"महिला": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
No edit summary
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
यह भारतीय नारी के बारे में नहीं है
पंक्ति 24: पंक्ति 24:
*  [[क्वेशुआ लोग|क्वेशुआई]] माँ
*  [[क्वेशुआ लोग|क्वेशुआई]] माँ
}}}}
}}}}

'''नारी''' [[मानव]] की स्त्री को कहते हैं, जो [[नर]] का स्त्रीलिंग है। नारी शब्द मुख्यत: वयस्क स्त्रियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। कई संदर्भो मे मगर यह शब्द संपूर्ण स्त्री वर्ग को दर्शाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है, जैसे: नारी-अधिकार।
'''नारी''' [[मानव]] की स्त्री को कहते हैं, जो [[नर]] का स्त्रीलिंग है। नारी शब्द मुख्यत: वयस्क स्त्रियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। कई संदर्भो मे मगर यह शब्द संपूर्ण स्त्री वर्ग को दर्शाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है, जैसे: नारी-अधिकार।


पंक्ति 30: पंक्ति 29:
=== भारतीय नारी ===
=== भारतीय नारी ===
ऐतिहासिक तौर पर भारतीय नारी की भूमिका में काफ़ी फ़र्क आया है। परम्परागत तौर पर [[मध्य वर्ग]] में नारी की भूमिका घरेलू कामों से जुडी़ रहती थी जैसे कि बच्चों की देखभाल करना और ज़्यादातर औरतें पैसे कमाने नहीं जाती थीं। गरीब नारी में, खासकर के [[मेहनती वर्ग]] में पैसों की कमी की वजह से नारी को काम करना पडता था, हालांकि औरतों को दिये जाने वाले काम हमेशा मर्दों को दिये जाने वाले कामों से प्रतिष्ठा और पैसों दोनो में छोटे होते थे। धीरे-धीरे, घर की नारी का काम न करना धन और प्रतिष्ठा का प्रतीक माना जाने लगा जबकि नारी के काम करने का मतलब उस घर को निचले वर्ग का गिना जाता था। आरती वर्मा एक महान महिला /
ऐतिहासिक तौर पर भारतीय नारी की भूमिका में काफ़ी फ़र्क आया है। परम्परागत तौर पर [[मध्य वर्ग]] में नारी की भूमिका घरेलू कामों से जुडी़ रहती थी जैसे कि बच्चों की देखभाल करना और ज़्यादातर औरतें पैसे कमाने नहीं जाती थीं। गरीब नारी में, खासकर के [[मेहनती वर्ग]] में पैसों की कमी की वजह से नारी को काम करना पडता था, हालांकि औरतों को दिये जाने वाले काम हमेशा मर्दों को दिये जाने वाले कामों से प्रतिष्ठा और पैसों दोनो में छोटे होते थे। धीरे-धीरे, घर की नारी का काम न करना धन और प्रतिष्ठा का प्रतीक माना जाने लगा जबकि नारी के काम करने का मतलब उस घर को निचले वर्ग का गिना जाता था। आरती वर्मा एक महान महिला /

==== प्रमुख भारतीय नारियां ====

; अग्रणी महिलाएं------
* प्रथम महिला लडाकू--'''आरती वर्मा'''
* प्रथम महिला आई.ए.एस. -- '''अन्ना जार्ज'''
* ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त करने वाली प्रथम महिला -- '''अन्नपूर्णा देवी'''
* नौका से पूरे विश्व का चक्कर लगाने वाली भारतीय महिला -- '''उज्ज्वला पाटिल'''
* प्रथम भारतीय महिला सर्जन -- '''डॉ॰ प्रेमा मुखर्जी'''
* ओलम्पिक खेल में भाग लेने वाली प्रथम भारतीय महिला खिलाड़ी -- '''मेरी लीला रो'''
* एवरेस्ट पर दो बार पहुंचने वाली प्रथम महिला -- '''सन्तोष यादव'''
* भारतीय वायु सेना की पहली महिला पायलट -- '''हरिता कौर देयोल'''
* भारत की पहली महिला मुख्य चुनाव आयुक्त -- '''वी.एस. रमा देवी'''
* सबसे अधिक समय तक अन्तरिक्ष में रहने वाली महिला -- '''शैतोन लुसिड'''
* हिन्दू पदपातशाही के संस्थापक छत्रपति शिवाजी की मां -- '''[[जीजाबाई]]'''

; अन्य
* [[रानी लक्ष्मीबाई]]
* [[किरण बेदी]]
* [[लता मंगेशकर]]
* [[इंदिरा गांधी]]
* [[मदर टेरेसा]]
* [[वसुंधरा राजे सिंधिया]]
* [[सानिया मिर्ज़ा]]
* [[कल्पना चावला]]

== वर्तमान की नारी ==
आज नारी का योगदान हर क्षैत्र में है। उदाहरण के लिये:-
* विमान-समवाय के क्षैत्र में,
* शिक्षा के क्षैत्र में,
* बैंक व्यवसाय के क्षैत्र में,
* राजनीति में,
*यूद्ध क्षैत्र में,
* Sports

== नारियों के हित के लिए प्रमुख कानून ==
* [[महिलाओं का घरेलू उत्पीड़न]]- प्रोटेक्शन ऑफ विमेन फ्रोम द डोमेस्टिक वायलेंस एक्ट - २००५
* बेटियों का पारिवारिक सम्पति में बेटों के बराबर अधिकार


== बाहरी कडियाँ ==
== बाहरी कडियाँ ==

08:11, 7 मई 2017 का अवतरण

नारी
बाएँ से दाएँ:

नारी मानव की स्त्री को कहते हैं, जो नर का स्त्रीलिंग है। नारी शब्द मुख्यत: वयस्क स्त्रियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। कई संदर्भो मे मगर यह शब्द संपूर्ण स्त्री वर्ग को दर्शाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है, जैसे: नारी-अधिकार।

विभिन्न संस्कृतियों मे नारी

भारतीय नारी

ऐतिहासिक तौर पर भारतीय नारी की भूमिका में काफ़ी फ़र्क आया है। परम्परागत तौर पर मध्य वर्ग में नारी की भूमिका घरेलू कामों से जुडी़ रहती थी जैसे कि बच्चों की देखभाल करना और ज़्यादातर औरतें पैसे कमाने नहीं जाती थीं। गरीब नारी में, खासकर के मेहनती वर्ग में पैसों की कमी की वजह से नारी को काम करना पडता था, हालांकि औरतों को दिये जाने वाले काम हमेशा मर्दों को दिये जाने वाले कामों से प्रतिष्ठा और पैसों दोनो में छोटे होते थे। धीरे-धीरे, घर की नारी का काम न करना धन और प्रतिष्ठा का प्रतीक माना जाने लगा जबकि नारी के काम करने का मतलब उस घर को निचले वर्ग का गिना जाता था। आरती वर्मा एक महान महिला /

बाहरी कडियाँ