"वीरेन्द्र कुमार भट्टाचार्य": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो बॉट: अनुभाग एकरूपता। |
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो बॉट: वर्तनी एकरूपता। |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''वीरेन्द्र कुमार भट्टाचार्य''' ([[१ अप्रैल]], [[१९२४]]- [[६ अगस्त]], [[१९९७]]) [[ज्ञानपीठ पुरस्कार]] विजेता एवं बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे। [[समाजवाद|समाजवादी]] विचारों से प्रेरित श्री भट्टाचार्य [[कहानीकार]], [[कवि]], [[निबंधकार]] और [[पत्रकार]] थे। उन्होंने [[१९५०]] में संपादित असमी पत्रिका रामधेनु का संपादन कर [[असमिया साहित्य]] को नया मोड़ दिया। वे साहित्य अकादेमी दिल्ली और असम साहित्य सभा के अध्यक्ष रहे। इनके चर्चित उपन्यासों इयारूंगम, मृत्युंजय, राजपथे, रिंगियाई, आई, प्रितपद, शतघ्नी, कालर हुमुनियाहहैं। इनके दो कहानी संग्रह भी प्रकाशित हुए, कलंग आजियो बोइ और सातसरी।<ref>{{cite book |last= |first= |
'''वीरेन्द्र कुमार भट्टाचार्य''' ([[१ अप्रैल]], [[१९२४]]- [[६ अगस्त]], [[१९९७]]) [[ज्ञानपीठ पुरस्कार]] विजेता एवं बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे। [[समाजवाद|समाजवादी]] विचारों से प्रेरित श्री भट्टाचार्य [[कहानीकार]], [[कवि]], [[निबंधकार]] और [[पत्रकार]] थे। उन्होंने [[१९५०]] में संपादित असमी पत्रिका रामधेनु का संपादन कर [[असमिया साहित्य]] को नया मोड़ दिया। वे साहित्य अकादेमी दिल्ली और असम साहित्य सभा के अध्यक्ष रहे। इनके चर्चित उपन्यासों इयारूंगम, मृत्युंजय, राजपथे, रिंगियाई, आई, प्रितपद, शतघ्नी, कालर हुमुनियाहहैं। इनके दो कहानी संग्रह भी प्रकाशित हुए, कलंग आजियो बोइ और सातसरी।<ref>{{cite book |last= |first= |title= वागर्थ (पत्रिका)|year=सितम्बर-अक्टूबर २०००|publisher=भारतीय भाषा परिषद प्रकाशन|location=कोलकाता |id= |page=५२ |accessday= २९|accessmonth= सितंबर|accessyear= २००९}}</ref> |
||
== सन्दर्भ == |
== सन्दर्भ == |
||
{{reflist}} |
{{reflist}} |
06:45, 5 फ़रवरी 2017 का अवतरण
वीरेन्द्र कुमार भट्टाचार्य (१ अप्रैल, १९२४- ६ अगस्त, १९९७) ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता एवं बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे। समाजवादी विचारों से प्रेरित श्री भट्टाचार्य कहानीकार, कवि, निबंधकार और पत्रकार थे। उन्होंने १९५० में संपादित असमी पत्रिका रामधेनु का संपादन कर असमिया साहित्य को नया मोड़ दिया। वे साहित्य अकादेमी दिल्ली और असम साहित्य सभा के अध्यक्ष रहे। इनके चर्चित उपन्यासों इयारूंगम, मृत्युंजय, राजपथे, रिंगियाई, आई, प्रितपद, शतघ्नी, कालर हुमुनियाहहैं। इनके दो कहानी संग्रह भी प्रकाशित हुए, कलंग आजियो बोइ और सातसरी।[1]
सन्दर्भ
- ↑ वागर्थ (पत्रिका). कोलकाता: भारतीय भाषा परिषद प्रकाशन. सितम्बर–अक्टूबर 2000. पृ॰ ५२. नामालूम प्राचल
|accessday=
की उपेक्षा की गयी (मदद); नामालूम प्राचल|accessyear=
की उपेक्षा की गयी (|access-date=
सुझावित है) (मदद); नामालूम प्राचल|accessmonth=
की उपेक्षा की गयी (|access-date=
सुझावित है) (मदद)सीएस1 रखरखाव: तिथि प्रारूप (link)