"राष्ट्रीय पुस्तकालय (भारत)": अवतरणों में अंतर
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* राष्ट्रीय महत्व की प्रत्येक मुद्रित सामग्री (एकदिवसीय प्रकाशनों को छोड़कर) तथा सभी पांडुलिपियां प्रापत करके उनका संरक्षण करना; |
* राष्ट्रीय महत्व की प्रत्येक मुद्रित सामग्री (एकदिवसीय प्रकाशनों को छोड़कर) तथा सभी पांडुलिपियां प्रापत करके उनका संरक्षण करना; |
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* देश से संबंधित मुद्रित सामग्री एकत्र करना चाहे वह कहीं भी प्रकाशित की गई हो; |
* देश से संबंधित मुद्रित सामग्री एकत्र करना चाहे वह कहीं भी प्रकाशित की गई हो; |
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* सामान्य एवं विशिष्ट दोनों प्रकार की सामयिक व पुरानी सामग्री के सन्दर्भ में ग्रंथ सूची और प्रलेखन सेवाएं उपलब्ध कराना (इसमें देश से संबद्ध विभिन्न पहलुओं पर चालू राष्ट्रीय ग्रंथसूचियां तथा पूर्वसमय की ग्रंथसूचियां तैयार करने की जिम्मेदारी भी शामिल है।); |
* सामान्य एवं विशिष्ट दोनों प्रकार की सामयिक व पुरानी सामग्री के सन्दर्भ में ग्रंथ सूची और प्रलेखन सेवाएं उपलब्ध कराना (इसमें देश से संबद्ध विभिन्न पहलुओं पर चालू राष्ट्रीय ग्रंथसूचियां तथा पूर्वसमय की ग्रंथसूचियां तैयार करने की जिम्मेदारी भी शामिल है।); |
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* ग्रंथ सूची जानकारी के सभी सूत्रों के पूरी और सही जानकारी देने वाले सन्दर्भ केंद्र की भूमिका निभाना और अंतर्राष्ट्रीय ग्रंथसूची निर्माध गतिविधियों में हिस्सा लेना; |
* ग्रंथ सूची जानकारी के सभी सूत्रों के पूरी और सही जानकारी देने वाले सन्दर्भ केंद्र की भूमिका निभाना और अंतर्राष्ट्रीय ग्रंथसूची निर्माध गतिविधियों में हिस्सा लेना; |
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* पुस्तकों के अंतर्राष्ट्रीय आदान-प्रदान तथा देश के भीतर पुस्तकें लेने वाले केंद्र की भूमिका निभाना। |
* पुस्तकों के अंतर्राष्ट्रीय आदान-प्रदान तथा देश के भीतर पुस्तकें लेने वाले केंद्र की भूमिका निभाना। |
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19:20, 4 फ़रवरी 2017 का अवतरण
भारत का राष्ट्रीय पुस्तकालय कोलकाता में स्थित है। यह भारत का सबसे बड़ा पुस्तकालय है। राष्ट्रीय पुस्कालय की स्थापना 1948 में 'इंपीरियल लाइब्रेरी अधिनियम, 1948' पारित करके की गई थी। इस पुस्तकालय को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा प्राप्त है।
इसकी मुख्य गतिवियां हैं :
- राष्ट्रीय महत्व की प्रत्येक मुद्रित सामग्री (एकदिवसीय प्रकाशनों को छोड़कर) तथा सभी पांडुलिपियां प्रापत करके उनका संरक्षण करना;
- देश से संबंधित मुद्रित सामग्री एकत्र करना चाहे वह कहीं भी प्रकाशित की गई हो;
- सामान्य एवं विशिष्ट दोनों प्रकार की सामयिक व पुरानी सामग्री के सन्दर्भ में ग्रंथ सूची और प्रलेखन सेवाएं उपलब्ध कराना (इसमें देश से संबद्ध विभिन्न पहलुओं पर चालू राष्ट्रीय ग्रंथसूचियां तथा पूर्वसमय की ग्रंथसूचियां तैयार करने की जिम्मेदारी भी शामिल है।);
- ग्रंथ सूची जानकारी के सभी सूत्रों के पूरी और सही जानकारी देने वाले सन्दर्भ केंद्र की भूमिका निभाना और अंतर्राष्ट्रीय ग्रंथसूची निर्माध गतिविधियों में हिस्सा लेना;
- पुस्तकों के अंतर्राष्ट्रीय आदान-प्रदान तथा देश के भीतर पुस्तकें लेने वाले केंद्र की भूमिका निभाना।