"ग्रिगोरी रास्पुतिन": अवतरणों में अंतर
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ग्रिगोरी रास्पुतिन (१७९० माघ १ - १८३९ पौष २२) रूसी साम्राज्य के राजगुरु थे। जब त्सार निकोलस द्वितीय को प्रथम विश्व युद्ध के समय युद्धक्षेत्र पर रवाना होना पड़ा, तो उन्होंने रूसी राजपाट आचार्य रास्पुतिन के हाथों में सौंप दिया। इस तरह राजधानी सेंट पीटर्सबर्ग में गुरुदेव सबसे प्रभावशाली व्यक्ति बन गए। इस कारण कुछ ईर्षालु षड़यंत्रकारियों ने उनकी हत्या कर दी।
गुरुदेव रास्पुतिन में महिलाओं को आकर्षित करने की असामान्य शक्ति थी। कहा जाता है कि सेंट पीटर्सबर्ग संग्रहालय में संरक्षित उनका शिश्न २९ सेंटीमीटर (११.८ इंच) लंबा है।[1]
सन्दर्भ
- ↑ पुरूष करेंगे ईर्ष्या, महिलाएं करेंगी प्यार, कुछ ऐसा था इनका 'चमत्कार' - दैनिक भास्कर (Jan 12, 2012)