"सूचना प्रौद्योगिकी": अवतरणों में अंतर

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* [http://southernlibrarianship.icaap.org/content/v08n01/gupta_v01.htm Impact of Information Technology on Societal Development and E-Governance]
* [http://southernlibrarianship.icaap.org/content/v08n01/gupta_v01.htm Impact of Information Technology on Societal Development and E-Governance]
* [http://www.dfid.gov.uk/Pubs/files/ictpoverty.pdf The significance of information and communication technologies for reducing poverty]
* [http://www.dfid.gov.uk/Pubs/files/ictpoverty.pdf The significance of information and communication technologies for reducing poverty]
* [https://www.linkedin.com/pulse/importance-information-technology-todays-world-fnrsolutions-inc The Importance of Information Technology In Today's World]
* [http://www.panchjanya.com/dynamic/modules.php?name=Content&pa=showpage&pid=409&page=15 महिलाओं के लिए
*[https://www.linkedin.com/pulse/importance-information-technology-todays-world-fnrsolutions-inc The Importance of Information Technology In Today's World]


[[श्रेणी:सूचना प्रौद्योगिकी|*]]
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09:23, 10 मई 2017 का अवतरण

२००५ में विश्व के विभिन्न देशों में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी पर व्यय राशि (यूएसए की तुलना में)

सूचना प्रौद्योगिकी (en:information technology) आंकड़ों की प्राप्ति, सूचना (इंफार्मेशन) संग्रह, सुरक्षा, परिवर्तन, आदान-प्रदान, अध्ययन, डिजाइन आदि कार्यों तथा इन कार्यों के निष्पादन के लिये आवश्यक कंप्यूटर हार्डवेयर एवं साफ्टवेयर अनुप्रयोगों से सम्बन्धित है। सूचना प्रौद्योगिकी कंप्यूटर पर आधारित सूचना-प्रणाली का आधार है। सूचना प्रौद्योगिकी, वर्तमान समय में वाणिज्य और व्यापार का अभिन्न अंग बन गयी है। संचार क्रान्ति के फलस्वरूप अब इलेक्ट्रानिक संचार को भी सूचना प्रौद्योगिकी का एक प्रमुख घटक माना जाने लगा है और इसे सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (Information and Communication Technology, ICT) भी कहा जाता है। एक उद्योग के तौर पर यह एक उभरता हुआ क्षेत्र है।

कारक

  • अर्धचालक प्रौद्योगिकी : इंटीग्रेट परिपथों का लघुकरण, कम्प्यूटिंग शक्ति में वृद्धि, उन्नत क्षमता युक्त एकीकृत परिपथों का विकास
  • सूचना भण्डारण : आंकडा भण्डारण क्षमता में अत्यधिक वृद्धि हुई है।
  • नेटवर्किंग : प्रकाशीय तंतुओं (आप्टिकल फाइबर) का तकनीकी में अत्यधिक विकास होने के कारण नेटवर्किंग सस्ती, तेज और आसान हो गयी है।
  • साफ्टवेयर तकनीकी : नित नए-नए और उपयोगी साफ्टवेयरों के आने से सूचना प्रौद्योगिकी और अधिक उपयोगी बन गयी है।

सूचना प्रौद्योगिकी का महत्त्व

  • सूचना प्रौद्योगिकी, सेवा अर्थतंत्र (Service Economy) का आधार है।
  • पिछड़े देशों के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए सूचना प्रौद्योगिकी एक सम्यक तकनीकी (appropriate technology) है।
  • गरीब जनता को सूचना-सम्पन्न बनाकर ही निर्धनता का उन्मूलन किया जा सकता है।
  • सूचना-संपन्नता से सशक्तिकरण (empowerment) होता है।
  • सूचना तकनीक का प्रयोग योजना बनाने, नीति निर्धारण तथा निर्णय लेने में होता है।
  • यह नये रोजगारों का सृजन करती है।

सूचना प्रौद्योगिकी के विभिन्न घटक

कंप्यूटर हार्डवेयर प्रौद्योगिकी

इसके अन्तर्गत माइक्रो-कम्प्यूटर, सर्वर, बड़े मेनफ्रेम कम्प्यूटर के साथ-साथ इनपुट, आउटपुट एवं संग्रह (storage) करने वाली युक्तियाँ (devices) आतीं हैं।

कंप्यूटर साफ्टवेयर प्रौद्योगिकी

इसके अन्तर्गत प्रचालन प्रणाली (Operating System), वेब ब्राउजर, डेटाबेस प्रबन्धन प्रणाली (DBMS), सर्वर तथा व्यापारिक/वाणिज्यिक साफ्टवेयर आते हैं।

दूरसंचार व नेटवर्क प्रौद्योगिकी

इसके अन्तर्गत दूरसंचार के माध्यम, प्रक्रमक (Processor) तथा इंटरनेट से जुडने के लिये तार या बेतार पर आधारित साफ्टवेयर, नेटवर्क-सुरक्षा, सूचना का कूटन (क्रिप्टोग्राफी) आदि हैं।

मानव संसाधन

तंत्र प्रशासक (System Administrator), नेटवर्क प्रशासक (Network Administrator) आदि

सूचना प्रौद्योगिकी का प्रभाव

सूचना प्रौद्योगिकी ने पूरी धरती को एक गाँव बना दिया है। इसने विश्व की विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं को जोड़कर एक वैश्विक अर्थव्यवस्था को जन्म दिया है। यह नवीन अर्थव्यवस्था अधिकाधिक रूप से सूचना के रचनात्मक व्यवस्था व वितरण पर निर्भर है। इसके कारण व्यापार और वाणिज्य में सूचना का महत्व अत्यधिक बढ गया है। इसीलिए इस अर्थव्यवस्था को सूचना अर्थव्यवस्था (Information Economy) या ज्ञान अर्थव्यवस्था (Knowledge Economy) भी कहने लगे हैं। वस्तुओं के उत्पादन (manufacturing) पर आधारित परम्परागत अर्थव्यवस्था कमजोर पड़ती जा रही है और सूचना पर आधारित सेवा अर्थव्यवस्था (service economy) निरन्तर आगे बढती जा रही है।

सूचना क्रान्ति से समाज के सम्पूर्ण कार्यकलाप प्रभावित हुए हैं - शिक्षा (e-learning), स्वास्थ्य (e-health), व्यापार (e-commerce), प्रशासन, सरकार (e-govermance), उद्योग, अनुसंधान व विकास, संगठन, प्रचार, धर्म, आदि सब के सब क्षेत्रों में कायापलट हो गया है। आज का समाज सूचना समाज कहलाने लगा है।

सूचना प्रौद्योगिकी का भविष्य

सूचना के महत्व के साथ सूचना की सुरक्षा का महत्व भी बढ़ेगा। सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े कार्यों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, विशेष रूप से सूचना सुरक्षा एवं सर्वर के विशेषज्ञों की मांग बढ़ेगी।

इतिहास

सूचना प्रौद्योगिकी विभिन्न कालखण्डों में अपने समय की सूचना से सम्बन्धित समस्याओं (इन्पुट, प्रसंस्करण, आउटपुट, संचार आदि) को हल करने की जिम्मेदारी सम्भालती है। अतः इसके इतिहास को चार मूल कालखण्डों में बांटा जा सकता है-

(१) यांत्रिक युग के पूर्व (Premechanical)
(२) यांत्रिक युग (Mechanical)
(३) विद्युतयांत्रिक युग (Electromechanical), तथा
(४) एलेक्ट्रॉनिक युग (Electronic)

भारत में सूचना प्रौद्योगिकी

बाहरी कड़ियाँ