा को अभिव्यत करने के लिए प्रयोग किया जाता है।

स्मरण रहे कि

जूलीय ऊर्जा

जूल के नियम के अनुसार किसी प्रतिरोध में धारा प्रवाहित करने पर प्रतिरोध में ऊष्मा के रूप में विद्युत ऊर्जा का क्षय होता है।

यदि प्रतिरोध में धारा प्रवाहित हो तो,

अतः

यहाँ जूल में, ओम में, अम्पीयर में तथा सेकेण्ड में है।

== सन्दर्भ ==urja

देखें

बाहरी कड़ियाँ

  1. Halliday, David (1997). Fundamentals of Physics (English में) (5th संस्करण). John Wiley & Sons. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-471-10559-7. नामालूम प्राचल |chaper= की उपेक्षा की गयी (मदद); नामालूम प्राचल |coauthors= की उपेक्षा की गयी (|author= सुझावित है) (मदद)सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)