"अरविन्द घोष": अवतरणों में अंतर

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'''अरविन्द घोष''' या '''श्री अरविन्द''' ([[बांग्ला]]: শ্রী অরবিন্দ, [[जन्म]]: १८७२, [[मृत्यु]]: १९५०) एक महान योगी एवं दार्शनिक थे। वे १५ अगस्त १८७२ को [[कलकत्ता]] में जन्मे थे। इनके पिता एक डाक्टरडॉक्टर थे। इन्होंने युवा अवस्था में स्वतन्त्रता संग्राम में क्रान्तिकारी के रूप में भाग लिया, किन्तु बाद में यह एक योगी बन गये और इन्होंने [[पांडिचेरी]] में एक आश्रम स्थापित किया। [[वेद]], [[उपनिषद]] ग्रन्थों आदि पर टीका लिखी। योग साधना पर मौलिक ग्रन्थ लिखे। उनका पूरे विश्व में [[दर्शन]] शास्त्र पर बहुत प्रभाव रहा है और उनकी साधना पद्धति के अनुयायी सब देशों में पाये जाते हैं। यह कवि भी थे और गुरु भी।
 
== प्रारम्भिक शिक्षा ==
गुमनाम सदस्य

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