"श्लेष अलंकार": अवतरणों में अंतर

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अतः यहाँ श्लेष अलंकार है।
अतः यहाँ श्लेष अलंकार है।


कनक कनक ते सौ गुना माद कता अधिकाय।<br />
जो पाये बौराय जग जो खाये बौराय।


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कनक कनक ते सौ गुना माद कता अधिकाय |
जो पाये बौराय जग जो खाये बौराय

06:25, 14 सितंबर 2017 का अवतरण

जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है पर उसके एक से अधिक अर्थ निकलते हैं तब श्लेष अलंकार होता है। उदाहरण -

रहिमन पानी राखिये,बिन पानी सब सून।
पानी गये न ऊबरै, मोती मानुष चून।।

यहाँ पानी का प्रयोग तीन बार किया गया है, किन्तु दूसरी पंक्ति में प्रयुक्त पानी शब्द के तीन अर्थ हैं - मोती के सन्दर्भ में पानी का अर्थ चमक या कान्ति मनुष्य के सन्दर्भ में पानी का अर्थ इज्जत (सम्मान) चूने के सन्दर्भ में पानी का अर्थ साधारण पानी(जल) है।

अतः यहाँ श्लेष अलंकार है।

कनक कनक ते सौ गुना माद कता अधिकाय।
जो पाये बौराय जग जो खाये बौराय।