"बलूचिस्तान (पाकिस्तान)": अवतरणों में अंतर
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बलूचिस्तान | |||
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प्रांत | |||
अस्तोला द्वीप | |||
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देश | पाकिस्तान | ||
स्थापित | 1 जुलाई 1970 | ||
राजधानी | क्वेटा | ||
सबसे बड़ा शहर | : क्वेटा | ||
शासन | |||
• प्रणाली | प्रांत | ||
• सभा | प्रांतीय विधानसभा | ||
• राज्यपाल | नवाब ज़ुल्फ़िकार अली मग्सी | ||
• मुख्यमंत्री | नवाब असलम रायसानी (PPP) | ||
क्षेत्र | 347190 किमी2 (1,34,050 वर्गमील) | ||
जनसंख्या (2005)[1] | |||
• कुल | 78,00,000 | ||
• घनत्व | 22 किमी2 (58 वर्गमील) | ||
समय मण्डल | PKT (यूटीसी+5) | ||
प्रमुख भाषाएं | |||
विधानसभा की सीटें | 65 | ||
जिले | 30 | ||
संघीय परिषदें | 86 | ||
वेबसाइट | balochistan.gov.pk |
बलूचिस्तान (उर्दू: بلوچستان) पाकिस्तान का पश्चिमी प्रांत है। बलूचिस्तान नाम का क्षेत्र बड़ा है और यह ईरान (सिस्तान व बलूचिस्तान प्रांत) तथा अफ़ग़ानिस्तान के सटे हुए क्षेत्रों में बँटा हुआ है। यहां की राजधानी क्वेटा है। यहाँ के लोगों की प्रमुख भाषा बलूच या बलूची के नाम से जानी जाती है। १९४४ में बलूचिस्तान के स्वतंत्रता का विचार जनरल मनी के विचार में आया था पर १९४७ में ब्रिटिश इशारे पर इसे पाकिस्तान में शामिल कर लिया गया। १९७० के दशक में एक बलूच राष्ट्रवाद का उदय हुआ जिसमें बलूचिस्तान को पाकिस्तान से स्वतंत्र करने की मांग उठी।[2]
यह प्रदेश पाकिस्तान के सबसे कम आबाद इलाकों में से एक है।
Provincial animal | Camel | |
---|---|---|
Provincial bird | MacQueen's bustard | |
Provincial tree | Date Palm | |
Provincial flower | Perovskia atriplicifolia | |
Provincial sport | Tent pegging |
इतिहास
इसके पूर्वी किनारे पर सिंधु घाटी सभ्यता का उद्भव हुआ। कुछ विद्वानों का मानना है कि सिंधु घाटी सभ्यता के मूल लोग बलूच ही थे। पर इसके साक्ष्य नगण्य हैं। सिंधु घाटी की लिपि को न पढ़े जाने के कारण संशय अब तक बना हुआ है। पर सिंधु सभ्यता के अवशेष आज के बलूचिस्तान में कम ही पाए जाते हैं।
बलूची लोगों का माना है कि उनका मूल निवास सीरिया के इलाके में थे और उनका मूल सेमेटिक (अफ़्रो-एशियाटिक) है। आज का दक्षिणी बलूचिस्तान ईरान के कामरान प्रांत का हिस्सा था जबकि उत्तर पूर्वी भाग सिस्तान का अंग। सन् 652 में मुस्लिम खलीफ़ा उमर ने कामरान पर आक्रमण के आदेश दिए और यह इस्लामी ख़िलाफ़त का अंग बन गया। पर उमर ने अपना साम्राज्य कामरान तक ही सीमित रखा। अली के खिलाफ़त में पूरा बलूचिस्तान, सिंधु नदी के पश्चिमी छोर तक, खिलाफत के तहत आ गया। इस समय एक और विद्रोह भी हुआ था। सन 663 में हुए विद्रोह में कलात राशिदुन खिलाफ़त के हाथ से निकल गया। बाद में उम्मयदों ने इसपर कब्जा कर लिया। इसके बाद यह मुगल हस्तक्षेप का भी विषय रहा पर अंत में ब्रिटिश शासन में शामिल हो गया। 1944 में इसे स्वतंत्र करने का विचार भी अंग्रेज़ों के मन में आया था पर 1947 में यह स्वतंत्र पाकिस्तान का अंग बन गया।
सत्तर के दशक में यहाँ पाकिस्तानी शासन के खिलाफ मुक्ति अभियान भी चला था जिसे कुचल दिया गया।
प्रशासनिक विभाग
इस प्रांत में 27 ज़िले हैं :
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इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ सन्दर्भ त्रुटि:
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का गलत प्रयोग;worldbankpop
नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है। - ↑ "Baluch nationalism, since its birth".
बाहरी कड़ियाँ
- Baloch Society of North America
- Balochvoice.com
- Balochwarna.org
- Balochtawar.net
- Globalsecurity.org - Baluchistan Insurgency
- A Cultural Anthropology of Baluchis (CAIS)
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